Noida: 5 स्टार होटल में लंच के लिए फोन आते तो हो जाइए सावधान, नहीं तो…
Noida News: अगर आपके भी पास 5 स्टार होटल (5 Star Hotel) में लंच या डिनर करवाने के लिए फोन आए तो जरा सावधान हो जाइए। आपको बता दें कि इन दिन ठगी की खूब घटनाएं सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश के हॉलिडे पैकेज के नाम पर ठगी करने वाली एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है। अगर आपको हॉलिडे पैकेज (Holiday Packages) के लिए अनजान नंबर से फोन और अच्छार ऑफर दे तो सावधान हो जाएं। क्योंकि, ठग लुभावने ऑफर का लालच देकर खूब ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही खुलासा नोएडा सेक्टर-63 पुलिस (Noida Sector-63 Police) ने किया है। गौतमबुद्धनगर में लगभग 2 साल से चल रही होलिडे कंपनी पर पुलिस ने कार्रवाई की है। डीसीपी सेंट्रल (DCP Central) शक्ति मोहन अवस्थी के मुताबिक इस मामले में कंट्री होलिडे ट्रेवल इंडिया के 2 एजीएम रवनीत और अजय समेत 32 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें 17 लड़कियां भी शामिल हैं।
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हॉलिडे पैकेज (Holiday Packages) के नाम पर कंपनी सेक्टर-63 में ही 2 ऑफिस से ठग कर रही थी। इस तरह की पुलिस को 7 शिकायतें मिली थीं। दो लोगों ने ऑनलाइन तरीके से रिपोर्ट की थी। बेंगलुरु पुलिस ने आरोपियों के 2 अकाउंट भी फ्रीज करवा दिए। इसकी सूचना के बाद टीम को जांच में लगा दिया गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से कई लैपटॉप, मोबाइल और लोगों का डेटा भी मिला है।
पुलिस ने जानकारी दी कि कंपनी डार्क वेब (Dark Web) से ऐसे लोगों का डेटा खरीदती थी, जो इंटरनेट पर किसी भी जगह के हॉलिडे प्लान के लिए सर्च करते थे। डेटा हासिल होने के बाद कॉलिंग टीम को सौंप दिया जाता था। कॉलर दूसरी नामी कंपनियों से कम दाम में पैकेज ऑफर करता था। पैकेज के लिए तैयार होने पर आरोपी अपने एक प्रतिनिधि को उनके घर भी भेजते थे। पूरी डिटेल देने के साथ रुपये भी वहीं कलेक्ट करते थे। वहीं, कुछ मामलों में कंपनी किसी 5 स्टार होटल में लंच या डिनर रखकर अपने प्लान को बेचा करती थी।
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पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपियों ने कंपनी को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर में रजिस्टर्ड भी करवाया था। डीसीपी ने जानकारी दी कि अभी कंपनी के डायरेक्टर विशाल, सेल्स हेड आकाश, एडमिन दीपक, सेल्स टीम ज्योति और श्रेयस फरार हैं। उनकी खोज जारी है।
डीसीपी ने कहा कि कंपनी लोगों को टारगेट करने के बाद 2 टीम के साथ काम करती। पहली टीम लोगों को पैकेज बेचने का काम करती थी, जिसमें 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के पैकेज होते थे। ये पैकेज देशभर के लिए होते। आरोपी नामी होटल और एजेंसी से टाइअप के बारे में जानकारी देते। एक बार पैकेज लेने के बाद जब कोई पीड़ित अपनी लोकेशन पर जाता है तो वहां उसे जानकारी होती कि उनके नाम की कोई बुकिंग ही नहीं है, जिसके बाद टेक टीम काम करने लगती थी।
वह पहले लोगों को तकनीकी कमी के साथ समस्या होने के कारण दूसरा होटल बुक करने के लिए कहते। वहीं, जो लोग रिफंड के बारे में बात करते तो उन्हें कंपनी की कई पॉलिसी बताकर बाद में नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता था। अभी तक की जांच में दिल्ली-एनसीआर से बाहर के लोगों को ठगने का मामला सामने आया है। एक पुलिस टीम पूरे डेटा की जांच कर रही है।
ये हुए गिरफ्तार
रवनीत, प्रत्सुस, शुभांकर, मनोज, दीपक, योगेश, हर्षित, आदिल, विनीता, प्राची, हिमांशी, नीलम, कौशल, पुष्पेंद्र, सिद्धार्थ, रंजीत, मनोज कुमार, अजय किशोर, अभिषेक, अंकिता, निकिता, राधा वर्मा, अंजलि, निशा, साजिमा, गुंजन, स्वेता, भावना, महक, नीलिका, आकांक्षा और कंचन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी 12वीं से लेकर मैनेजमेंट कोर्स की पढ़ाई के बाद ठगी करने करने वाली कंपनी में काम कर रहे थे।
इंटरनेट पर अगर आप कुछ भी सर्च करते हैं तो उसके बाद उससे जुड़े ऐड लोगों को दिखते हैं या फिर उनसे जुड़ी कंपनी की कॉल आती हैं। यह लोगों के लिए हैरान करने वाला होता है। सेक्टर-63 में चल रही कंपनी पर कार्रवाई के बाद पुलिस को उनके पास से 10 हजार से ज्यादा लोगों का डेटा पाया है। डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी दी कि कंपनी अपनी टेक टीम की मदद से लोगों का डेटा ले रही थी। वह हर बार 12-14 हजार लोगों का डेटा लेते थे, जिस पर कॉल कर अपने जाल में फंसाते थे।
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डीसीपी के मुताबिक यह डेटा उन सभी लोगों का होता है, जो इंटरनेट पर विभिन्न सर्च इंजन पर हॉलिडे सर्च किए होते हैं। शुरुआती जांच में सामने आया कि डार्क वेब पर बल्क में लोगों का डेटा बेचा जाता है। यह अलग-अलग कैटिगरी का होता है, जिसमें लोग अपनी पसंद के हिसाब से लोगों का डेटा लेते हैं।
डीसीपी ने जानकारी दी कि कंपनी के कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि गैंग 1 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से डेटा लेता था। आरोपी आउटसोर्स लोगों की सहायता से विभिन्न मॉल और दूसरे स्थानों पर स्टॉल लगाने के बाद लकी ड्रॉ के नाम पर भी लोगों का डेटा लेते थे। इन 2 तरीके से लोगों की पूरी प्रोफाइल के बारे में आरोपी जानकारी हासिल करते हैं।