नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी। क्योंकि यूपी सरकार ने न्यू नोएडा के लिए 4300 करोड़ रुपए का भारी-भरकम बज़ट रखा है। नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी अगले 3 महीने में न्यू नोएडा और न्यू ग्रेटर नोएडा को बसाने की दिशा में काम शुरू कर देंगी। इन 3 महीनों में दोनों नए शहरों के मास्टरप्लान को फाइनल किया जाएगा। इसके बाद दोनों नए शहरों की शुरुआत के लिए अथॉरिटी कुछ जमीन खरीदेंगी। इसके बाद आगे का फाइनैंशल मॉडल तय होगा। अब आगे की तैयारी दोनों अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग को करनी है। वहीं, न्यू ग्रेटर नोएडा के लिए भी 28 हजार हेक्टेयर जमीन पर मास्टर प्लान फाइनल करवाया जा चुका है।
वर्ल्ड क्लास होगा न्यू नोएडा
नोएडा अथॉरिटी की मानें तो 80 गांवों को मिलाकर एक न्यू नोएडा बनाने का फैसला लिया गया है. यह फैसला नए नोएडा शहर को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से जोड़ेगा। यह ट्रांसपोर्ट हब बोडाकी रेलवे स्टेशन पर बनेगा. इसके साथ ही दुबई और सिंगापुर जैसे पोर्ट की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो भी बनाया जा रहा है. इसी स्टेशन की दूसरी तरफ आईएसबीटी का निर्माण किया जाएगा जहां पास में ही मेट्रो स्टेशन भी बनाया जाएगा। इसी को लेकर जनवरी 2021 में शासन ने गजट जारी किया था. गजट में नए नोएडा क्षेत्र को ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र’ नाम दिया गया है. यह नया शहर करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा जो पूरी तरह इंटेग्रेटेड सिटी होगा। न्यू नोएडा में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी. इस नए शहर में शिकागो जैसा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के साथ ही इंडस्ट्रियल जोन और रेजिडेंशियल जोन भी बनाए जाएंगे.
यहां बसाया जाएगा न्यू नोएडा
दादरी से लेकर खुर्जा के बीच 87 गांव की जमीन पर दादरी-नोएडा- गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन बसाया जाना है। इसे न्यू नोएडा का नाम दिया गया है। इस इनवेस्टमेंट रीजन को बसाने की जिम्मेदारी भी शासन ने नोएडा अथॉरिटी को दी है। अथॉरिटी ने यहां का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली का चयन किया है, जो मास्टर प्लान-2041 का ड्रॉफ्ट तैयार कर रहा है। बहुत सी बातें प्लानिंग में सामने भी आ चुकी हैं।
न्यू ग्रेटर नोएडा–
ये ग्रेटर नोएडा फेज-2 की प्लानिंग है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अपने स्तर पर इसकी प्लानिंग करवा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक ग्रेनो फेज-2 के लिए एक निजी एजेंसी आरईपीएल से मास्टर प्लान का ड्रॉफ्ट अथॉरिटी बनवा रही है। इसमें गौतमबुद्ध नगर के साथ ही हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के कुल 150 गांव शामिल किए गए हैं। यह एरिया 28 हजार हेक्टेयर है।