बच्चों को कभी भी लिफ्ट में अकेला ना छोड़ें..देखिए वीडियो

गाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

Jyoti Shinde,Editor

Lift News: ख़बर उत्तप्रदेश की राजधानी लखनऊ से आ रही है। जहां एक छोटी सी बच्ची लिफ़्ट में अचानक से फंस गई। लिफ्ट में फंसते ही बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। क्योंकि लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुल रहा था। वीडियो लखनऊ के जनेश्वर अपार्टमेंट का बताया जा रहा है।

बच्ची के रोने की तस्वीर लिफ्ट में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। बच्ची के परिजनों के मुताबिक बच्ची इस हादसे में सदमे में है। वहीं परिजनों ने मेंटनेंस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है।

ये भी पढ़ें: Noida के 238 निजी स्कूलों को लेकर बड़ी ख़बर..ज़रूर पढ़िए

सवाल यही है कि जब बार-बार लिफ्ट में फंसने के हादसे हो रहें हैं तो लिफ्ट एक्ट लाने में देरी क्यों हो रही है। आपको बता दें देश में सबसे पहले लिफ्ट एक्ट बॉम्बे में लागू हुआ था, वहां बहुमंजिला इमारतों को देखते हुए 1939 में ही इस कानून को लागू कर दिया गया था. तब से लेकर अब तक देश के 11 राज्यों में ये व्यवस्था की जा चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी तक इस पर फैसला नहीं लिया गया है

लिफ्ट एक्ट क्या है ?

  • सरकार द्वारा तय नियामक संस्था की मंजूरी बिना लिफ्ट लगाना अवैध.
  • लिफ्ट की नियमित जांच नहीं कराना गैरकानूनी.
  • लिफ्ट की जांच करने आए अधिकारी को रोकना गैरकानूनी.
  • लिफ्ट की दुर्घटना छिपाने पर दो साल की सजा का प्रावधान

उत्तर प्रदेश में हजारों बहुमंजिला प्रोजेक्ट, लिफ्ट सुरक्षा का कानून नहीं

उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ समेत तमाम महानगरों में बहुमंजिला प्रोजेक्ट्स बने हुए हैं. इन प्रोजेक्ट्स की संख्या हजारों है, जिनमें लाखों लोग रह रहे हैं या रोजाना बिजनेस-नौकरी के सिलसिले में जाते हैं. इसके बावजूद आपको जानकर हैरानी होगी कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले इस राज्य में लिफ्ट सुरक्षा से जुड़ा कोई कानून नहीं है. इसके चलते लिफ्ट गिरने या ऐसे ही अन्य हादसों पर सरकारी सिस्टम मौन ही बना रहता है और बिल्डरों की लापरवाही पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हालांकि यूपी सरकार ने करीब एक महीना पहले लिफ्ट एक्ट की चर्चा की थी, लेकिन कागजी तौर पर धरातल पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश समेत देश के 25 राज्य ऐसे हैं, जिनमें अब तक लिफ्ट एक्ट लागू नहीं है.

देश के 11 राज्यों में लागू है लिफ्ट एक्ट

देश में लिफ्ट से जुड़ी सुरक्षा को लेकर 11 राज्य अब तक कानून बना चुके हैं. इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, झारखंड, असम और यहां तक कि हिमाचल प्रदेश जैसा छोटा राज्य भी शामिल है. महाराष्ट्र में तो आजादी से भी पहले से यह कानून लागू है. दरअसल आजादी से पहले बॉम्बे प्रेसिडेंसी रहे महाराष्ट्र में साल 1939 में ही लिफ्ट एक्ट अस्तित्व में आ गया था. इसके बाद इसे संशोधन के जरिये और ज्यादा सख्त बनाया जा चुका है.

रखरखाव सबसे जरूरी

जानकार बताते हैं कि एक लिफ्ट कि औसत आयु 20-25 वर्ष ही हो सकती है, वह भी तब जब उसकी मरम्मत का ध्यान सभी पक्ष रखें. अगर उसमें कंजूसी हुई तो यह उम्र कम भी हो सकती है. नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के मुताबिक 15 मीटर से ज्यादा ऊँचाई वाली इमारत के लिए लिफ्ट अनिवार्य रूप से होनी चाहिए और 30 मीटर से ऊँची बिल्डिंग के लिए स्ट्रेचर लिफ्ट भी अनिवार्य बताई गयी है. लिफ्ट के लिए जो सबसे जरूरी चीज है, वह निश्चित अंतराल पर उसकी मरम्मत है. अगर यह होता रहे तो दुर्घटना कि आशंका बहुत कम हो जाती है.

READ: khabrimedia, Latest Greater Noida News,Greater noida news, Noida Extension news, greater noida Society News – Top news-Latest Noida news-latest Noida extension news-latest Delhi Ncr news- Big news of today-Daily News-Greater Noida Society news-Greater Noida News in Hindi