noida gulshan botnia lift stuck for 1 hour

Noida: गुलशन बोटनिया..लिफ्ट में 1 घंटे तक अटकी रही पति-पत्नी की सांस

दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: नोएडा हो, ग्रेटर नोएडा या फिर कहीं और..लोग एक एक तिनका जोड़कर सपनों का आशियाना खरीदते हैं ताकि बाकी की जिंदगी सुकून से गुजारी जा सके। लेकिन आलम ये है कि बिल्डर, फ्लैट के नाम पर लाखों तो वसूल लेते हैं लेकिन किस तरह का मेंटनेंस देते हैं वो आपको नीचे खबर पढ़कर कुछ हद तक अंदाजा हो जाएगा।

बड़ी खबर नोएडा के सेक्टर 144 स्थित पॉश सोसायटी गुलशन बोटनिया(Gulshan Botnia) से आ रही है। जहां 5 दिसंबर की रात 10 बजे F टावर की लिफ्ट ने ऐसा धोखा दिया कि लिफ्ट में सवार पति-पत्नी की जान पर बन आई।

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क्या है पूरा मामला ?

पेशे से इंजीनियर पंकज बब्बर(Pankaj Babbar) जो कि F टावर की 7वीं मंजिल पर रहते हैं पत्नी के साथ बाहर से लौटे। जैसे ही दोनों ऊपर जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुए, पहली मंजिल पर जाते ही लिफ्ट अचानक लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर की तरफ जाने लगी। लेकिन हैरान करने वाली बात ये कि लिफ्ट फर्स्ट फ्लोर और ग्राउंड फ्लोर के बीच में फंस गई। पंकज बब्बर को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या।

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क्योंकि अमूमन लिफ्ट के साथ अगर कोई Fault होता है तो नीचे वाली फ्लोर पर जाकर रूक जाती है और दरवाजा अपने आप ही खुल जाता है। लेकिन यहां ऐसा हुआ नहीं। पंकज बब्बर और उनकी पत्नी घबरा गए। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। इस बीच टावर का गार्ड मौके पर पहुंचा लेकिन उसे भी अंदाजा नहीं था कि आखिर करना क्या है। गार्ड इधर-उधर फोन लगाता रहा लेकिन किसी ने उसका फोन पिक नहीं किया। पंकज बब्बर के मुताबिक उन्होंने मेंटनेंस हेड मितेंद्र सिंह को कई दफा फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। शोर-शराबा सुनकर टावर के दूसरे लोग भी इकट्ठा हो गए लेकिन किसी को भी कुछ सूझ नहीं रहा था करे तो आखिर क्या।

समय बीतता जा रहा था। पंकज बब्बर और उनकी पत्नी की घबराहट बढ़ती जा रही थी। क्योंकि इस बीच लिफ्ट की लाइट भी जा चुकी थी। दोनों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। Panic Attack भी आ चुका था। इस हादसे को करीब 1 घंटा बीत चुका था। गार्ड ने बड़ी मुश्किल के बाद किसी तरह लिफ्ट का दरवाजा हल्का सा खोल पाया जिसके बाद दोनों लोग किसी तरह बाहर आए। हालांकि इस बीच रेजिडेंट्स ने किसी तरह उन्हें पानी वगैरह पिलाया।

साफ शब्दों में कहें तो ये हादसा जरूर था लेकिन इसे रोका जा सकता था। सवाल ये भी इतनी बड़ी सोसायटी में मेंटनेंस स्टाफ को इस बात की ट्रैनिंग क्यों नहीं दी गई कि अगर ऐसे हादसे हो तो उससे कैसे निबटा जाए। सवाल ये कि मेंटनेंस हेड जो कि सोसायटी से दो-तीन किलोमीटर ही दूर रहते हैं, जिन्हें पीड़ित के साथ अलग-अलग रेजिडेंट्स ने उन्हें दर्जनों फोन किए लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। ऐसे में इस तरह की सोसायटी की सुरक्षा पर सवाल खड़े होना लाजिमी है क्योकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब F टावर की लिफ्ट फंसी हो। स्थानीय निवासियों के मुताबिक ऐसा Panic Situation पहले भी आया बावजूद इसके इस हादसे से सबक नहीं लिया गया।