उद्धव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Property News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाये के कारण अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं। यह खबर उनको खुश कर देने वाली है। दरअसल नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हजारों होम बायर्स को बड़ी राहत मिलने जा रही है।
ये भी पढ़ें: Greater Noida West: Gaur City2 से बड़ी ख़बर
सालों से सैकड़ों रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट में अटके फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू होने वाली है। फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए बिल्डरों से बाद में बकाया लेने की तैयारी है। जिन परियोजनाओं के लिए अधिभोग प्रमाणपत्र (Occupancy Certificate) जारी हो चुका है, लेकिन प्राधिकरण का बकाया होने के कारण रजिस्ट्री की अनुमति नहीं मिल पा रही है, उन परियोजनाओं के खरीदारों की रजिस्ट्री जल्द ही शुरू हो सकती है। इससे करीब 10 हजार फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी।
ये भी पढ़ें: Noida एयरपोर्ट के पास प्लॉट..फ्लाइट से उतरकर पैदल घर पहुंचे
यह प्रस्ताव 13 अगस्त को नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। रियल एस्टेट को उबारने और खरीदारों को घर दिलाने-रजिस्ट्री कराने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार सौंप दी है। शासन से यह रिपोर्ट नोएडा प्राधिकरण को मिल गई है।
केंद्र की बनाई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सात सुझाव दिए हैं। जिन पर अमल करने से नोएडा प्राधिकरण पर क्या फर्क पड़ेगा और फ्लैट खरीदार को कैसे सहूलियत मिलेगी, इसका आकलन करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक समिति बनाई है। एसीईओ मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति रिपोर्ट तैयार कर उससे संबंधित प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में रखेगी। कमेटी के दिए गए सुझावों में फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री पर जोर है।
यह सुझाव भी शामिल है कि ओसी और सीसी को डी-लिंक किया जाए। इसका मतलब यह है कि जिन ग्रुप हाउसिंग परियोजना को अधिभोग प्रमाणपत्र जारी हो चुका है, लेकिन बकाया होने के कारण रजिस्ट्री की अनुमति नहीं मिल पा रही है। ऐसे परियोजनाओं में रजिस्ट्री की अनुमति दी जाए। अब प्राधिकरण स्तर पर मंथन हो रहा है कि अगर रजिस्ट्री करवा दी गई तो बिल्डर बकाया और नहीं देंगे।
अब अधिकारी विचार कर रहे हैं कि बिल्डरों से बकाया और किन तरीकों से लिया जा सकता है।
इसी तरह कमेटी ने सुझाव में यह भी कहा है कि फ्लैट खरीदार अगर तैयार हों तो जैसे हैं तैसे की स्थिति में फ्लैट में कब्जा दे दिया जाए। खरीदार का जो बकाया बचा हो उससे वो फ्लैट के बाकी काम करवाएं। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कॉमन एरिया में काम कराने की जिम्मेदारी किसकी होगी। इससे दिक्कत बढ़ सकती है।
केंद्र की कमेटी के मुख्य सुझाव
● जिन फ्लैट में लोग रह रहे हैं, उनका सभी का पंजीकरण/ सबलीज डीड करवाई जाए।
● तकरीबन पूरी हो चुकी ग्रुप हाउसिंग परियोजना में अधिभोग प्रमाण पत्रऔर कब्जा दिया करें।
● प्रदेश सरकार रिहैबिलिटेशन पैकेज लाए. रुकी हुई परियोजनाओं का वित्त पोषण किया जाए।
● रेरा और प्रशासक मिलकर खराब स्थिति में जा चुके परियोजना के पुनउद्धार का खाका तैयार करें।
● आखिरी सहारे के रूप में परियोजना के लिए इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड का उपयोग किया जाए।
जीरो पीरियड का फायदा मिलेगा
बिल्डरों को कोविड काल और एनजीटी की निर्माण रोक के दौरान जीरो पीरियड का भी फायदा दिया जा सकता है। इससे भी बिल्डरों के बकाये में कमी आएगी।
READ: Noida news-Greater Noida News-khabrimedia-latest local news-latest noida news-latest greater noida news,khabrimedia, Latest News Top news-Latest Noida news-latest News-Delhi Ncr news- Big news of today-Daily News-Greater Noida Society news-Greater Noida News in Hindi