Punjab

Punjab: पारंपरिक हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देना मुख्य मकसद: CM Mann

दिल्ली दिल्ली NCR पंजाब
Spread the love

Punjab: पंजाब, भारत का एक ऐसा राज्य जिसके बिना भारत की कल्पना भी संभव नहीं है। पंजाब (Punjab) हमेशा से ही अपनी ऐतिहासिकता, गौरवशाली इतिहास और परंपराओं के साथ साथ कला के लिए जाना जाता है। यहां की मिट्टी में न केवल कृषि की खुशबू आती है, बल्कि इसके साथ ही लोक कला और पारंपरिक हस्तशिल्प (Traditional Handicrafts) का अनूठा रूप यहां देखने को मिलता है, जो पीढ़ियों से इस भूमि की पहचान का हिस्सा रहा है।

ये भी पढ़ेंः Punjab: शहीदों के परिवारों के लिए विशेष योजनाएं चला रही है पंजाब सरकार:CM Mann

Pic Social Media

धीरे धीरे समय के साथ आधुनिकता और तकनीकी प्रगति के कारण पारंपरिक हस्तशिल्प उद्योग (Traditional Handicraft Industry) धीरे-धीरे अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करने लगे थे। लेकिन साल 2022 में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई और सीएम बने भगंवत सिंह मान तो, पंजाब के पारंपरिक हस्तशिल्प (Traditional Handicrafts) उद्योग में बड़ा बदलाव आया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने न केवल इस उद्योग को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए भी भरपूर प्रयास किए।

ये भी पढ़ेंः Punjab: CM Mann ने विपक्षी दलों पर कसा तंज, कहा- आपसी लड़ाई में लोगों की अनदेखी

भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने इस उद्योग के महत्व को समझा और शिल्पकारों की समस्याओं को प्राथमिकता दी। उनके कौशल और प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए एक ठोस दृष्टिकोण अपनाया। सीएम भगवंत सिंह मान ने नेतृत्व में पंजाब सरकार ने नीतिगत और व्यावहारिक बदलाव किए, जिससे पारंपरिक शिल्पकारों का आत्मविश्वास बढ़ा और उनकी आजीविका को नई दिशा मिली। आइए आज के इस खबर में हम विस्तार से जानते हैं मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के हस्तशिल्प उद्योग को सशक्त बनाने के लिए क्या क्या काम किए गए हैं……

हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने लिए बनाई नीत

सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने पंजाब (Punjab) के पारंपरिक हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मौजूद नीत में न सिर्फ बदलाव किए बल्कि एक नई नीति भी तैयार की। मान सरकार द्वारा तैयार की गई नीति में स्थानीय कारीगरों को आर्थिक सहायता, जरूरी ट्रेनिंग, और मार्केटिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने का फैसला लिया गया। इसके माध्यम से न केवल कारीगरों को उनके हुनर के लिए सम्मान मिला, बल्कि उनका आर्थिक विकास भी हो रहा है। मान सरकार ने इन कारीगरों को विभिन्न वित्तीय योजनाओं और लोन का लाभ देने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया, जिससे वे अपने काम को बड़े पैमाने पर स्थापित कर सकें।

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

Pic Social Media

स्थानीय कारीगरों को मान सरकार द्वारा मिलता है प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए भी योजना बनाई है। इनमें मुख्य रूप से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई। इन कार्यक्रमों के जरिए कारीगरों को नए तकनीकी और आधुनिक उपकरणों के बारे में बताया जाता है, जिससे वे अपने पारंपरिक शिल्प को और अधिक प्रभावी और आकर्षक बना सकें। इसके साथ ही मान सरकार ने छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई, जिससे कारीगरों को बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में दिक्कत न हो।

Pic Social Media

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना

मान सरकार (Mann Sarkar) का एक बड़ा और जरूरी कदम जो सीएम मान (CM Mann) ने उठाया, वह था पंजाब के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना। मान सरकार ने हस्तशिल्प उत्पादों को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बेचने के लिए पहल की, जिससे कारीगरों के उत्पाद न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिकने लगे। इसके साथ ही, भगवंत सिंह मान सरकार ने हस्तशिल्प मेलों का आयोजन भी किया, जहां कारीगर अपने उत्पादों को दिखा सकते थे और सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ सकते थे।

Pic Social Media

पारंपरिक हस्तशिल्पों की विरासत का संरक्षण

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब के पारंपरिक हस्तशिल्पों की विरासत को संरक्षित करने के लिए भी काम कर रहे हैं। सीएम मान ने पारंपरिक कला रूपों जैसे कि फूलकारी, जुटी बनाना, लाहरी कला, और पटियाला शॉल जैसी शिल्प कला को बचाने और बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना बनाकर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने इन कला रूपों को सिखाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की हैं, जहां पर युवाओं को पारंपरिक कारीगरी की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके माध्यम से न केवल इन कला रूपों को जीवित रखा गया बल्कि युवा पीढ़ी को इस परिश्रम और कला के महत्व का एहसास भी हुआ है।

मेड इन पंजाब को बढ़ावा

सीएम मान ने पंजाब के हस्तशिल्प उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रमोशन पर भी जोर दिया। इसके लिए सरकार ने मेड इन पंजाब जैसे कई ब्रांड की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के हस्तशिल्प उत्पादों को एक अलग पहचान दी गई। इस पहल का उद्देश्य पंजाब के उत्पादों को एक मजबूत पहचान देना है, जिससे इनकी गुणवत्ता और खूबसूरती को पहचाना जा सके। इसके लिए राज्य ने विशेष मार्केटिंग अभियानों का आयोजन किया, जो न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इन उत्पादों को प्रमोट करने में सहायक रहे।

Pic Social Media

हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काम

मान सरकार ने कारीगरों को नए अवसरों के लिए सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई। उन्होंने इन उद्योगों को उद्योग क्षेत्र के रूप में मान्यता दी, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और अनुदान का भी लाभ मिल सके। इसके साथ ही, मान सरकार ने कारीगरों के लिए विशेष लोन योजनाएं भी शुरू की हैं, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकें और नए बाजारों में प्रवेश कर सकें। यह पहल कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मददगार साबित हुई।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हस्तशिल्पों को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बढ़ावा दिया। पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा होने के नाते, हस्तशिल्प न केवल पंजाब की शान और पहचान हैं, बल्कि इनका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। मुख्यमंत्री ने इन शिल्पों को स्थानीय सांस्कृतिक आयोजनों, त्योहारों, और मेलों में प्रमोट किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इन पारंपरिक कला रूपों को जान सकें। इससे राज्य के लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति गर्व और सम्मान का भाव उत्पन्न हुआ।

Pic Social Media

हस्तशिल्प उद्योग में महिलाएं और युवा वर्ग को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को हस्तशिल्प उद्योग से जोड़ने के लिए कई योजना बनाई है। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, और अन्य शिल्प कलाओं में प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे अपना स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें। युवा वर्ग को भी पारंपरिक शिल्प के प्रति आकर्षित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिससे वे इस उद्योग से जुड़ सकें और इसका विकास कर सकें।

Pic Social Media

पंजाब के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का पंजाब के पारंपरिक हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों ने न केवल कारीगरों के जीवन स्तर को सुधारा है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोने में मदद की है। मान सरकार की पहलों ने पारंपरिक शिल्प कला को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक नया आयाम दिया है। इसके परिणामस्वरूप, पंजाब के हस्तशिल्प उद्योग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य सिर्फ आर्थिक विकास ही नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और उसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना भी है।