18 बच्चों की जान लेने वाले नोएडा के इस ‘कफ़ सिरप’ से बचके

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नोएडा की मैरियन बायोटेक कंपनी के कफ़ सिरप(Cough Syrup) को लेकर सनसनीखेज़ खुलासा सामने आया है। कंपनी की तरफ से कफ सीरप DOK-1 MAX में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल केमिकल मिलाया जा रहा था। यह केमिकल भारत समेत कई देशों में बैन है। इसे सीरप को स्ट्रांग और टेस्टी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चंडीगढ़ लैब से आई सीरप के सैंपल की रिपोर्ट में इस रिपोर्ट का खुलासा हुआ है। अलग-अलग जांच में सीरप के 22 सैंपल फेल हुए हैं। यह वही कफ सीरप है जिसे उज्बेकिस्तान सरकार ने 18 बच्चों की मौत का जिम्मेदार ठहराया था।  

सौ. सोशल मीडिया

कंपनी का लाइसेंस कैंसिल करने की तैयारी, 3 अरेस्ट
अब जिन देशों में इस सीरप की सप्लाई हुई है, उसको वापस मंगवाया जा रहा है। वहीं, कंपनी का लाइसेंस भी कैंसिल कराने की तैयारी की जा रही है। मामले में कंपनी के 3 अधिकारी जेल भेजे जा चुके हैं। जबकि टॉप लेवल के अफसर फरार चल रहे हैं।

सौ. सोशल मीडिया

एंटी वायरल, कोल्ड, पेन और फीवर की बनती हैं दवाएं

  • मैरियन बायोटेक लिमिटेड, नोएडा के सेक्टर- 67 में है। इस फर्म के नाम से नोएडा प्राधिकरण ने 5 अक्टूबर 2006 को जमीन आवंटित की थी। कंपनी सचिन जैन और जया जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है।
  • इसकी कैटेगरी कॉस्मेटिक्स परफ्यूम और अदर ब्यूटी प्रोडक्ट्स के नाम से है। अदर कैटेगरी में ड्रग मेंशन किया गया है।
  • साल 2009 में बिल्डिंग को नोएडा अथॉरिटी से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी हुआ। 8 सितंबर 2010 को कंपनी ने फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त किया। कंपनी का बिजनेस प्रोफाइल एक्सपोर्ट मैन्युफेक्चरर है।
  • ये कंपनी रूस, एक्स सोवियत रिपब्लिक साउथ ईस्ट, एशिया अफ्रीका, लेटिन अमेरिका आदि में दवाओं की सप्लाई करती है। यहां पर एंटी वायरल, एंटी कोल्ड मेडिसिन, पेन और फीवर की दवाएं साथ ही एंटी बायोटिक दवाएं बनती हैं।