उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Noida News: उप्र भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (UP Real Estate Regulatory Authority) यानी यूपी रेरा (UP RERA) ने गौतम बुद्धनगर की 4 परियोजनाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाही की है। यूपी रेरा ने परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार के नियमों को न मानने के चलते अधिनियम की धारा-11 के उल्लंघन के तहत 4 परियोजनाएं एम थ्री एम दि कलिनेन (M Three M The Cullinane), आयरिश पर्ल्स, साया पियाजा और साया स्टेटस के प्रमोटर्स को ‘कारण दर्शाओ नोटिस’ जारी किया है। एम थ्री एम दि कलिनेन के प्रमोटर लैविश बिल्डमार्ट, आयरिश पर्ल्स के आयरिश इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि., साया पियाज़ा के आर.जी.बी इंफ्रा एलएलपी और साया स्टेटस के साया सीमेंटेशन लिमिटेड हैं।
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एम थ्री एम दि कलिनेन के द्वारा प्रसारित प्रिन्ट विज्ञापन में उ.प्र. रेरा वेबसाइट का उल्लेख नहीं किया गया और रेरा पंजीयन संख्या प्रमुख रूप से दर्ज नहीं की गई, जबकि आयरिश पर्ल्स, साया पियाज़ा और साया स्टेटस परियोजनाओं के सोशल मीडिया विज्ञापनों में रेरा पंजीयन संख्या एवं वेबसाइट दोनों ही अंकित नहीं पाए गए। रेरा अधिनियम की धारा-11 में रेरा पंजीकृत परियोजना का प्रचार-प्रसार किसी भी माध्यम से करते समय रेरा पंजीयन संख्या और वेबसाइट दोनों ही प्रमुख रूप से अपलोड करना अनिवार्य है। इसी के चलते यूपी रेरा ने कारण बताओ दर्शाओ जारी किया है।
क्या कहा रेरा सचिव ने
रेरा सचिव (RERA Secretary) प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि उ.प्र. रेरा द्वारा लगातार ऐसे प्रमोटर्स को चिह्नित किया जा रहा है जो परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार में रेरा के निर्धारित नियमों का मामना अनिवार्य है। धारा-11 का अनुपालन न करने वाले प्रमोटर्स को परियोजना की कुल लागत के 5 प्रतिशत तक की राशि का अर्थदंड आरोपित किया जा सकता है। रेरा सचिव ने यह भी कहा कि रेरा अधिनियम का उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर का विकास करना है और यह तभी संभव है जब प्रमोटर्स अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण रूप से करें। होम बायर्स को परियोजना से जुड़ी हुई सही सूचना उपलब्ध कराना, पंजीयन संख्या की सही जानकारी देना और रेरा वेबसाइट पोर्टल पर परियोजना संबंधी पूर्ण और सही जानकारी उपलब्ध कराना प्रमोटर्स के प्रमुख काम हैं। प्रमोटर जितनी पारदर्शिता से रेरा अधिनियम का पालन करेंगे घर खरीदारों में रियल एस्टेट उद्यमीय के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
आखिर क्या है रेरा
RERA यानि कि रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट 2016 एक कानून है, जिसे भारतीय संसद ने पास किया था। इस कानून का मकसद रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों का निवेश बढ़ाना और उनके हितों की रक्षा करना है। यह कानून सबसे पहले 10 मार्च 2016 को राज्यसभा से पास हुआ था जिसके बाद 15 मार्च 2016 को लोकसभा ने इसे पास किया। 1 मई 2016 को इसे लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत 500 वर्ग मीटर से अधिक की सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं को संबंधित RERA अधिकारियों के साथ पंजीकृत होना चाहिए। इसके अलावा, ऐसे प्रत्येक बिल्डर को घर खरीदार को निर्माण की प्रगति के बारे में सूचित करना होगा, समयसीमा का पालन करना होगा और रेरा अधिनियम में बताए गए नियमों का पालन करना होगा।
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