Pushkar Dhami: Another decision of Dhami government on the issue related to land purchase in Uttarakhand, created a stir...

Pushkar Dhami: उत्तराखंड में भूमि खरीद से जुड़े मुद्दे पर धामी सरकार का एक और फैसला, मचा हड़कंप…

उत्तराखंड राजनीति
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Pushkar Dhami: उत्तराखंड में भूमि खरीद से जुड़े मुद्दे पर धामी सरकार (Dhami Government) के एक और फैसले से राज्य में हड़कंप मच हुआ है। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Pushkar Singh Dhami) ने राज्य के सभी 13 जिलों से भूमि खरीद का बयोरा मांगा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी (Chief Secretary Radha Raturi) ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है और एक सप्ताह के भीतर राजस्व परिषद के माध्यम से ब्योरा देने का निर्देश दिया हैं।

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बता दें कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने बजट सत्र में भू-कानून (Land Law) को लेकर कड़े प्रावधान करने की बात कही है, साथ ही इसको लेकर विधेयक लाने की तैयारी भी चल रही है। उससे पहले सरकार के इस कदम से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है।

गौरतलब है कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में बसे नागरिकों को सरकार ने राज्य में घर बनाने के लिए 250 वर्ग मीटर भूमि खरीदने की छूट दे रखी है। जिसके लिए किसी भी व्यक्ति को सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के संज्ञान में आया था कि एक ही परिवार के लोग अलग-अलग नाम से भूमि खरीद कर भू-कानून का उल्लंघन किया। सीएम धामी ने इस संबंध में सचिव राजस्व को पौड़ी (Pauri), टिहरी (Tehri), नैनीताल (Nainital) और अल्मोड़ा (Almora) जिलों में भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच के निर्देश दिए थे। अब, मुख्य सचिव ने सभी जिलों से ही रिपोर्ट मांग ली है।

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उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर राजस्व परिषद के माध्यम से ब्योरा देने का निर्देश दिया हैं।

मुख्यमंत्री (Chief Minister) द्वारा जारी आदेश में उत्तराखंड (Uttarakhand) (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) का उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2007 में अधिनियम संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए बिना किसी अनुमति के अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग भूमि खरीद करके अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार के इस फैसले से दूसरे राज्यों से आए लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।