Noida News: नोएडा और ग्रेनो में लगातार भूजल स्तर (Groundwater Level) नीचे गिर रहा है। ग्रेनो में 7 साल में पहली बार मानसून के बाद भूजल एक फुट से ज्यादा नीचे गया है। लेकिन इस अवधि में नोएडा (Noida) के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका मुख्य कारण सोसाइटियों और विकास परियोजनाओं में एसटीपी (STP) के पानी के बजाय भूजल का प्रयोग होना है। पढ़िए पूरी खबर…
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पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक भूजल के अंधाधुंध दोहन (Indiscriminate Exploitation) से यह हालात पैदा हुए हैं। शहरी क्षेत्रों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। जमीन के नीचे का पानी इस्तेमाल करने के लिए नोएडा में 24.14 मीटर (80 फुट) और ग्रेनो में 13.77 (45 फुट) तक खुदाई करनी पड़ रही है।
हैरानी की बात यह है कि वर्ष 2017 से 2023 तक ग्रेटर नोएडा में हर वर्ष मानसून (Monsoon) के बाद जलस्तर बढ़ता था। लेकिन 2024 में यहां जलस्तर नीचे चला गया है। जबकि इस वर्ष भारी वर्षा हुई थी, जिससे जिले में बाढ़ आ गई थी। बाढ़ ने यमुना और हिंडन के किनारे बसे 64 से अधिक गांवों को चपेट में ले लिया था और डूब क्षेत्र में रहने वाले करीब 8 हजार लोगों को विस्थापित करना पड़ा था।
यहां हालात ज्यादा खराब नोएडा के सेक्टर-39 कोतवाली में भूजल स्तर 30.82 मीटर (101 फुट), राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 31.69 मीटर (104 फुट), गढ़ी चौक प्राइमरी पाठशाला में 38.05 मीटर (125 फुट) व सेक्टर-41 आगाहपुर गांव और सेंट्रल वूमन ट्रेनिंग सेंटर (Central Women Training Center) में 31 मीटर (104 फुट) तक पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-36 में 23 मीटर और गुलिस्तानपुर गांव में 22.74 मीटर तक पहुंच गया है।
जेवर में 2.72 फुट जलस्तर गिरा
जेवर में गिरता जलस्तर (Water Level) समस्या बन गया है। मानसून के बाद जेवर में 2.72 फुट जलस्तर गिरा है। जबकि दादरी में 2.32 फुट व बिसरख में 1.24 फुट नीचे चला गया। इसका का कारण सिंचाई में पानी का इस्तेमाल होना है।
हाइड्रोलॉजिस्ट भूगर्भ जल विभाग की अंकिता राय (Ankita Rai) ने बताया है कि पानी की बर्बादी होने के कारण भूजल गिर रहा है। जिस साइट पर बोरवेल से पानी निकलता पाया जा रहा हैं, वहां जुर्माने की कार्रवाई की जा रही हैं।