4 दिनों से चल रहा लोक आस्था का महापर्व छठ आज संपन्न हो गया। देश के कोने-कोने से छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। जिसके बाद प्रसाद ग्रहण करके व्रत का समापन किया गया।
खास मौके पर सुपरटेक ईकोविलेज-1 के छठव्रती सोसायटी के अंदर छठ महापर्व मनाने के साथ ही बड़ी संख्या में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पास के सब्जी मंडी पहुंचे और छठी मईया और भगवान सूर्य से सुख शांति की दुआ मांगी।
आपको बता दें कि छठ पर्व 4 दिन चलता है. पहले दिन नहाय-खाय यानी पवित्र स्नान करके शुद्ध सात्विक भोजन की परंपरा है, तो दूसरे दिन खरना पूजा होती है, यह भी शुद्धता का प्रतीक है. इसके बाद व्रत करने वाले लोग- महिलाएं और पुरुष 36 घंटे निर्जला यानी एक बूंद पानी पिए बगैर उपवास रखते हैं। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
छठ पर्व ऐसा पर्व है जिसमें कोई कर्मकांड नहीं है, केवल श्रद्धा है, उल्लास है. सूर्य देवता के प्रति अटूट आस्था है. जिसका अनूठा रूप पूरे त्यौहार के दौरान 4 दिनों तक जगह-जगह दिखता है।
उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए तमाम लोग जलाशयों, नदियों, तालाब के किनारे इकट्ठा होते हैं।
छठ पूजा वास्तव में भारत की विविधता भरी संस्कृति की उस प्राचीन सामाजिक परंपरा का हिस्सा है जिसकी गूंज अब देश ही नहीं विदेशों में भी है। जिसकी रौनक उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक, हर जगह देखने को मिलती है।
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