उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Parliament Building: संसद भवन में हो रहे विशेष सदन का आज दूसरा दिन है, कल पहले दिन विशेष सदन का पुराने संसद भवन में आयोजित हुआ था, लेकिन आज यानी कि दूसरे दिन से विशेष सदन नये संसद भवन में आयोजित हो रहा है। देश का पुराना संसद भवन संविधान को अपनाने सहित कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था।
ये भी पढ़ेंः गुड न्यूज़..देश में खुलने वाले हैं 100 सैनिक स्कूल
ये भी पढ़ेंः पहले छोड़ दी डॉक्टरी, फिर त्यागा IAS का पद, अब करती ये काम
इसे 96 साल हो गए हैं। इसे वर्तमान जरूरतों के लिए अपर्याप्त पाया गया। जिसके बाद इसके बगल में ही नए भवन का निर्माण हुआ। अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि जब देश को नया संसद भवन मिल गया है तो पुराने संसद भवन को क्या होगा, आइए आपके इस सवाल का जवाब हम देते हैं।
क्या होगा पुराने संसद भवन का
संसद की पुरानी बिल्डिंग को ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। ये प्रतिष्ठित संसद भवन न सिर्फ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का गवाह बना, बल्कि उसके बाद देश के उत्थान का भी गवाह बना। सरकारी सूत्रों का कहना है कि पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। संसदीय कार्यक्रमों के लिए ज्यादा स्पेस बनाने के लिए इसे रेट्रोफि’ यानी फिर से सुसज्जित किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ऐतिहासिक संरचना का संरक्षण किया जाएगा, क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है।
नेशनल अर्काइव नए भवन में किया जाएगा शिफ्ट
2021 में तत्कालीन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया था कि मौजूदा ढांचे की मरम्मत करनी होगी। इसे वैकल्पिक इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि विरासत के प्रति संवेदनशील पुनर्स्थापना के लिए नेशनल अर्काइव को नए संसद भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इससे पुराने संसद भवन में और ज्यादा जगह हो जाएगी। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पुरानी इमारत के एक हिस्से को म्यूजियम में तब्दील किया जा सकता है.
कैसा है नया संसद भवन?
प्रधानमंत्री मोदी ने इसी साल मई में नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। विशाल भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों को जगह मिल सकती है।
4 मंजिला बिल्डिंग, भूकंप का असर नहीं
64,500 वर्ग मीटर एरिया में ये त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत बनी है। नया भवन पुराने भवन से 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।
नए भवन में एंट्री-एग्जिट के लिए 6 द्वार
नए संसद भवन के पहले तीन गेट का नाम अश्व, गज और गरुड़ गेट है। ये तीनों औपचारिक द्वार हैं। इनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार भी है। इन गेटों का इस्तेमाल उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री करेंगे। जबकि मकर, शार्दूल गेट और हंस गेट का इस्तेमाल सांसदों और पब्लिक के लिए किया जाएगा।
संविधान हॉल में रखी जाएगी संविधान की कॉपी
नई बिल्डिंग की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। बताया जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस
संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है। कैफे और डाइनिंग एरिया भी शानदार है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक डिवाइसेज लगाए गए हैं। कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।
Read khabrimedia, Latest Greater Noida News,Greater noida news, Noida Extension news, greater noida Society News khabrimedia- Top news-Latest Noida news-latest greater Noida news-latest greater Noida news-latest Noida extension news-latest Delhi Ncr news- Big news of today-Daily News-Greater Noida Society news-Greater Noida News in Hindi