Personal Loan से जुड़ी ये बातें भी जान लीजिए
Personal Loan: अगर आपका भी बैंक से कोई पर्सनल लोन चल रहा है तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आफको बता दें कि पर्सनल लोन, एक तरह से हमें तत्काल वित्तीय सहायता (Financial Help) प्रदान करता है, लेकिन क्या होता है जब हम इस लोन की किस्तों का भुगतान (Payment) समय पर नहीं कर पाते हैं? आइए आज के इस खबर में हम आपको बताते हैं कि पर्सनल लोन की किस्तें न चुकाने पर बैंक (Bank) आपके साथ क्या कर सकते हैं।
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सबसे पहले मिलती है रिमाइंडर नोटिस
जब कोई लोन की किस्त नहीं जमा करता है, तो बैंक सबसे पहले रिमाइंडर नोटिस (Reminder Notice) मिलती है। यह नोटिस ईमेल, पत्र या फोन कॉल के जरिए से भी हो सकता है, जिनमें उधारी की बकाया राशि के बारे में सूचना दी जाती है। इन रिमाइंडरों का उद्देश्य उधारी चुकता करने का एक आखिरी मौका देना है, ताकि गंभीर कदम उठाने से पहले भुगतान किया जा सके।
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लेट पेमेन्ट फीस भी लग सकती है
अगर किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक लेट पेमेन्ट फीस लगाते हैं, जो लोन की कुल राशि को बढ़ा देती है। यह अतिरिक्त शुल्क आपके वित्तीय तनाव को बढ़ा सकता है और लोन चुकाने की प्रक्रिया को और भी कठिन बना देता है।
क्रेडिट स्कोर भी हो सकता है खराब
पर्सनल लोन (Personal Loan) को जमा न करने से आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर सीधा असर पड़ता है। बैंक आपके बकाए भुगतान की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को सौंपते हैं, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। एक घटित क्रेडिट स्कोर भविष्य में लोन लेने की प्रक्रिया को मुश्किल बना देता है, क्योंकि इससे यह प्रतीत होता है कि आप एक उच्च जोखिम वाले उधारकर्ता हैं।
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कानूनी कार्रवाई भी हो सकता है
अगल लोग का भुगतान लगातार न किया जाए, तो बैंक कानूनी कार्रवाई भी करती है। इसके तहत बैंक कोर्ट में केस दायर कर सकते हैं और उधारी की रिकवरी के लिए न्यायिक प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में कोर्ट के फीस बी जोड़े जा सकते हैं, जो उधारकर्ता के लिए अतिरिक्त बोझ साबित हो सकते हैं।
सैलरी से भी हो सकती है कटौती
कई बार, बैंक कोर्ट के आदेश के बाद आपके सैलरी से भी कटौती कर लेती है। इसका मतलब है कि आपकी मासिक सैलरी से एक निश्चित हिस्सा बैंक द्वारा काटा जाएगा। यह कदम ज्यादातर तब उठाया जाता है जब बैंक को कोर्ट से आदेश मिलता है।
संपत्ति की जब्ती
आपको बता दें कि कुछ मामलों में, जब उधारकर्ता लोन जमा नहीं करते हैं तो बैंक द्वारा जमा की गई संपत्ति या संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि आपकी संपत्ति, जैसे की गहने, वाहन, या घर, बैंक द्वारा जब्त की जा सकती है, यदि वह लोन के खिलाफ गिरवी रखी गई हो।
डेब्ट कलेक्शन एजेंसी का हस्तक्षेप
अगर बैंक से लोन की रिकवरी नहीं हो पा रही है तो वे डेब्ट कलेक्शन एजेंसियों का सहायता ले सकते हैं। ये एजेंसियां उधारी की वसूली के लिए संपर्क करती हैं, मोल-भाव करती हैं और कभी-कभी कठोर तरीके भी अपनाती हैं, जैसे कि व्यक्तिगत मुलाकातें। इससे ज्यादातर उधारकर्ता को मानसिक तनाव हो सकता है और वित्तीय संकट और बढ़ सकता है।
बैंक खाता फ्रीज करना
आखिरी उपाय के रूप में, बैंक आपके बैंक खाते को फ्रीज कर सकते हैं। इसमें आप अपने खाते से किसी भी तरह की रकम निकाल नहीं सकते। अगर आप सैलरी या अन्य फंड्स जमा करते हैं, तो इन पर भी रोक लग सकती है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति और खराब हो सकती है।
को-साइनर्स को भी हो सकता है नुकसान
अगर आपके लोन पर कोई को-साइनर है, तो बैंक उसे भी जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। इसके मायने को-साइनर की संपत्ति और क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित हो सकता है। यह रिश्तों में तनाव का कारण बन सकता है और वित्तीय समस्याओं को बढ़ा सकता है।
वित्तीय तनाव भी बढ़ सकता है
आखिरकार, पर्सनल लोन को जमा न करने से दीर्घकालिक वित्तीय कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं। बैंक द्वारा की गई कार्रवाइयां, जैसे कि कानूनी मामले, वसूली एजेंसियों से संपर्क और बढ़ते शुल्क, उधारकर्ता को मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आप बैंक से संपर्क करें और एक समाधान खोजने की कोशिश करें।

