Punjab News: पंजाब में होने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। आपको बता दें कि पंजाब सरकार अगले साल यानी जनवरी 2024 में पंचायत चुनाव करा सकती है। पंजाब चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से सभी डीसी कार्यालयों को इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इससे पहले, अगस्त महीने में ग्राम-पंचायत चुनावों को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें सरकार ने 6 महीने पहले ही पंचायतों को भंग कर दिया था। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) पहुंचने के बाद सरकार ने इस पर यू-टर्न लिया था।
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पंजाब चुनाव आयोग की तरफ से डीसी कार्यालयों को भेजे गए नोटिफिकेशन के मुताबिक फाइनल मतदाता सूची 7 जनवरी तक जारी की जानी है। इससे पहले राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव करवाने के लिए मतदाता सूचियां 11 दिसंबर से 18 दिसंबर तक जारी करने को कहा गया है।
नई अधिसूचना के अनुसार 20 दिसंबर तक मतदाता सूचियों का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन बना लेना है। इसी तरह से ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में क्लेम और ऑब्जेक्शन 5 जनवरी तक क्लियर किए जाने को कहा गया है। 7 जनवरी को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित होगी। इस तरह से जनवरी में पंजाब में ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाए जा सकते हैं।
पंजाब में 13 हजार पंचायतें
पंजाब में पंचायतों की कुल संख्या 13,268 हैं, जिनमें चुनाव होना है। जनवरी 2019 में ग्राम पंचायतों के चुनाव कराए गए थे और सरपंचों ने इसके बाद कार्यभार संभाला था। उनका कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो जाएगा। पंजाब सरकार इन चुनावों में देरी नहीं करना चाहती और संभावना है कि जनवरी 2024 में ही ग्राम-पंचायत चुनाव करवाए जा सकते हैं।
अगस्त 2023 को सरकार ने भंग कर दी थी पंचायतें
इससे पहले ग्राम-पंचायतों के चुनावों को लेकर अगस्त 2023 में विवाद हो गया था। सरकार ने 10 अगस्त को पंचायतों को भंग करने का फैसला पंजाब पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 29-ए के अधीन राज्यपाल की अनुमति से लिया। जबकि उनका कार्यकाल जनवरी 2024 तक था। जिसके बाद कुछ ग्राम-पंचायतों के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट चले गए थे। सरपंचों द्वारा तर्क दिया गया कि पंजाब की सभी पंचायतों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति से पहले गलत और अवैध तरीके से भंग कर दिया गया था।
कोर्ट ने ये कहा था
मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद पंजाब सरकार (Punjab Government) को जवाब देने के लिए कहा गया था। जिसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने कोर्ट में सरकार का जवाब दाखिल करते हुए ये फैसला वापस लेने की बात कही थी। सरकार के यू-टर्न पर विरोधी पार्टियों ने भी पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया था।