कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट(Noida International Airport) जिसे जेवर एयरपोर्ट भी कहा जाता है, तैयार करने का काम जोर-शोर से जारी है। उम्मीद है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा. जेवर एयरपोर्ट को लेकर सबके दिमाग में बस एक ही सवाल दौड़ता है कि दिल्ली और एनसीआर से लोग कैसे जेवर एयरपोर्ट तक का सफ़र तय करेंगे।
लोगों की इन्हीं परेशानियों दूर करने के लिए जेवर से मोनो रेल(Mono Rail) चलाने की योजना बनाई गई है। नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट की फास्ट कनेक्टिविटी अब हाईस्पीड मेट्रो की बजाय रैपिड व मोनो रेल से मिलेगी। साथ ही जेवर से आनंद बिहार और पलवल के लिए वंदे भारत जैसी फास्ट ट्रेन चलाने के विकल्प पर भी विचार शुरू हो गया है।
लखनऊ में युमना अथॉरिटी औऱ चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली एयरपोर्ट से नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ने वाली मेट्रो कार्य फिलहाल रोक दिया जाए साथ ही रैपिड रेल की फिजिबिलिटी व स्टडी रिपोर्ट बनाने के लिए NCRTC को जिम्मेदारी दे दी गई है।
जेवर एयरपोर्ट का कार्य 2024 मे पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के चारों तरफ की कनेक्टिविटी के लिए 100 किलोमीटर तक 24 हजार करोड़ की लागत से हाई स्पीड मेट्रो बनाने का कार्य चल रहा था जिसे बन्द कर के NCRTC ने जेवर से सराय काले खां तक फिजीबिलिटी के लिए मंजूरी दे दी है.
फिजिबिलिटी के बाद ही पूरी तरफ से तय हो पायेगा की मोनो रेल का विस्तार कितना हो पायेगा और इसपर खर्चा कितना आएगा.अगर ये सफल होता है तो सबसे पहले इसे इंद्रा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली रेलवे स्टेशन और आनंद विहार से जोड़ने का काम किया जाएगा।