Prayagraj Kumbh Mela 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में 2025 में महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela) का आयोजन होना है। उससे पहले प्रयागराज की दीवारों पर सनातन संस्कृति से उकेरा जा रहा है। इस काम में देशभर के कलाकार दिन-रात मेहनत कर रहे है। जिससे शहर को एक नया और आकर्षण रूप मिल रहा है।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अनूठी पहल ने संगम नगरी को एक बड़े कैनवास में तब्दील कर दिया है। महाकुंभ- 2025 (Maha Kumbh- 2025) के लिए प्रयागराज की दीवारों को धर्म, संस्कृति और आस्था के रंगों से सराबोर किया जा रहा है। प्रयागराज और देशभर से आए कलाकार दिन-रात सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों को दीवारों पर उकेर रहे हैं। 10 लाख स्क्वायर फीट से भी बड़े क्षेत्र में महाकुंभ- 2025 के लिए पेंटिंग्स तैयार की जा रही हैं।
इंदौर की अर्चना जाधव (Archan Jadhav) की 70 लोगों की टीम दिन-रात दीवारों पर पेंटिंग बनाने में जुटी है। अर्चना अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रयागराज आ गई थीं। वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि योगी जी की ओर से यह ऐसा कार्य कराया जा रहा है, जो दिव्य भी है और नव्य भी है। उनकी टीम म्यूरल पेंटिंग, 3डी आर्ट, मधुबनी आर्ट आदि पर काम कर रही है। नटराज की नृत्य करती 108 मुद्राएं भी उनकी टीम ने दीवारों पर बनाई हैं।
अर्चना बताती हैं कि रामायण को दीवारों पर उकेरा जा रहा है। भगवान राम, माता सीता, हनुमान आदि को दर्शाते हुए पूरी रामायण दीवारों पर बनाई जा रही है। फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स के अलावा कुछ मूक-बधिर युवा भी दीवारों पर पेंटिंग बना रहे हैं। अर्चना की टीम विशेष रूप से सनातन संस्कृति को बढ़ावा देते चित्रों को बना रही है। अर्चना बताती हैं कि नवंबर के अंत तक वो अपनी पेंटिंग्स को पूरा कर लेंगी। अर्चना की टीम में प्रयागराज के अलावा सुल्तानपुर, अयोध्या, बनारस, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि के छात्र काम में जुटे हुए हैं। सभी को पारिश्रमिक मिलता है।
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पुणे के अमित दरस्तवार (Amit Darstwar) महाकुंभ मेला क्षेत्र में दीवारों पर सनातन के प्रतीकों की पेंटिंग्स बना रहे हैं। उनकी 10 लोगों की टीम गंगा माता, जीव-जंतुओं, साधुओं की रियलिस्टिक पेंटिंग, वाद्य यंत्र, हिंदू धर्म के चिन्ह आदि पर काम कर रहे हैं। अमित की टीम ने मेला प्राधिकरण के कार्यालय की दीवारों पर बेहद सुंदर चित्र बनाए हैं। समुद्र मंथन, सप्त ऋषि आदि की पेंटिंग भी दीवारों के साथ फ्लाईओवर, पिलर्स पर बनाई जा रही हैं।
दीवारों पर पेंटिंग्स कितने दिनों तक सुरक्षित रहेंगी, के सवाल पर अर्चना जाधव कहती हैं कि दो साल तक पेंटिंग्स अपने मूल स्वरूप में बनी रह सकती हैं, यदि लोग उन्हें नुकसान न पहुंचाएं।वैसे यह पेंटिंग्स पांच साल तक भी सुरक्षित रहेंगी, यदि इनका सही से रख-रखाव किया जाए।
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संगम नगरी की दीवारों को जीवंत कर रहे अर्चना, अमित, अनामिका, सुभाषना, नेहा जैसे युवा कलाकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब देश-दुनिया से श्रद्धालु महाकुंभ में आएंगे तो सनातन संस्कृति, रामायण, भगवान राम, श्रीकृष्ण, भोलेनाथ, सनातन संस्कृति, हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीकों को देखकर योगी जी का ह्रदय की गहराइयों से धन्यवाद देंगे।
2019 में अर्द्ध कुंभ में गिनीज बुक में दर्ज हुआ था पेंटिंग का रिकॉर्ड
वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अर्द्ध कुंभ के दौरान भी हजारों छात्रों, आम नागरिकों और पेंटर्स ने 8 घंटे तक लगातार पेंटिंग वॉल पर हाथों के रंग-बिरंगे छाप से ‘जय गंगे’ थीम की पेंटिंग बनाई थी, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज हुआ था।