CM Bhagwant Maan

Punjab: Drugs पर करारा प्रहार..ये है CM Bhagwant Maan की सरकार

पंजाब राजनीति
Spread the love

Drugs पर CM Bhagwant Maan सरकार का करारा प्रहार

CM Bhagwant Maan: मार्च 2022 में पंजाब की कमान संभालने वाले सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) ने शपथ लेते ही ये साफ कर दिया था कि पंजाब के युवाओं के लिए नासूर बन चुके ड्रग्स पर हर हाल काबू पाना जरूरी है।
सीएम मान ने पंजाब पुलिस (Punjab Police) के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसका नतीजा ये निकला कि डीजीपी गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) के नेतृत्व पर ड्रग्स तस्करों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई। आगे चलकर ड्रग्स (Drugs) को जड़ से उखाड़ फेंकने लिए सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में STF का गठन हुआ। यह स्पेशल टास्क फोर्स अब नए तौर-तरीकों से ड्रग्स पर अपना शिकंजा कस रही है।

ये भी पढ़ेंः सरकारी नौकरी मिलने से उत्साहित युवाओं ने CM Maan की प्रशंसा की

Pic Social Media

इस नई एसटीएफ का नाम स्पेशल टास्क फोर्स इंटेलिजेंस एंड टेक्निकल यूनिट (SITU) नाम दिया है। यह यूनिट ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क और प्रदेश में ड्रग्स की बढ़ती सप्लाई को जड़ से नष्ट करने के लिए खुफिया जानकारी जुटाने का काम कर रही है। साथ ही पंजाब पुलिस (Punjab Police) की अलग-अलग जांच एजेंसी जैसे पंजाब पुलिस, एसटीएफ और एजीटीएफ के साथ साझा कर ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचा रही है।

मान सरकार की पुलिस ने ड्रग्स तस्करों पर शुरू की नकेल

कभी ड्रग्स के सेवन की लिस्ट में टॉप पर रहने वाले और यहां तक कि ‘उड़ता पंजाब’ कहे जाने वाले पंजाब राज्य में ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ ताबतोड़ कार्रवाई जारी है। इसी का नतीजा है कि मान सरकार के पंजाब की कमान संभालते ही दिसंबर 2022 में पंजाब, ड्रग्स तस्करी के मामले में तीसरे नंबर पर जा पहुंचा।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज 10,432 एफआईआर के साथ उत्तर प्रदेश अब शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद महाराष्ट्र (10,078) और पंजाब (9,972) का स्थान है।

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओर से इस साल जारी की गई पुस्तक ‘रोडमैप फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ सब्सटेंस एब्यूज इन पंजाब’ के दूसरे संस्करण में कहा गया है कि 30 लाख से अधिक लोग या लगभग पंजाब की 15.4 फीसदी आबादी इस समय ड्रग्स का सेवन कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में हर साल करीब 7,500 करोड़ रुपये का ड्रग्स का कारोबार होने का अनुमान है। नशे के कारण कई परिवारों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। मकबूलपुरा को अनाथों और विधवाओं के गांव के रूप में जाना जाता है, क्योंकि नशीली दवाओं के ज्यादातर पीड़ित वहीं से आते हैं।

Pic Social Media

ड्रग तस्करों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई..सीएम मान का सख्त फरमान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त पाए गए पुलिस अधिकारी को बर्खास्त कर दिया जाएगा और तस्करों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। सीएम ने राज्य में निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों एवं तस्करों के बीच साठगांठ को तोड़ने के लिए इन कड़े कदमों का ऐलान किया।

ये भी पढे़ंः Punjab : पंचायत चुनाव को लेकर पंजाब की Maan Sarkar ले सकती है बड़ा फ़ैसला

पंजाब में ड्रग तस्कर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ED ने सकत्तार सिंह को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने पंजाब के बड़े ड्रग तस्कर सकत्तार सिंह को जुलाई 2024 को गिरफ्तार कर लिया है। यह ड्रग तस्कर के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। ED ने सकत्तार सिंह @लाडी को PMLA के तहत गिरफ्तार किया है। सकत्तार सिंह पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है। फरवरी 2023 में ईडी ने मारे थे छापे
इससे पहले 3 फरवरी 2023 को PMLA के सेक्शन 17 के तहत सकत्तार सिंह से जुड़े तरनतारन और अन्य 17 ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे थे। छापे की यह कार्रवाई तहसील नौशेरन पन्नुया और तहसील तरनतारन के गांव बगहा में की गई थी। छापे के दौरान ED ने कई दस्तावेज, ड्रग्स और कुछ हथियार बरामद किए थे।

Pic Social Media


सकत्तार सिंह और उसका परिवार ड्रग्स के कारोबार में शामिल


बता दें कि सकत्तार सिंह और उसका परिवार कई सालों से ड्रग्स के अवैध कारोबार में शामिल है। सकत्तार सिंह के पूरे परिवार पर ड्रग्स तस्करी व अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। ड्रग्स के इस अवैध कारोबार से सकत्तार सिंह और उसके परिवार ने तरनतारन में अकूत संपत्ति बनाई है।

Pic Social Media

ड्रग गिरोहों के लिए आकर्षक बाजार है पंजाब


गोल्डन क्रीसेंट चौराहे (अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान) के पास स्थित होने के कारण इसे ‘मौत का त्रिकोण’ भी कहा जाता है। यह पंजाब ड्रग गिरोहों के लिए एक आकर्षक बाजार है। विडंबना यह है कि यह अफीम, भांग या उनके डेरिवेटिव का उत्पादन नहीं करता है और न ही यह साइकोट्रोपिक दवाओं का निर्माण करता है। पंजाब का ‘चिट्टा’, एक सिंथेटिक हेरोइन व्युत्पन्न है, जिसने वर्ग, लिंग, आयु और स्थान के लोगों के जीवन को बदल दिया है।
पंजाब देश में हेरोइन की कुल बरामदगी का 5वां हिस्सा है। इस राज्य में राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़ जिले और जम्मू-कश्मीर के कठुआ से अफीम की तस्करी की जाती है। हेरोइन की तस्करी पाकिस्तान के जरिए भारत में की जाती है। इस साल अब तक पंजाब पुलिस की ओर से एनडीपीए एक्ट के तहत 9,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 13,000 को गिरफ्तार किया गया है।

Pic Social Media

नशे की गिरफ्त में पंजाब के युवा

पंजाब, भारत के युवा प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन पंजाब के युवा पिछले कई दशकों से नशे की लत में पड़ जा रहे थे। पंजाब में ड्रग्स तस्करी एक गंभीर समस्या बन गई थी। जिसने राज्य के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया था। पंजाब में ड्रग्स की समस्या पिछले कई दशकों से है, लेकिन कुछ सालों से यह समस्या ने गंभीर रूप ले ली। साल 2022 में पंजाब के आम आदमी पार्टी की मान सरकार आने के बाद ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगानी शुरू की। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में ड्रग्स तस्करी और इसके प्रसार को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं। जिसका असर अब पंजाब साफ दिखाई देने लगा है। पंजाब में सत्ता परिवर्तन और भगवंत मान के सीएम बनने के बाद नशा और नशा तस्कीरी पर रोक लगाई गई। जिससे युवा अब नशे की लत से उबर रहे हैं और विकास-रोजगार का हाथ थाम रहे हैं। सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब और पंजाब के युवा विकास की राह पकड़ कर बढ़ चले हैं।

Pic Social Media

एक रिपोर्ट के मुताबिक एम्फैटेमिन और एक्स्टसी जैसी सिंथेटिक दवाएं हिमाचल प्रदेश के बद्दी और दिल्ली से आती हैं। ‘उड़ता पंजाब’ का परिदृश्य इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशंस, चंडीगढ़ के एक अध्ययन में परिलक्षित होता है, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया है कि सर्वेक्षण किए गए नशे के 75.8 प्रतिशत सीमावर्ती जिलों में रहते थे और 15-35 वर्ष के बीच की आयु के थे।

पंजाब सरकार ने विधानसभा में कहा था कि पंजाब में कुल 8.74 लाख लोग नशे के आदी हैं, जिनमें से 2.62 लाख सरकारी और 6.12 लाख निजी तौर पर संचालित नशा मुक्ति केंद्रों में हैं। हालांकि, उन्होंने आशंका जताई थी कि इनकी संख्या अधिक हो सकती है। राज्य सरकार राज्य और निजी नशामुक्ति केंद्रों को मुफ्त नशामुक्ति दवाएं उपलब्ध कराने पर 102 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। सरकार द्वारा नशामुक्ति केंद्रों के माध्यम से…मुफ्त वितरण के लिए ब्यूप्रेनोर्फिन की अनुमानित 20 करोड़ गोलियां खरीदी जा रही थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए 1,29000 लोग नशा मुक्ति केंद्रों तक पहुंचे। ऐसे में जरुरत है नशे पर और ज्यादा प्रहार की ताकि राज्य के युवाओं को नशे की गिरफ्त से दूर करके उनको रोजगार और समाज की भलाई के काम में Involve कर सकें।

Pic Social Media

पंजाब पुलिस का भी इस अभियान में अहम रोल

पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पंजाब पुलिस का सबसे अहम रोल है। डीजीपी गौरव यादव के नेतृत्व में ड्रग्स की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस लगातार कई मोर्चों पर काम कर रही है। पंजाब पुलिस ने कई बार बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी और वितरण नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अनेक ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और बड़ी मात्रा में ड्रग्स जब्त की हैं। इसके साथ ही पुलिस ने समाज में ड्रग्स के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। इन सब प्रयासों के साथ ही पंजाब पुलिस ड्रग्स से जुड़े मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज़ करने के लिए जांच में सख्ती से काम कर रही है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सके।

आइए विस्तार से जानते हैं मान सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों और उनके प्रभाव

ड्रग्स विरोधी अभियान की शुरुआत

बात साल 2022 के मार्च की है, पंजाब में सत्ता परिवर्तन होता है और आम आदमी पार्टी सरकार बनाती है। मुख्यमंत्री बनते हैं सीएम भगवंत सिंह मान। सीएम बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ड्रग्स के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत की। उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया कि पंजाब में ड्रग्स तस्करी और इसके सेवन को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स (STF) का गठन किया गया, जिसे राज्य में ड्रग्स नेटवर्क को तोड़ने और तस्करों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।

Pic Social Media

नई एसटीएफ टीम का गठन

पंजाब में बढ़ते ड्रग्स कारोबार और तस्करी के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए पुलिस ने ड्रग्स तस्करी से जुड़े हर नेटवर्क को तोड़ने के लिए नई एसटीएफ गठित की है। यह स्पेशल टास्क फोर्स अब नए तौर-तरीकों से ड्रग्स पर अपना शिकंजा कर रही है। इस नई एसटीएफ का नाम स्पेशल टास्क फोर्स इंटेलिजेंस एंड टेक्निकल यूनिट (एसआईटीयू) नाम है।

पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने इसकी शुरुआत की थी। इसको लेकर डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि सीएम भगवंत मान ने पुलिस को प्रदेश में ड्रग्स के हर नेटवर्क और तस्करों पर अपना शिकंजा कसने के लिए अलग यूनिट तैयार करने के लिए कहा था। यह यूनिट ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क और प्रदेश में ड्रग्स की बढ़ती सप्लाई को जड़ से नष्ट करने के लिए खुफिया जानकारी जुटाने का काम करेगी। यह जानकारी आगे पंजाब पुलिस की अलग-अलग जांच एजेंसी जैसे पंजाब पुलिस, एसटीएफ और एजीटीएफ के साथ साझा कर ऑपरेशन चलाएगी।

Pic Social media

ड्रग्स पर शिकंजा कसने के लिए ऐसे काम करेगी एसआईटीयू

एसआईटीयू पुलिस इंटेलिजेंस और टेक्निकल यूनिट का प्रयोग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, एक्स या अन्य सोर्स के जरिये और पंजाब के पड़ोसी राज्यों से भी इनपुट लेकर प्रदेश में जिन भी रूट के जरिए ड्रग्स लाई जाती है और कौन-कौन से लोग ड्रग्स तस्करी में शामिल हैं, इन सभी के तथ्यों को जुटाकर उन पर शिकंजा कसेगी।

पंजाब पुलिस के अनुसार 30 तारीख तक प्रदेशभर में 4,677 केस ड्रग्स तस्करी से जुड़े दर्ज किए गए हैं। इन केस में 6,364 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने 30 तारीख तक 487.360 किलो हेरोइन के अलावा अन्य नशों के साथ 6 करोड़ 35 लाख 36 हजार 120 रुपये ड्रग्स मनी भी बरामद की है।

अभियानों और गिरफ्तारियों में तेजी

मान सरकार के कार्यकाल के शुरुआती महीनों में ही ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए गए। STF ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की और कई तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी बरती गई ताकि सीमा पार से होने वाली तस्करी पर रोक लगाई जा सके।

ड्रग्स तस्करों पर बड़ी कार्रवाई

पंजाब पुलिस ने 2023 में पिछले कई सालों से अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स रिकवरी की है। पंजाब पुलिस के अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक 1161.23 किलो हेरोइन पकड़ी गई है। जो पिछले कई सालों में सबसे ज्यादा है। सीमा पर 303 से ज्यादा ड्रोन गतिविधियां देखी गई। डीजीपी पंजाब गौरव यादव के मुताबिक कि पुलिस ने पिछले दो वर्षों में ड्रग तस्करों की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. एसटीएफ और खुफिया विंग ने सड़क स्तर पर 9,000 तस्करों की पहचान करने के अलावा उनकी सूची भी तैयार की है।
एक रिपोर्ट के मुतबिक जुलाई 2022 से जुलाई 2023 तक पंजाब पुलिस (Punjab Police) की ओर से नशे के खिलाफ मुहिम को और ज्यादा तेज कर दिया। जुलाई 2022 से जुलाई 2023 तक 2351 बड़ी मछलियों सहित 16,360 नशा तस्करों (Drug smugglers) को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा पुलिस ने कुल 12,218 एफआईआर दर्ज की हैं जिनमें से 1458 व्यापारिक मामले भी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक पुलिस टीमों ने नशा प्रभावित इलाकों में घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाने के अलावा संवेदनशील रास्तों पर नाके लगा कर राज्य भर से 1073.44 किलोग्राम हेरोइन बरामद की है. पंजाब पुलिस ने गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों से 147.5 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की है जिससे हेरोइन की कुल रिकवरी 1220.94 किलो हो गई है।

Pic Social Media


12.33 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद

पंजाब पुलिस ने बेहद कम समय में राज्य भर में 797.14 किलो अफीम, 902.13 किलो गांजा, 375.47 क्विंटल भुक्की और 65.49 लाख गोलियां, कैप्सूल, टीके व शीशियां बरामद की हैं. पुलिस ने पिछले एक साल के दौरान गिरफ्तार किये गए नशा तस्करों के कब्‍जे से 12.33 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी बरामद की है।

Pic Social Media

चलाया गया जनजागरूकता अभियान

ड्रग्स के खिलाफ केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि जनजागरूकता अभियान को भी प्राथमिकता दी गई। मान सरकार ने राज्य में व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए, जिनका उद्देश्य लोगों को ड्रग्स के खतरों के जागरुक करना था। इस अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों, और ग्रामीण इलाकों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।

नवंबर 2022
मान सरकार ने पंजाब को ड्रग्स मुक्त बनाओ अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत कई जिलों में रैलियां और जनसभाएं आयोजित की गईं। इसमें युवाओं को ड्रग्स से दूर रहने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया।

स्वास्थ्य और पुनर्वास सुविधाओं में सुधार

मान सरकार ने ड्रग्स पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कई स्वास्थ्य केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की। इन केंद्रों में विशेषज्ञों की देखरेख में पीड़ितों को मुफ्त उपचार और सलाह दी जाती है।

दिसंबर 2022

दिसंबर 2022 में पंजाब की मान सरकार ने प्रदेश भर में 50 नए पुनर्वास केंद्र खोले, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस थे। इसके अलावा, नशा मुक्त पंचायतों की स्थापना की गई, जहां ग्रामीणों को ड्रग्स के प्रति सजग किया जाता है।

कानूनी कार्रवाई और सजा की सख्ती

पंजाब की मान सरकार ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में भी तेजी आई। सरकार ने अदालतों में विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति की, जो ड्रग्स से संबंधित मामलों की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर करते हैं। इससे मामलों का तेजी से निपटारा हो रहा है और दोषियों को सख्त सजा दी जा रही है।

जनवरी 2023
पंजाब सरकार ने उन पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जो ड्रग्स तस्करी में शामिल थे या उनकी मिलीभगत पाई गई। इसको लेकर सीएम मान ने साफ साफ कहा था कि पुलिस यारियों व रिश्तेदारियों से ऊपर उठकर काम करे। यदि किसी भी पुलिस मुलाजिम की नशा तस्करी में या तस्करों से भागीदारी पाई गई तो वह तुरंत प्रभाव से बर्खास्त होगा।

सीमा सुरक्षा में वृद्धि

पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए पंजाब के इलाकों में ड्रग्स की तस्करी एक बड़ी समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए, मान सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पंजाब पुलिस के बीच तालमेल बढ़ाया। सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर तस्करों पर निगरानी रखी जा रही है।

मार्च 2023
सरकार ने ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों की सहायता से सीमा पर सख्त निगरानी शुरू की, जिससे कई बार ड्रग्स की तस्करी के प्रयास विफल हुए।

सामुदायिक सहभागिता
इन्हीं प्रयासों के साथ ही मान सरकार ने समुदायों को भी इस लड़ाई में शामिल किया। उन्होंने ग्रामीण और शहरी इलाकों में सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया, जिससे लोग तस्करों और ड्रग्स पीड़ितों के बारे में जानकारी देने में सहयोग कर रहे हैं।

अप्रैल 2023
मान सरकार ने नशा विरोधी ग्राम सभा अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत गांवों में नियमित रूप से सभाएं आयोजित की जाती हैं और लोगों को ड्रग्स के खतरों के बारे में जागरूक किया जाता है।

संपत्ति होगी जब्त

पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने फैसला लिया है कि अगर किसी मादक पदार्थ तस्कर को पकड़ा जाता है, तो उसकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी। सीएम भगवंत मान ने इसको लेकर कहा है कि मादक पदार्थ तस्कर की संपत्ति उसके पकड़े जाने के एक सप्ताह के अंदर कुर्क कर ली जाएगी।

नशा मुक्त पंजाब का लक्ष्य

पंजाब की मान सरकार ने साल 2024 तक पंजाब को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने एक विस्तृत योजना बनाई है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
सरकार ने घोषणा की कि अब तक उनके अभियान के तहत लाखों युवा ड्रग्स से मुक्त हो चुके हैं और पुनर्वास केंद्रों में उपचार करा रहे हैं। साथ ही पंजाब की मान सरकार इसी साल तक पंजाब को नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। पंजाब के सीएम भगवंत मान खुद इस अभियान की समस समय पर मानिटरिंग कर रहे हैं। और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी देते हैं। सीएम भगवंत मान के ही प्रयासों से आज पंजाब और पंजाब के युवा नशे की लत से बाहर निकल पा रहे हैं।

ऑपरेशन ईगल

पंजाब पुलिस ऑपरेशन ईगल अभियान के तहत भी नशा तस्कर पर एक्शन ले रही है। इस अभियान का उद्देश्य पंजाब में गैंगस्टरों, आतंकियों, और अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करना है। इस अभियान के तहत, पुलिस ने संगठित अपराध, ड्रग्स तस्करी, और अवैध हथियारों की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशंस, छापेमारी, और गिरफ्तारी की कार्रवाही हो रही है। ऑपरेशन ईगल का मुख्य उद्देश्य राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखना और जनता में सुरक्षा की भावना को बढ़ाना है।