Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज 24 सेक्टरवार औद्योगिक सलाहकार समितियों का शुभारंभ किया। यह पहल पंजाब को उद्योग और व्यापार का केंद्र बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।
ये भी पढ़ें: Punjab में 108 कैदियों की अग्रिम रिहाई, मान सरकार ने दिखाया पुनर्वास के प्रति विश्वास

इस देश में अपनी तरह की पहली इस पहल के शुभारंभ अवसर पर संबोधित करते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक ने इसे पंजाब के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि 2022 से पहले का दौर वसूलीखोरी से भरा था, जिसमें राजनीतिक नेताओं द्वारा उद्योगपतियों को अपने कारोबार में हिस्सेदारी छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता था। इसके चलते उद्योग पंजाब छोड़कर चले गए और राज्य आर्थिक संकट में चला गया, खासकर नशे की समस्या के कारण।
2022 के बाद हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को पुनर्जीवित और विकसित करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। उन्होंने ‘फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल’ की सराहना की, जिसे भारत की सबसे आधुनिक सिंगल-विंडो क्लियरेंस प्रणाली बताया, जो 150 से अधिक कारोबारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराती है और ऑफलाइन आवेदन की आवश्यकता खत्म करती है। ‘पंजाब राइट टू बिज़नेस एक्ट’ के तहत ₹125 करोड़ तक के निवेश प्रस्तावों को अब महज तीन दिनों में सैद्धांतिक मंजूरी दी जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने कई अहम सुधार किए हैं, जैसे—स्टांप पेपर का कलर कोडिंग, 45 दिनों में मंजूरी देने की समय-सीमा, और तय समय में मंजूरी न मिलने पर ‘डीम्ड अप्रूवल’ की व्यवस्था। उन्होंने बताया कि सरकार ने उद्योगपतियों को नीतियां बनाने में सक्रिय रूप से शामिल किया है, जैसे ‘सरकार-संनतक मिलनी’ (सरकार-उद्योग बैठक) जैसी पहलें। उन्होंने घोषणा की कि आगे से पंजाब सरकार इन समितियों के फैसलों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक उल्टा रुझान है—अब सरकार उद्योगपतियों को शर्तें नहीं थोपेगी, बल्कि इन सेक्टोरल समितियों के फैसलों को लागू करेगी। ये समितियां अन्य राज्यों से श्रेष्ठ तरीकों का अध्ययन करेंगी और उन्हें पंजाब में लागू करेंगी। उन्होंने कहा कि इन समितियों के 99% फैसले लागू किए जाएंगे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पहले से ही कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी है और तेजी से एक रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है। सितंबर 2023 में हुई सरकार-उद्योग बैठक को याद करते हुए उन्होंने बताया कि इन्हीं विचार-विमर्श से 24 सेक्टर-विशेष समितियों का विचार आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समितियां प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के लिए विस्तृत रणनीतियां तैयार करेंगी।
ये भी पढ़ें: Punjab सरकार ने की 14 कल्याण बोर्डों में नई नियुक्तियां, देखिए पूरी लिस्ट…

मुख्यमंत्री ने बताया कि कार्यक्रम में मौजूद कई उद्योगपति इन समितियों के सदस्य भी हैं और उन्हें भरोसा है कि ये समूह पंजाब के औद्योगिक भविष्य का रोडमैप तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति बनाते समय इन समितियों में उद्योग हितधारकों की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। भगवंत मान ने सभी उद्योगपतियों से अपील की कि वे नीतियां बनाने में सक्रिय योगदान दें और अपने बहुमूल्य सुझाव साझा करें। उन्होंने आग्रह किया कि सुझाव पंजाब की औद्योगिक ताकत, वास्तविक चुनौतियों और वित्तीय संदर्भ को दर्शाने वाले हों। उन्होंने बताया कि प्रत्येक समिति में एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव और पंजाब ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट तथा जिला उद्योग केंद्रों के अधिकारी होंगे। साथ ही बड़े उद्योग, एमएसएमई, उप-क्षेत्र और सभी क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में विकास के अपार अवसर हैं और हम एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं। इन समितियों के सहयोग से राज्य एक भविष्यदर्शी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी औद्योगिक इकोसिस्टम तैयार कर सकता है। उन्होंने उद्योगपतियों को भारत का सबसे पसंदीदा औद्योगिक और निर्यात केंद्र बनाने में समान भागीदार के रूप में आगे बढ़ने का निमंत्रण दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब को फिर से जीवंत और समृद्ध बनाने का सपना जल्द ही साकार होगा। उन्होंने बताया कि पंजाब पहले से ही फूड प्रोसेसिंग, वस्त्र, ऑटो कंपोनेंट, हैंड टूल्स, साइकिल निर्माण, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अग्रणी है। मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को ₹1.14 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 4.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, दुबई, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और स्पेन जैसे देश पंजाब में निवेश में रुचि दिखा रहे हैं। यह प्रगति उद्योग-अनुकूल नीतियों, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और अनुकूल निवेश माहौल के कारण संभव हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने व्हाट्सऐप, चैटबॉट एआई और कॉल सेंटर के जरिए रियल-टाइम निवेशक सहायता, फायर एनओसी विस्तार और लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में रूपांतरण जैसी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में विश्वास करती है और इसी कारण निवेशकों व प्रमुख हितधारकों को नीति निर्माण में शामिल किया गया है। उन्होंने अतीत को याद करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में उद्यमियों को दबाया और लूटा गया। “उन नेताओं ने पंजाब को लूटा और उनके हाथ पंजाब के खून से सने थे,” उन्होंने कहा। आज, मुख्यमंत्री ने कहा, पंजाब में आम लोगों की सरकार है, जो सभी को समान अवसर दे रही है। उन्होंने दोहराया कि वर्तमान सरकार उद्योगपतियों को परेशान नहीं कर रही, बल्कि उद्योग को बढ़ावा दे रही है। “ये समितियां अब हमारे प्रयासों में उत्प्रेरक का काम करेंगी,” उन्होंने कहा, यह जताते हुए कि पंजाब तेजी से औद्योगिक विकास में अग्रणी बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि भ्रष्टाचार और नशा पंजाब की पहचान पर सबसे बड़े धब्बे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोनों को खत्म करने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है। ‘युद्ध नशेआं दे विरुद्ध’ अभियान के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं और पंजाब नशामुक्त होने की राह पर है। उन्होंने कहा कि पंजाब हर क्षेत्र में आगे रहेगा और पंजाबी दुनिया भर में नाम रोशन करेंगे। इससे पहले, कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया और उद्योग सचिव केके यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

