ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में अपनी बुनियादी सुविधाओं को लेकर निवासी पिछले 5 दिनों से रात-दिन जन आंदोलन कर रहे हैं। जिसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी शामिल हैं। मकसद सिर्फ एक ही है-अपना हक लेकर रहना। लेकिन मैनेजमेंट के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
सुपरटेक इकोविलेज़-1 के फ्लैट खरीददार बिल्डर के निरंकुश रवैये के खिलाफ एकजुट हुए और 23 अप्रैल से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर बैठ गए हैं। हर रोज इस सोसायटी के ढेर सारे बुजुर्ग, महिलाएं सभी निवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हौंसले से बिल्डर की कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन में डट कर भागीदारी निभा रहे हैं।
निवासियों के अनुसार बिल्डर ने बिना OC CC के टॉवरों में अधूरी या ध्वस्त सुविधाओं के साथ अपने परिवार के साथ रहने पर मजबूर कर दिया है, फ्लैटों को रजिस्ट्री न होने की वजह से बहुत सारे लोगों कों प्राइवेट बैंको की भयानक ब्याज वाली EMI देना पड़ रही है। रजिस्ट्री न होने की वजह से लोन पोर्टेबिलिटी भी नही हो सकती दूसरी तरफ रजिस्ट्री से भी विकट समस्या प्रति किलोवाट बिजली लोड बढ़ाने को लेकर है जिसके लिए 29 हज़ार रुपए वसूला जा रहा है जबकि इसकी सरकारी कीमत मात्र 150 से 200 रुपये ही है।
रज़िडेंट्स की मांग है, इनको NPCL के किलोवाट लोड बढ़ाने के बराबर किया जाए। सुपरटेक ने फ्लैट बेचते समय खरीददार को ओपन पार्किंग फ्री में दी थी। लेकिन आज उसी पार्किंग को कवर्ड करने के 5 लाख रुपए तक वसूले जा रहे हैं। जबकि 3-4 साल पहले इसकी क़ीमत लगभग 50 हजार थी। रज़िडेंट्स की मांग है इसे पहले जैसा ही किया जाए।
इसके अलावा बिल्डर सुपरटेक की करतूतों की फेहरिस्त बहुत लंबी और पीड़ादायक है… पूरा पैसा लेकर लोगों को फ्लैटों में रहने को दे तो दिया मगर अब तक सोसायटी के कॉमन एरिया, जिसका पूरा पैसा खरीददार दे चुका है, काम आधा अधूरा ही हुआ है या फिर शुरू ही नही हुआ… जिसमें प्रमुख है बिजली का अधूरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जिसकी वजह से गर्मियों में आये दिन 12 से 36 घंटे तक टॉवरों की बिजली चली जाती है, बच्चे, बूढ़े, बीमार सब बेबस ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं।
इसके अलावा सोसायटी की दूसरी STP का काम 1 साल से सिर्फ नाम के लिए शुरू किया है, 95% काम बाकी है। अधूरे क्लब, टॉवरों के फायर फाइटिंग कार्य और लिफ्ट, पानी जलभराव, बेसमेन्ट सफाई…ये सब काम अपने पूरे होने के 5 साल का रोना रो रहे हैं। सिक्योरिटी और मेंटीनेंस भी बिल्डर की ही B कंपनी होने से व्यवस्ता कुव्यवस्था में बदल गई है। यहां तक कि डीज़ल से चलने वाले DG सेट जनरेटर भी NGT की खुलेआम गाइडलान का उल्लंघन करके धड़ल्ले से चलते है।
फायर, पॉल्यूशन बोर्ड, हेल्थ डिपार्टमेंट, NGT इत्यादि सभी संस्थानों मानकों का खुला उल्लंघन कई सालों से बिल्डर इस सोसायटी में करता आ रहा है। रज़िडेंट्स तड़प तड़प कर बीमार होकर भी अव्यवस्था में रहने को मजबूर हैं। रोने की बात ये है कि हमारी सरकार ने भी हमसे बेरुखी कर रखी है, हमारी तरफ से आंखें मूंद रखी है! हम किसके सामने रोएं, कहां कहां गिड़गिड़ाए ।
रज़िडेंट्स का कहना है ये सुपरटेक इकोविलेज़-1 का अनिश्चितकालीन सर्वजन आंदोलन है, सोसायटी के युवा के साथ सभी बुजुर्ग, महिलाओं, बच्चों का आंदोलन है, अब ये तभी थमेगा जबतक सरकार व प्रशासन संज्ञान लेकर बिल्डर की कुनीतियो और भ्रष्टाचार के खिलाफ करवाही न करके हमारी मांगों को पूरा नही करती।
आन्दोलन चलता रहेगा, बड़ा होता रहेगा।