कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
ख़बर नोएडा के स्कूलों में चलने वाले बसों को लेकर है। नोएडा परिवहन विभाग ने उन स्कूल बसों पर कार्रवाई शुरू कर दी है जो बिल्कुल अनफिट हैं। बावजूद इसके बच्चों को लेकर सड़क पर दौड़ पर रही है।
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क्या है पूरा मामला ?
परिवहन विभाग ने सोमवार 3 जुलाई को एक आंकड़ा जारी करते हुए बताया है कि नोएडा में कुल 1868 स्कूल बस और कैब रजिस्टर है जिसमे से 300 से ज्यादा बसें अनफिट हैं। हैरान करने वाली बात ये कि 175 बस तो 20 साल से ऊपर की है जिन्हें परिवहन विभाग ने कबाड़ घोषित कर दिया गया।
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ARTO की तरफ से बार बार नोटिस जारी करने के बाद भी 217 वाहनों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट तक नहीं बन पाए है। इसके साथ ही बहुत सी ऐसे बसें है जो स्कूल बस की मानकों का ख्याल नहीं रख रख रही है। ऐसी बसों में जरुरत से ज्यादा बच्चे भरे जाते हैं जो किसी भी लिहाज से बच्चों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इसके अलावा इस तरह की बसों में न तो फर्स्ट एड बॉक्स रहता है और न ही दवा। अब परिवहन विभाग इन सभी बसों पर कार्यवाई कर रहा है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
स्कूल बस को लेकर गाइडलाइन
बस में फायर सिस्टम जरूर होना चाहिए
स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना।
स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40/kmh
स्कूल बस की बॉडी स्टील की और पूरी तरह से बंद हो।
बस का दरवाजा ठीक ढंग से बंद हो।
प्रेशर हॉर्न या टोनल साउंड सिस्टम प्रतिबंधित होना।
वाहन शैक्षणिक संस्था के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।
स्कूल बस के आगे व पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
बस पर स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए।
स्कूल बस में बच्चों की सूची, नाम व पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट होना चाहिए।
स्कूल बस में चालक के अलावा बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए सहायक हो।
स्कूल बस के चालक और सहायक को ड्यूटी के समय निर्धारित ड्रेस में होना चाहिए।