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Olympiad: Noida की बेटी ने तो कमाल ही कर दिया

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Olympiad: Noida के लोगों के लिए अच्छी खबर

Noida News: नोएडा के लोगों के लिए बड़ी और खुश कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुए 49वें शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad) में भारत ने इतिहास बना दिया है। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत की महिला और पुरुष दोनों टीमों ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। यह कारनामा हमारे युवा खिलाड़ियों ने कर दिख लाया है। स्वर्ण पदक जीतने में नोएडा की बेटी वंतिका अग्रवाल (Vantika Agarwal) का बड़ा योगदान रहा है। वंतिका ने न सिर्फ महिला टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में सहायता की, बल्कि खुद भी गोल्ड मेडल (Gold Medal) हासिल कीं। वंतिका ने महिलाओं के बोर्ड-4 पर खेलते हुए यह शानदार उपलब्धि हासिल की। यह जीत भारतीय शतरंज (Indian Chess) के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
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नोएडा के सेक्टर-27 में रहती हैं वंतिका

आपको बता दें कि नोएडा (Noida) के सेक्टर-27 में रहने वाली वंतिका अपनी मां की लाडली बेटी हैं। वंतिका की सफलता में उनकी मां संगीता अग्रवाल की सबसे बड़ी भूमिका रही है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) संगीता शुरू से ही उनके खेले प्रबंधक की पूरी भूमिका में रही। बेटी के लिए उन्होंने खुद के करियर की चिंता नहीं की। वह हर टूर पर साए की तरह बेटी के साथ रहती हैं और मां और मैनेजर दोनों की भूमिका निभाती हैं।

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यह भी इत्तेफाक है कि वंतिका को पहला ग्रैंड मास्टर नॉर्म अपनी मां के जन्मदिन पर ही मिला था और दूसरा अपने पिता के जन्मदिन पर। हर बड़े मैच से पहले मां उनका हौसला बढ़ाती हैं लेकिन हार पर कभी गुस्सा नहीं करती बल्कि गले लगाकर हिम्मत भी देंती हैं। वंतिका बताती हैं, शुरू में मुझे हारने पर बहुत गुस्सा आता था। यहां तक की नींद में भी बड़बड़ाने भी लगती थी। लेकिन मेरी मां मुझे संभाल लेती थी। वक्त के साथ में मैच्योर हो गई हूं।