Noida News: रियल एस्टेट के निवेशकों के लिए अच्छी और खुश कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट (Real Estate) खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण यानी (RERA) ने एक महत्वपूर्ण पैसला लिया है। रेरा ने अपने डिजिटल पोर्टल (Digital Portal) पर एक नया प्रावधान शुरू किया है, जिसके अनुसार संयुक्त रूप से आवंटित किसी फ्लैट (Flat) या दुकान के सह-आवंटी को शिकायत में सह-शिकायतकर्ता के रूप में शामिल करना जरूरी कर दिया गया है।
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रेरा अध्यक्ष ने दी जानकारी
पहले इससे जुड़े कई मामलों में देखा गया है कि मुख्य आवंटी ने शिकायत दर्ज करते समय अपने सह-आवंटी को शामिल नहीं किया, जिससे उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल सका। जबकि संयुक्त आवंटियों में अक्सर पति-पत्नी, पिता-पुत्र या भाई-बहन को शामिल किया जाता है। इस समस्या को देखते हुए रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने जानकारी दी कि सभी नई शिकायतों में अब यूनिट के सह-आवंटी को अनिवार्य रूप से सह-शिकायतकर्ता के रूप में शामिल किया जाएगा। पुरानी शिकायतों के लिए भी यही प्रावधान किया गया है, जहां शिकायतकर्ता को आवेदन देना होगा और साथ में निर्माता-खरीददार करार की प्रति (Copy of Agreement) भी देनी होगी।
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विवादों को खत्म करने में होगी सहायता
भूसरेड्डी ने आग जानकारी दी कि रेरा का उद्देश्य सभी आवंटियों के हितों की रक्षा करना है। उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि किसी भी आवंटी को इंसाफ से वंचित न रहना पड़े और उनकी बात भी सुनी जाए। इसीलिए सह-आवंटी को भी शिकायत प्रक्रिया में शामिल करना अब अनिवार्य होगा। उन्होंने आगे यह स्पष्ट किया कि यह फैसला विचाराधीन शिकायतों, आदेशों के निष्पादन और संशोधन पर भी लागू होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेरा की कार्रवाई में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने में सहायक होगा। इसके साथ ही, संयुक्त आवंटियों के बीच होने वाले विवादों को कम करने में भी मदद मिलेगी। अब रियल एस्टेट खरीदारों के हितों की और अधिक प्रभावी रक्षा की उम्मीद है।