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Rent Agreement: मकान मालिक- किराएदार..ये ख़बर ज़रूर पढ़ें

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मकान मालिक और किराएदार Rent Agreement कराने से पहले यह खबर जरूर पढ़ लें

Rent Agreement: आज के समय में शहरों में घर खरीदना आसान बात नहीं है। बहुत से लोग घरों की कीमत सुनकर ही घर खरीदने का सपना खत्म कर देते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग किराए पर ही रहते हैं। हालांकि, किराए पर घर (House for Rent) लेने पर आपको मकान मालिक के साथ एक रेंट एग्रीमेंट कराना होता है। जब भी किसी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Property) को किराए पर लेते हैं तो लैंडलॉर्ड (Landlord) यानी घर का मालिक रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) में जरूरी क्लॉज़ शामिल करवाता है, जिससे किराएदार (Tenant) धोखा ना दे सके। कई बार लोग रेंट एग्रीमेंट में कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण से बाद में उन्हें परेशानी होती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्वाइंट्स के बारे में, जिन्हें किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करवाना चाहिए।

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रेंट एग्रीमेंट में लिखी हो किराए की रकम

किसी भी रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) का सबसे खास बात होती है किराए की रकम। रेंट एग्रीमेंट में किराए की रकम बिल्कुल सही सही लिखी होनी चाहिए। आपको यही पैसा चुकाना होता है। अगर सही पैसा एग्रीमेंट (Agreement) में न लिखी हो तो इससे आपके और मकान मालिक के बीच विवाद हो सकता है। यह पहले से तय होना जरूरी है कि रेंट में मेंटेनेंस फीस, पार्किंग चार्ज जैसी चीजें हैं या नहीं।

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सिक्योरिटी डिपॉजिट

तमाम लैंडलॉर्ड की ओर से किराएदार से एक सिक्योरिटी डिपॉजिट (Security Deposit) जमा कराया जाता है, जिससे अगर उसकी वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हो तो उसकी भरपाई हो सके। इससे लैंडलॉर्ड को यह भी लाभ होता है कि अगर किराएदार अपना किराया चुकाने से मना कर देता है तो सिक्योरिटी डिपॉजिट से वह पैसा काट लिया जाएगा। वैसे तो सिक्योरिटी डिपॉजिट के अमाउंट को रेंट एग्रीमेंट में भी दर्ज किया जाता है लेकिन एग्रीमेंट बनवाते समय उसे वापस लेने की बात भी जरूर लिखवाएं। किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में यह बात शामिल करवानी चाहिए कि जब वह प्रॉपर्टी छोड़ेगा तो उस समय लैंडलॉर्ड सिक्योरिटी डिपॉजिट का अमाउंट उसको वापस कर देगा। अगर किराएदार की वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हुआ हो तो उसे इसमें से एडजस्ट कर सकते हैं।

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नोटिस पीरियड

रेंट एग्रीमेंट में दोनों ही पार्टी को एक जितना समय मिलना चाहिए। जिसमें घर छोड़ने का नोटिस दिया जा सके। किराएदार को अपने हिसाब से रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड पर नेगोशिएशन कर लेना चाहिए। कुछ रेंट एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड भी होता है, जिसके तहत वह रेंट एग्रीमेंट उससे पहले टर्मिनेट नहीं हो सकता। ऐसे में अगर किराएदार बीच में ही घर छोड़ देता है तो भी उसे पूरे समय के पैसे भरने होते हैं। कमर्शियल प्रॉपर्टीज में लीज़ डीड बनाते समय अक्सर इस तरह की शर्तें रखी जाती हैं। हालांकि अगर आप रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी रेंट पर ले रहे हैं तो उसमें इस तरह की शर्तों से बचना चाहिए और अगर ऐसी शर्त हो तो उसे हटाना चाहिए। अगर यह तय है कि आपको लंबे वक्त के लिए रुकेंगे और उससे पहले घर नहीं छोड़ना है तो आप रेंट एग्रीमेंट में लॉक इन पीरियड को शामिल भी करवा सकते हैं।

सामान्य टूट-फूट

एग्रीमेंट में यह भी लिखा होना चाहिए कि किस तरह के नुकसान के लिए किराएदार जिम्मेदार होंगे। रेंट एग्रीमेंट में यह क्लॉज़ जरूर शामिल करवाएं कि सामान्य टूट फूट के लिए किराएदार की जिम्मेदारी न होगी, सिर्फ बड़े नुकसान पर ही किराएदार को पैसे भरने होंगे। लंबे समय तक कहीं रहने पर वहां कुछ सामान्य तरह की टूट-फूट भी होती हैं, जिनका पैसा किराएदार को चुकाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

मिलने वाली सुविधाओं को भी नोट करें

जब भी आप रेंट एग्रीमेंट बनवाने जाएं तो उसमें घर में मिल रही सुविधाओं की पूरी लिस्ट जरूर शामिल करवाएं। घर में दिए जा रहे तमाम उपकरणों को इसमें शामिल कराएं। ऐसा अगर नहीं होगा तो आपको समस्या हो सकती है। हो सकता है आपको शुरुआत में कम सुविधाएं दी गई हों, लेकिन किसी गलतफहमी के कारण से लैंडलॉर्ड को लग सकता है कि आपको ज्यादा सुविधाएं दी गई थीं। ऐसे में लैंडलॉर्ड आपसे उन उपरकरणों की रिकवरी कर सकता है, जो उसे देखने को नहीं मिलेंगे। उदाहरण के लिए हो सकता है कि आपको सिर्फ एक बाथरूम में गीजर की सुविधा मिली हो, लेकिन बाद में लैंडलॉर्ड कहे कि उसने दोनों बाथरूम में गीजर दिया था।

जान लें कहीं बकाया तो नहीं

जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो इस बात का ख्याल रखें कि आप जो घर किराए पर ले रहे हैं, उस पर कोई भी बकाया बिल ना हो। यह बिजली का बिल हो सकता है या सोसाएटी का मेंटेनेंस हो सकता है या फिर पानी आदि का बिल। अगर शुरुआत में ही आप इसे लेकर नियम तय नहीं करेंगे तो हो सकता है कि इसका भुगतान भी आपको ही करना पड़े।

कब होगी किराए में बढ़ोतरी

रेंट एग्रीमेंट में इस बात को भी साफ कर लेना चाहिए कि रेंट एग्रीमेंट कब रिन्यू होना है। साथ ही रिन्यूअल के टाइम रेंट में कितनी बढ़ोतरी की जानी है, इस पर भी पहले से ही नियम तय हो जाने चाहिए।इसका क्लॉज़ भी रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करवाएं।

कौन देगा रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च

जब एक रेंट एग्रीमेंट बनता है तो उसे पर एक खर्च आता है। आपको यह पहले से ही तय करना होगा कि रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च कौन देगा। ज्यादातर यह खर्च लैंडलॉर्ड खुद ही देते हैं, लेकिन कई मामलों में किराएदार से रेंट एग्रीमेंट बनाने का खर्चा लिया जाता है।

प्रॉपर्टी का उपयोग

रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय यह भी साफ कर लेना चाहिए कि जिस प्रॉपर्टी को आप ले रहे हैं उसका इस्तेमाल किन कामों में किया जा सकता है। अगर आप रेंट पर ली हुई प्रॉपर्टी का उपयोग किसी खास काम के लिए करना चाहते हैं, तो उसे रेंट एग्रीमेंट में पहले से ही शामिल जरूर करवा लें, वरना बाद में दिक्कत हो सकती है।

इन बातों को भी जान लेना है जरूरी

रेंट एग्रीमेंट में यह लिखा होना चाहिए कि किन चीजों पर प्रतिबंध है। ज्यादातर मकान मालिक जिसे घर किराए पर देते हैं, उसे किसी और को वह घर किराए पर देने की इजाजत नहीं होती है। कई बार लोग घर किराए पर लेकर अंदर से उसे रिनोवेट करने लगते हैं, लेकिन कुछ मकान मालिक इसकी इजाजत नहीं देते हैं। इस तरह की सारी बातों को रेंट एग्रीमेंट में जरूर लिखना चाहिए।