Punjab यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को स्पेशल ग्रांट देने का मामला उठाया है।
Punjab: पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब के सांसद मालविंदर सिंह कंग (Malvinder Singh Kang) ने लोकसभा में वित्तीय हालत का सामना कर रही पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) जैसे संस्थानों को स्पेशल ग्रांट (Special Grant) देने का मामला उठाया है। सांसद मालविंदर सिंह कंग ने पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए केंद्र से मदद मांगी। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण स्कीम (Pradhan Mantri Nutrition Scheme) व प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया स्कीमों के पंजाब के रोके गए फंड जारी करने की मांग केंद्र सरकार से की है। आखिर में उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों के सिलेबस में गुरु साहिबानों, छोटे साहिबजादों और करतार सिंह सराभा जैसे शहीदों के बारे में पढ़ाया जाए।
दोनों ओलंपिक मेडल भी पंजाब यूनिवर्सिटी ने दिए
सांसद मालविंदर सिंह कंग (Malvinder Singh Kang) ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी बहुत बड़ा संस्थान है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सुषमा स्वराज व पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुंमार गुजराल पंजाब विश्वविद्यालय के एलुमनी हैं। गत पिछले दो दिनों में ओलंपिक में जो 2 मेडल देश ने जीते हैं। उन्हें जीतने वाली मनु भाकर (Manu Bhakar) हो या सर्बजोत सिंह (Sarbjot Singh), दोनों पंजाब यूनिवर्सिटी के एलुमनी हैं। दोनों मेडल पंजाब यूनिवर्सिटी ने दिए हैं।
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पंजाब सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रही काम
पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) जैसे संस्थान जब वित्तीय संकट से गुजरते हैं तो इन संस्थानों को बचाने के लिए स्पेशल ग्रांट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा हमारे सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) की अगुवाई में पंजाब सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। भारत सरकार से अपील है पीएम पोषण और पीएम श्री दोनों स्कीमों का रोका हुआ पैसा पहल के आधार रिलीज किया जाए।
केंद्र सरकार को इस बारे में चाहिए सोचना
सांसद मालविंदर सिंह कंग (Malvinder Singh Kang) ने आगे कहा कि दुनिया के 58 हजार बड़े संस्थान हमारे देश में हैं। हम इस हिसाब से दूसरे नंबर पर आते हैं। जबकि एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग (Education World Ranking) की बात करते हैं तो हमारी 33वीं रैंकिंग है। हायर एजुकेशन की एनरोलमेंट की बात करे अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों में 79 प्रतिशत स्टूडेंट जाते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट मामलों 12 प्रतिशत और पीएचडी 6 स्टूडेंट रह जाते हैं। इस बारे में केंद्र सरकार को सोचना चाहिए।