कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
कहते हैं राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है और इसी का उदाहरण पुणे के एक कार्यक्रम में देखने को मिला जहां राजनीति के 2 विरोधी एक एक मंच पर दोस्तों की तरह हाथ मिलाते हुए दिखे।
मौका था पुणे में लोकमान्य तिलक समारोह का जिसमे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया गया और प्रधानमंत्री के साथ मंच पर थे। उनके राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले शरद पवार जो आजकल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री को रोकने की कोशिश में लगे हैं लेकिन जैसे ही दोनों मंच पर आमने-सामने आये अपने आप को मिलने और बात करने से रोक नहीं पाए।
शरद पवार के प्रधानमंत्री के सम्मान समारोह में जाने का विरोध INDIA पार्टी के तमाम नेता उनके जाने से पहले ही कर रहे थे और सभी ने हर संभव कोशिश भी की शरद पवार वहां न जाएं। पर राजनीति के बॉस कहे जाने वाले शरद पवार वही करते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। इसीलिए उन्होंने तमाम विरोध के बाद भी मंच पर जाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
दरअसल प्रधानमंत्री 1 अगस्त को पुणे दौरे पर गए प्रधानमंत्री को तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया गया जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ,देवेंद्र फडणवीस के साथ शरद पवार भी आये थे।
गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए 26 दलों ने मिलकर INDIA का गठन किया है जिसमे शरद पवार भी शामिल हैं। और इसीलिए प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने पर राजनीतिक गलियारों में शरद पवार को लेकर तरह तरह की बातें हो रही है । बातें होना इसलिए और भी लाजमी है क्योंकि शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कुछ ही दिन पहले चाचा से बगावत कर के NDA के साथ सरकार में शामिल हुए और चाचा शरद से खुल कर विरोध भी किया ।