संजीव पालीवाल के ‘मन की बात’

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आज तक के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर संजीव पालीवाल ने बड़ी ही सागफोई के साथ सार्वजनकि रूप से अभी तक मिली नौकरी और उसमें उनकी मदद करने वाले लोगों का नाम सार्वजनिक किया है। जो बेहद ही प्रेरक है। आप भी पढ़िए। इस तरह का सच लिखने के लिए भी जज्बे की जरुरत है।

Thank You… Thank You.. Thank You..

क्या आपको याद है कि जीवन में कब कब किन किन लोगों ने आपके लिये क्या किया? ये सवाल आज सुबह मेरे दिमाग में आया। फिर मैंने सोचना शुरू किया।

पहली नौकरी, 1989, दैनिक ‘आज’ अपने आप

दूसरी नौकरी, 1990, दैनिक जागरण, Yadvesh Kumar

तीसरी नौकरी,1993, अमर उजाला, Rajesh Singh Shrinet ने राजुल जी से सिफारिश की

चौथी नौकरी, 1994, TVi (BiTv), Manoj Chandra ने Ajit Sahi से सिफारिश की, वरना दिल्ली आने का रास्ता कभी ना खुलता, Madhusudan Srinivas ने इंटरव्यू लिया

पांचवीं नौकरी, 1998, सुबह सवेरे, Sudha Sadhanand ने Anikendra Sen से सिफारिश की. Nilendu Sen ने इंटरव्यू लिया

छठी नौकरी, 2000, आजतक, Prabhat Shunglu ने श्रीनी से सिफारिश की

सातवीं नौकरी, 2003, DDNews, Deepak Chaurasia

आठवीं नौकरी, 2004, Channel7/IBN7, Chandrakant Tripathi ji ने सिफारिश की

नवीं नौकरी, 2015, Live India, Ravindra Ambekar ने सिफारिश की

दसवीं नौकरी, 2016, Aaj Tak, Supriya Prasad

यहां सिफारिश करने का मतलब नाम सुझाने से है। जब मौके आते हैं तब लोगों की खोज होती है। उस खोज के दौरान इन तमाम लोगों ने मेरे बारे में बताया। मैने इंटरव्यू दिया। और मेरी सिफारिश करने वालों की उम्मीदों पर खरा उतरा। दो बार ऐसा हुआ जब मैं इंटरव्यू में फेल भी हुआ। एक बार Vinod Kapri ने ज़ी न्यूज़ में सिफारिश की। उमेश उपाध्याय जी ने इंटरव्यू लिया। पर नौकरी नहीं मिली। एक बार दैनिक जागरण में विष्णु त्रिपाठी जी की सिफारिश पर इंटरव्यू हुआ पर बात नहीं बनी।

लेकिन इन सब लोगों का बड़ा योगदान है मेरी ज़िंदगी में। आज याद आया तो सोचा इन सबका शुक्रिया तो बनता है।

आप भी याद कीजिये। आपके लिये भी किसी ने कुछ ना कुछ किया ही होगा।

संजीव पालीवाल के फेसबुक वॉल से साभार