सुपरेटक ईकोविलेज-1 के अंदर सड़क धंसने को लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने संज्ञान लिया है। अथॉरिटी ने सुपरटेक को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा है। अथॉरिटी ने पिलर में दरार की वजह से जान माल के नुकसान होने की आशंका जताई गई है। अथॉरिटी ने ये भी कहा है कि अगर डैमेज पिलर की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए सुपरेटक स्वंय जिम्मेदार होगा और ऐसी स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। अथॉरिटी ने सुपरटेक से पिलर और बीम की मरम्मत को लेकर 3 दिनों में जवाब मांगा है। यही नहीं जब तक बिल्डिंग ठीक नहीं हो जाती तब तक दुर्घटना से बचाव के लिए उचित व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए हैं। एक और बड़ी बात ये कि अगर कोई दुर्घटना होती है और जान-माल की हानि होती है तो इसके लिए सुपरटेक जिम्मेदार होगा। नोएडा अथॉरिटी ने इस नोटिस के जारी होने की तिथि से 30 दिनों के अंदर भवन का स्ट्रक्चर ऑडिट IIT से करवाकर ऑडिट रिपोर्ट प्राधिकरण में प्रस्तुत करने को भी कहा है।
दरअसल 26 जून को ‘खबरी मीडिया’ ने खबर प्रकाशित की थी जिसमें इकोविलेज-1 के टॉवर D5 और F7 के सामने की सड़क एक फुट नीचे दबने की बात लिखी गई थी। जब सुपरटेक के निवासियों ने बेसमेंट में जाकर इसकी पड़ताल की तो रूह कंपाने वाली सच्चाई सामने आई। बेसमेंट एरिया का लेंटर और पिलर पूरी तरह से डैमेज दिखा, दरार धीरे धीरे चौड़ी होती जा रही है। और उसका मलबा भी गिरना शुरू हो गया है।
जब कुछ लोगों ने इसकी शिकायत सुपरटेक से की तो मैनेजमेंट इसकी लीपापोती में लग गया और मामले को अंडर कंट्रोल बताना शुरू कर दिया। हालांकि मामला आगे बढ़ने के बाद गेट नंबर-1 की तरफ जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी सुपरेटक ईकोविलेज-1 पहुंचे और मामले को गंभीर बताया। सुपरटेक के स्थानीय लोगों ने भी झंडा बुलंद किया। खबर ज्यादातर टीवी चैनलों और अखबारों की सुर्खियां बनी। हालांकि सुपरटेक ने जल्द ही पिलर को पूरी तरह से दुरुस्त करने का दावा किया है। लेकिन लोगों की जान से खिलवाड़ मामले ने तूल पकड़ लिया है और यहां रहने वाले लोग दहशत में हैं।