Noida News

Noida-ग्रेटर नोएडा में लाखों फ्लैट ख़रीदारों के सपने चकनाचूर होंगे!

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लाखों फ्लैट खरीदारों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Noida – Greater Noida) में कई बिल्डरों की 38 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट (38 Group Housing Projects) दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं, जिससे पहले से ही परेशान फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। फ्लैट बायर्स का आरोप है कि इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त होने के बावजूद परियोजनाओं में काम आगे नहीं बढ़ रहा है।
ये भी पढ़ेंः Noida से दिल्ली: बारिश से कहीं होर्डिंग गिरा तो कहीं पेड़..कई घरों में घुसा पानी

Pic Social Media

परियोजनाएं की रफ्तार है बहुत धीमी

बीते कुछ सालों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कई बिल्डरों ने हाउसिंग परियोजनाएं (Housing Projects) शुरू कीं। शुरुआत के कुछ सालों तक तो निर्माण कार्य काफी तेजी के साथ हुआ और खरीदारों को फ्लैट मिलना शुरू हुआ। लेकिन 2020 आते-आते यह गति काफी धीमी हो गई और अब यह प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, नोएडा में ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी बिल्डरों की कई परियोजनाएं इस समय नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रही हैं। इनमें एनसीएलटी के आदेश पर आईआरपी की नियुक्ति की जा चुकी है, जो संबंधित परियोजनाओं के कामकाज को देख रहे हैं। ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) क्षेत्र की लगभग 21 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं भी एनसीएलटी में चल रही हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सुपरटेक की परियोजनाएं शामिल हैं।

ये भी पढ़ेंः ग़ाज़ियाबाद की इस सोसायटी में लिफ्ट हादसा..6 रेजिडेंट्स घायल

जानिए क्या है खरीदारों की समस्याएं

फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) का कहना है कि परियोजनाओं में आईआरपी नियुक्त होने के 2-3 साल बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। रजिस्ट्री और मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण फंसे हुए हैं और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आईआरपी से मिलना भी मुश्किल हो रहा है।

अमिताभकांत समिति की सिफारिश का नहीं ले पा रहे लाभ

फ्लैट बायर्स की सहूलियत के लिए सरकार ने दिसंबर 2023 में अमिताभकांत समिति की सिफारिश को मंजूरी दी थी। इस पैकेज के अनुसार एनसीएलटी में चल रही बिल्डर परियोजनाओं को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के समय का जीरो पीरियड का लाभ मिल रहा है। इसके लिए शर्त यह है कि एनसीएलटी से संबंधित बिल्डर को केस वापस लेना होगा, जो कि काफी मुश्किल है। एनसीएलटी में वही केस दायर करता है, जिसका बिल्डर पर बकाया रहता है, ऐसे में बिल्डर सीधे तौर पर केस वापस नहीं ले सकते। इस वजह से अमिताभकांत समिति के पैकेज का लाभ वे बिल्डर नहीं ले पा रहे हैं, जिनके केस एनसीएलटी में चल रहे हैं।

सुपरनोवा के खरीदार करेंगे बैठक

हाल ही में दिवालिया प्रक्रिया की सूची में जुड़ी सुपरटेक बिल्डर की सुपरनोवा परियोजना के फ्लैट बायर्स की परेशानी और बढ़ गई है। इसको लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए फ्लैट बायर्स बैठक करेंगे। इस बैठक में खरीदारों के हितों की रक्षा और परियोजनाओं के निर्माण कार्य को तेजी से करने के लिए फैसले पर चर्चा होगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में चल रही दिवालिया प्रक्रियाओं से जुड़ी इन परियोजनाओं में फंसे खरीदारों के लिए समय काफी मुश्किल है। सरकार और प्राधिकरणों को इस स्थिति का शीघ्र समाधान निकालना चाहिए जिससे आम लोगों को अपने घर का सपना साकार हो सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो।