पंजाब के लिए वरदान साबित हो रही है CM Bhagwant Maan की योजना सड़क सुरक्षा फोर्स
Punjab: पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं और यातायात के नियमों की अनदेखी से बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Maan) ने इसी साल 27 जनवरी को एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य में सड़क सुरक्षा (Road Safety) को बेहतर बनाना है। इस योजना के तहत पंजाब में सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) का गठन किया गया है।
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पंजाब के 11 जिलों में तैनाती
पंजाब के 11 जिलों में सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) फील्ड में उतर आई है, जिसकी शुरूआत मोहाली से की गई है। पहले फेज में 1296 नए भर्ती किए गए पुलिस कर्माचारी (Police Officer) व मौजूदा 432 कर्मचारी तैनात हैं जो 24 घंटे ड्यूटी पर लगे हैं। हाईवे पर किसी को भी कोई परेशानी आए तो वह 112 नंबर पर कॉल करें, जिसके बाद सड़क सुरक्षा फोर्स तुरन्त मौके पर पहुंच जाएगी।
बताया जा रहा है कि फोर्स को सड़कों की निगरानी के लिए पहले फेज में 144 अत्याधुनिक वाहन दिए गए हैं, जिनमें 116 टोयोटा हाइलक्स व 28 महिंद्रा स्कार्पियों (28 Mahindra Scorpios) शामिल हैं। इन्हें हर 30 किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है। इन वाहनों में सड़क सुरक्षा फोर्स की 4 कर्मचारियों की टीम तैनात है। टीम का नेतृत्व पेट्रोलिंग इंचार्ज के तौर पर ए.एस.आई. या उच्च रैंक के अधिकारी को दिया गया है। फोर्स के पास स्पीड गन, अल्कोमीटर, ई-चालान मशीनें व अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। इसके साथ सीसीटीवी कैमरों की रिक्वरी वाली वैन भी है।
यह टीमें आठ घंटे की शिफ्ट के मुताबिक 24 घंटे तैनात रहती हैं, जिस सम्बन्धी उनको पुलिस प्रशिक्षण अकेडमी, कपूरथला में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) के उल्लंघन को रोकने के लिए यह वाहन स्पीड गन, अल्कोमीटर, ई-चालान मशीनें और ए.आई. आधारित स्मार्ट प्रणाली जैसे अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं। उनके पास कमांड एंड कंट्रोल सैंटर के साथ-साथ रीयल-टाईम सी.सी.टी.वी. कैमरों वाली रिक्वरी वैन भी रहती है। साथ ही सड़क हादसों की जांच और तकनीकी काम संभालने के लिए मैकेनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर और आई.टी. इंजीनियर शामिल हैं। बता दें पुलिस फोर्स को विशेष ट्रेनिंग अकेडमी कपूरथला में दी गई है।
SSF को विशेष रूप से सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने, यातायात नियमों का पालन कराने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए तैनात किया गया है। सड़क सुरक्षा फोर्स का मुख्य उद्देश्य राज्य की सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करना है।
सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ)पंजाब के सीएम भगवंत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। जब वह सांसद थे, तब वह सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकारी व्यवस्था होने की वकालत की थी। और जब वह सीएम बने तो ऐसी ही व्यवस्था कर डाली।
जानिए क्या है सड़क सुरक्षा फोर्स
सीएम भगवंत मान का ड्रीम प्रोजेक्ट सड़क सुरक्षा फोर्स पंजाब की सड़कों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ मुसीबत में जरूरतमंदों की मदद करने वाली एक फोर्स है। पंजाब देश का पहला राज्य है, जहां रोड एक्सिडेंट को रोकने के लिए फोर्स का गठन किया गया है। एक आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में 17-18 लोगों की जान चली जाती है। इसी रोकने के लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान लगातार काम कर रहे हैं साथ ही सड़क सुरक्षा फोर्स लाकर दुर्घटना में कमी लाने का भी प्रयास किए हैं। जो काफी हद तक सफल भी हो रहा है।
पंजाब सरकार (Punjab Government) की इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को काफी सहायता मिल रही है। मात्र 90 दिनों में ही लगभग 5 हजार दुर्घटनाग्रस्तों को सहायता मिली है। 1 फरवरी से 1 मई 2024 तक हजारों लोगों को इसका फायदा मिला है। कई लोगों की जान बचाई गई।
आंकड़ों की मानें तो इस अवधि के दौरान कुल 4901 दुर्घटना हुई। 3078 घायलों को प्राथमिक उपचार कराया गया। 2744 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। समय पर इन घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर उन्हें नई जिंदगी मिली।
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स्टेट हाइवे और एनएच पर फोर्स की तैनाती
सीएम भगवंत मान के अनुसार, इस फोर्स के गठन से पुलिस अपने कर्तव्यों का अधिक प्रभावी ढंग से निभाएगी। फोर्स के लिए जिन वाहनों को शामिल किया गया है, वे दुनिया भर में बेहतरीन वाहनों में से एक हैं। सीएम मान ने कहा कि एसएसएफ(SSF) आम आदमी की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और अब से एसएसएफ के कामकाज का आकलन करने के लिए हर महीने के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। हर महीने डेटा लोगों के साथ शेयर भी किया जाएगा। सड़क सुरक्षा फोर्स में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। एसएसएफ की गाड़ियां चलाने वाली 90 ड्राइवर महिलाएं हैं। यह फोर्स 5,500 किलोमीटर राज्य और नेशनल हाईवों को कवर करेगी। सीएम ने यह भी कहा कि 65 प्रतिशत सड़क मौतें नेशनल और राज्य हाईवों पर होती हैं। इनमें से अधिकतर घातक दुर्घटनाएं शाम 6 से रात 12 बजे के बीच होती हैं। नशे में वाहन चलाने और तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर रोक लगाने के लिए विशेष उपकरणों से लैस 129 गश्ती वाहनों को कुछ निर्दिष्ट मार्गों पर तैनात किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक 30 किमी की दूरी तय करेगा।
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सीएम मान ने बताया कैसे आया टास्क फोर्स के गठन का विचार?
सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने बताया कि राज्य में हर महीने हादसों में 500 से अधिक लोग जान गंवाते हैं। इस लिहाज से साल में 6 हजार लोग एक्सिडेंट में मारे जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, कांग्रेस नेता राजेश पायलट और हास्य अभिनेता जसपाल भट्टी समेत कई हस्तियां सड़क हादसे का शिकार हो गईं।
इसको लेकर सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस फोर्स के गठन का विचार अचानक नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर उन्होंने लोकसभा में सडक हादसों का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया था। सीएम ने आगे कहा कि तब से ही उनके मन में यह सोच थी कि जब भी राज्य की सेवा करने का अवसर मिला तो लोगों की जान बचाने के लिए समर्पित फोर्स का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुताबिक इस फोर्स के गठन से पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी को और अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा सकेंगे।
सीएम मान ने इसको लेकर कहा है कि जो वाहन इस फोर्स को दिए गए हैं, वे दुनिया भर के सबसे बढिया वाहनों में से एक हैं। इन वाहनों की सहायता से एस.एस.एफ. आम व्यक्ति की जान बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी। राज्य की सड़कों पर लोगों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए कनाडा की तर्ज पर सड़क सुरक्षा फोर्स का गठन किया गया है।
नशे में गाड़ी चलाने पर सख्त एक्शन
एस.एस.एफ को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को रोकने के लिए 129 पैट्रोलिंग वाहन इन रूटों पर तैनात किए जाएंगे और वाहन हरेक 30 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा। सीएम मान के मुताबिक यह फोर्स एक ओर राज्य में सडक हादसों के कारण होने वाली मौतों की दर पर रोक लगाने और दूसरी ओर राज्य की सडकों पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोजाना के सड़क हादसों में लोगों की कीमती जान को बचाने के लिए सहायक साबित हो रही है। खास बात यह है कि इन वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजेंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी रहती है। भगवंत सिंह मान ने कहा है कि लोगों को समय पर अपेक्षित डॉक्टरी सहायता मिलने को सुनिश्चित बनाने के लिए फोर्स को ट्रॉमा सैंटरों के साथ जोड़ा जाएगा।
SSF की 90 ड्राइवर महिलाएं
पंजाब की सड़क सुरक्षा फोर्स में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। एसएसएफ की गाड़ियां चलाने वाली 90 ड्राइवर महिलाएं हैं। यह फोर्स 5,500 किलोमीटर राज्य और नेशनल हाईवों को कवर करती है। बता दें कि पंजाब में 65 प्रतिशत सड़क मौतें नेशनल और राज्य हाईवों पर होती हैं। इनमें से अधिकतर घातक दुर्घटनाएं शाम 6 से रात 12 बजे के बीच होती हैं। नशे में वाहन चलाने और तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर रोक लगाने के लिए विशेष उपकरणों से लैस 129 गश्ती वाहनों को कुछ निर्दिष्ट मार्गों पर तैनात किया गया है, जिनमें से प्रत्येक 30 किमी की दूरी तय करता है।
स्टंट किए तो घर छोड़ आएगी फोर्स
सीएम भगवंत मान ने हाईवे पर स्टंट करने वाले लोगों को चेतावनी दी कि वाहन चलाते समय स्टंट न करें। ऐसा करने वाले लोंगों पर यह गाड़ियां नजर रखेंगी और चालान भी करेंगी। इन गाडि़यों पर स्पीड गन कैमरे भी लगाए गए हैं। सीएम मान ने चेतावनी दी कि शराब पीकर गाड़ी न चलाएं। ऐसा किए तो फोर्स घर छोड़कर आएगी। गाड़ी को जब्त कर लिया जाएगा।
अब जानिए SSF के मुख्य कार्य
यातायात नियमों का सख्ती से पालन
SSF को यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने का दायित्व सौंपा गया है।
दुर्घटनाओं की रोकथाम
सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए SSF को सक्रिय रूप से काम करना है।
सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
SSF स्थानीय लोगों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाएगा।
इमरजेंसी रिस्पांस
सड़क दुर्घटनाओं के समय त्वरित रिस्पांस देना भी SSF का एक महत्वपूर्ण कार्य है। सुरक्षा बल के जवान सड़क हादसे में घायल लोगों को जल्द ही अस्पताल पहुंचाएंगे। ताकि समय रहते लोगों की जान बचाई जा सके।
पंजाब में SSF के गठन के बाद से सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। पंजाब सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार
दुर्घटनाओं में 25% की कमी
पंजाब में SSF के गठन के बाद, पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में 25% की कमी आई है।
यातायात नियम उल्लंघन में 30% की कमी
SSF के सख्त नियमों और निगरानी के कारण यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले मामलों में 30% की कमी दर्ज की गई।
मौतों की संख्या में भी कमी
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 15% की कमी आई है।
पंजाब में हर महीने करीब 500 से अधिक लोग हादसों का शिकार होते हैं। इस लिहाज से साल में 6 हजार लोग एक्सिडेंट में मारे जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, कांग्रेस नेता राजेश पायलट और हास्य अभिनेता जसपाल भट्टी समेत कई हस्तियां सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। सीएम भगवंत मान पंजाब में सड़क हादसे पर लगाम लगाने के लिए और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन कराने के लिए हर फैसले ले रहे हैं, इससे साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान खुद इन अभियानों की समय समय पर मानिटरिंग भी करते हैं और जरूरी दिशा निर्देश भी देने का काम करते हैं।
सीएम भगवंत मान के ही प्रयासों से आज यह संभव हो पाया है कि पंजाब में सड़क दुर्घटना में कमी आई है और लोग ट्रैफिक नियमों का पालन भी करने लगे हैं।
SSF की शुरुआत के समय सीएम मान ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने SSF की शुरुआत के समय कहा कि पंजाब के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि पंजाब लोगों को सुरक्षित रखने और जीवन बचाने के लिए एक समर्पित बल लॉन्च करने वाला पहला राज्य बन गया है। सीएम मान ने आगे कहा कि इस बल के गठन और उसके बाद इसे जनता को समर्पित करने में सभी अधिकारियों की अहम भूमिका रही है। सीएम मान ने कहा कि यह फोर्स लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने और यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।