Noida-ग्रेटर नोएडा में बिजली नहीं होगी गुल, पढ़िए अच्छी खबर
Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि नोएडा- ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) में बढ़ती बिजली मांग और ओवर लोड के कारण होने वाली कटौती से निवासियों को छुटकारा मिलने जा रहा है। नोएडा पावर कंपनी लि. (Noida Power Company Ltd.) के सेक्टर एक में नवनिर्मित 33/11 केवी बिजली सब स्टेशन का शुभारंभ हो गया। इसके सब स्टेशन से टेकजोन 4, सेक्टर एक और बिसरख गांव के आस पास के कामर्शियल उपभोक्ताओं को बिजली की सप्लाई (Power Supply) की जाएगी। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ऑपरेशन सारनाथ गांगुली के मुताबिक सब स्टेशन में साढ़े 12 एमवीए के ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।
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जलपुरा सबस्टेशन से जोड़ा गया फीडर
इस सब स्टेशन को 33 केवी के 2 फीडर से कनेक्ट किया गया है। इसमें एक फीडर 220 केवी जलपुरा सबस्टेशन से और दूसरा फीडर 400 केवी सेक्टर 123 नोएडा से कनेक्ट किया गया है। सब स्टेशन से 33 केवी के 4 फीडर और 11 केवी पर 7 फीडर से क्षेत्र में बिजली की सप्लाई होगी।
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ओवर लोड होगा कम
इस सब स्टेशन के शुरू हो जाने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिजली भार को संतुलित करने में आसानी होगी। साथ ही निवासियों को बिजली की सप्लाई और बेहतर मिलेगी। दीपावली से पहले एनपीसीएल के दो और 33/11 केवी के सब स्टेशन शुरू होने हैं। एक सब स्टेशन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर चार में और दूसरा सेक्टर ईकोटेक 10 के औद्योगिक क्षेत्र में है।
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10 नए बिजलीघर बनाने की थी तैयारी लेकिन
आपको बता दें कि गाजियाबाद जिले के तहत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने ट्रांस हिंडन के क्षेत्रों में जमीन खोजने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था, लेकिन जमीन न मिलने के कारण से ट्रांस हिंडन में बिजलीघरों के निर्माण की योजना का काम आगे नहीं बढ़ पाया है। 10 नए बिजलीघर बनाने की तैयारी थी। जो अभी तक धरातल पर नहीं दिखाई दे रहा है। अधिकारियों की लेटलतीफी का नुकसान गाजियाबाद के लोगों को सहना पड़ रहा है।
जानिए उपभोक्ता ने क्या कहा
मनमोहन वालिया, उपभोक्ता ने बताया कि हरदिन अंधाधुंध बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है। बिजलीघरों का निर्माण हो जाता तो काफी हद तक कटौती से राहत मिल जाती। विद्युत व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
अनिल भारद्वाज, उपभोक्ता ने कहा कि तेजी से आबादी बढ़ रही है, लेकिन संसाधान पुराने है हैं। यही कारण है कि रोजाना की कटौती से जूझना पड़ता है। शिकायत पर अधिकारी समाधान नहीं कर पाते हैं।