कोरोनाकाल में छात्रों का 15% फीस ना वापस करना नोएडा के 90 स्कूलों को भारी पड़ गया। गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की नाफरमानी करने के एवज में 90 स्कूलों पर 1-1 लाख का जुर्माना लगा दिया है।
जिलाधिकारी के इस निर्देश में कहा गया है कि अगर आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो निजी विद्यालयों को 5-5 लाख रुपये देने होंगे। विद्यालयो में शिवनादर स्कूल नोएडा, फादर एग्नल स्कूल, रयान स्कूल ऐसे तमाम स्कूल है जिन पर जुर्माना लगाया जा चुका है, और बाकी स्कूल जो कोरोनाकाल में छात्रों को 15% फीस वापस नहीं कर रहे हैं, उनको भी नोटिस भेजा जा रहा है साथ ही कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी स्कूल कोरोना काल के शैक्षणिक सत्र 2021-22 में फीस का 15 प्रतिशत अभिभावकों को वापस लौटाएंगे। हालांकि अदालती आदेश के बावजूद स्कूल मैनेजमेंट की ओर से इसका पालन नहीं किया जा रहा था।
ऑल नोएडा पैरेंट्स एसोसिएशन ANSPA के महासचिव के अरुणाचलम ने फैसले का स्वागत किया है। कहा है कि ये उन स्कूलों के लिए बड़ा सबक है जिन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के हल्के में लिया है।
सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले रिटायर्ड एरफोर्स अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि- देर आए..दुरुस्त है। योगी सरकार का फैसला वाकई सराहनीय है।
कुछ विद्यालयों ने सफाई दी है कि कोरोना वायरस के कहर के दौरान उनकी ओर से पैरेंट्स को 20 से 30 प्रतिशत की छूट ट्यूशन फीस और अन्य मदों में दी गई थी। लिहाजा उस राहत को भी कोर्ट के आदेश में माना जाए। इस मामले में जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिख ब्योरा तलब किया है।
जिलाधिकारी का कहना है कि 1 महीने में अगर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को 15 फीसदी फीस वापस नहीं की तो इन स्कूलों से 5-5 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर स्कूल खुले तौर पर तो भले ही कुछ न कह रहे हों, लेकिन उनमें खलबली साफ तौर पर दिखाई देती है। ज्यादातर स्कूल मैनेजमेंट की ओर से पैरेंट्स को 15 प्रतिशत फीस वापस कर दी जाएगी।