ज्योति शिंदे, एडिटर, खबरीमीडिया
किशोर कुमार…नाम ही काफी है। उनके गानों में ऐसा जादू है कि उनके गाने सालों साल के लिए याद किए जाते हैं. किशोर कुमार के गाने का अंदाज ही सबसे जुदा था. इसलिए उनके गाने का स्टाइल आज तक कोई कॉपी नहीं कर पाया है.
गायक, अभिनेता, संगीतकार, गीतकार.. निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक..शायद ही फिल्म की कोई ऐसी विधा होगी जिससे लेजेंड किशोर कुमार का नाम ना जुड़ा होगा..एक ऐसा हरफनमौला कलाकार जो अपने गानों के लिए जितना मशहूर थे..उससे ज्यादा अपनी अदायगी के लिए जाने जाते थे।
यहां से शुरू किया था फिल्मी करियर
किशोर दा ने बॉम्बे टॉकीज में कोरस गायक के तौर पर अपनी करियर की शुरुआत की..1946 में उन्होंने बतौर अभिनेता फिल्म ‘शिकारी’ से बड़े परदे पर एंट्री ली। इस फिल्म में उनके बड़े भाई किशोर कुमार लीड किरदार में थे। 1948 में फिल्म जिद्दी के लिए उन्होंने ‘मरने की दुआएं क्यों मांगूं… गाना गाकर प्लेबैक सिंगिंग करियर शुरू किया था। ‘बाप रे बाप’, ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘नॉटी ब्वॉय’, पड़ोसन जैसी कई फिल्मों में उनकी अदाकारी ने सिनेप्रेमियों का खूब मनोरंजन किया..उनके गीत ‘रूप तेरा मस्ताना’, ‘खइके पान बनारस वाला’, ‘पग घुंघरू बांध’, ‘दे दे प्यार दे’ जैसे कई गाने आज भी झूमने पर मजबूर कर देते हैं। फिल्म पड़ोसन में उनका निभाया गया मस्तमौला किरदार आज भी सिनेमा प्रेमियों के जहन में है।
किशोर कुमार का बचपन
प्यार और दर्द की आवाज के जादूगर किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ था। बहुत कम लोग जानते हैं कि किशोर कुमार के बचपन का नाम आभास कुमार था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा खंडवा में ली है, जबकि कॉलेज की पढ़ाई इंदौर से पूरी की। किशोर कुमार का पैतृक निवास आज भी खंडवा में मौजूद हैं, उनकी याद में प्रशंसकों ने किशोर कुमार की समाधि बनाई है। बता दें कि, किशोर कुमार को दूध जलेबी खाना बेहद पसंद था। ऐसे में अब उनके प्रशंसक उनकी समाधि स्थल पर उनकी पसंदीदा दूध जलेबी का प्रसाद चढ़ाने आते हैं।
भाई बहनों में से एक किशोर कुमार सबसे छोटे थे..बड़े भैया अशोक कुमार, फिर बहन सती देवी, अनूप कुमार और फिर किशोर कुमार..अभी किशोर कुमार बहुत छोटे थे कि इनके बड़े भाई दादा मुनि यानि अशोक कुमार एक्टर बन चुके थे। बस फिर क्या था किशोर कुमार ने बचपन से ही इन्हें फौलो करना शुरू कर दिया..किशोर कुमार केएल सहगल से प्रभावित थे..यही वजह रही कि किशोर कुमार ने गायकी में हाथ आजमाना शुरू कर दिया..
किशोर कुमार के गीत
किशोर दा के बारे में कहा जाता है कि गाने के अलावा उन्होंने बंगाली, मराठी, कन्नड़, गुजराती, भोजपुरी, मलयालम समेत तमाम फिल्मों में गाने गाए हैं..किशोर दा ने 110 म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ 2678 फिल्मों में गाने गाए थे। किशोर दा ने करीब 88 फिल्मों में बतौर एक्टर भी काम किया था। किशोर दा को प्लेबैक सिंगिंग के लिए 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। 1997 में मध्यप्रदेश सरकार ने इंडियन सिनेमा में उनके योगदान की वजह से ‘किशोर कुमार अवाॅर्ड’ की शुरुआत भी की। किशोर दा मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित लता मंगेशकर अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं। 2012 में दिल्ली में ओसियां की सिनेफेन नीलामी में किशोर दा का ‘अनरिलीज्ड साॅन्ग’ करीब 16 लाख में बिका था।
किशोर कुमार ने देवानंद, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन सरीखे हिट कलाकारों के लिए अपनी आवाज दी.. 1969 में आई फिल्म आराधना में गाए उनके गानों ने उन्हें स्टार बना दिया किशोर दा ने मोहम्मद रफी, मुकेश, लता मंगेशकर, आशा भोसले जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ भी काम किया। उनकी गाए नगमे संगीत प्रेमियों को प्यार और दर्द के नगमे सुनाती है..
गर्ल्स हॉस्टल के बाहर गुनगुनाते थे..मेरे सपनों की रानी
किशोर कुमार कॉलेज के हॉस्टल में रहते थे, वे अक्सर गर्ल्स हॉस्टल की खिड़की की तरफ देखकर फिल्म पड़ोसन का गाना ‘मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद सा टुकड़ा…’ गुनगुनाया करते थे। बाद में इसी गाने को भी उन्होंने अपनी फिल्म ‘पड़ोसन’ में लिया था, जो इतना फैमस हुआ कि वर्षों बाद आज भी इस गाने को लोगों द्वारा गुनगुनाते हुए सुना जा सकता है।
महिला गायक की आवाज में भी गा लेते थे किशोर कुमार
किशोर कुमार को ईश्वर ने बहु प्रतिभा से नवाजा था। वह एक अच्छे सिंगर तो थे ही साथ ही अभिनय में भी पीछे नहीं थे। इसके अलावा सबसे दिलचस्प बात थी कि वह महिला गायक की आवाज में भी गा सकते थे। साल 1962 की फिल्म ‘हाफ टिकट’ का गीत ‘आके सीधी लगी दिल पे जैसी’ को किशोर कुमार ने मेल और फीमेल दोनों ही आवाजों में गाना गाया और इसमें सबसे खास बात ये थी कि उन्होंने इस गाने को एक बार में ही रिकॉर्ड कर लिया गया और ये गाना सुपरहिट साबित हुआ था। बता दें कि इस गाने को स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर गाने वाली थीं लेकिन किसी वजह से वह इसमें अपनी आवाज नहीं दे पाई तब किशोर कुमार ने ये गाना गाया।
किशोर ने एक नहीं 4 शादियां की
किशोर दा हमेशा ही सुर्खियों में रहते थे, पर उनकी लाइफ में अकेलापन और असंतोष भी था। बता दें कि किशोर कुमार ने अपनी लाइफ में कई सक्सेसफुल गाने गाए, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ फेल रही. किशोर कुमार ने एक नहीं बल्कि चार शादियां की थीं. पहली पत्नी का नाम रूमा गुहा था. दूसरी मधुबाला थी. माना जाता है कि मधुबाला से शादी करने के लिए किशोर कुमार ने कथित तौर पर इस्लाम कुबूल कर लिया था. उस समय उन्होंने अपना नाम अब्दुल करीम रख लिया था. मधुबाला से उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से भी विवाह किया था, लेकिन परिवार ने उन्हें कभी भी अपनी बहू नहीं माना.
बता दें कि मधुबाला के बाद किशोर कुमार ने योगिता बाली से शादी की थी. किशोर से रिश्ता टूटने के बाद योगिता ने बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती से शादी की थी. वहीं किशोर कुमार एक बार फिर अकेले रह गए. इस बार उन्होंने चौथी शादी लीना चंद्रावरकर से की थी. लीना किशोर से 20 साल छोटी थी और अपनी चौथी शादी के समय किशोर कुमार की उम्र 51 साल थी, लेकिन किशोर की ये चौथी शादी भी लंबी टिक ना सकी. 57 साल की कम उम्र में ही किशोर कुमार का निधन हो गाया था. 13 अक्टूबर 1987 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
कैंटीन का नहीं चुका पाए 5 रुपए 12 आना
किशोर कुमार के कैंटीन के दिनों से जुड़ा एक किस्सा आज भी यहां काफी चर्चा का विषय रहता है। कहा जाता है कि ‘पांच रुपैया 12 आना’ गाना उन्होंने कैंटीन में ही बनाया था। दरअसल, पोहा जलेबी खाने के शौकीन किशोर कुमार पर कैंटीन वाले काका का 5 रुपए 12 आने का उधार थे, वे जब भी किशोर कुमार से पैसे मांगते तो किशोर दा गाने के अंदाज में उन्हें जवाब देते थे। बाद में उन्होंने इस गाने को एक फिल्म में भी लिया। कहते हैं किशोर कुमार अपना एक पैसा नहीं छोड़ते थे, लेकिन लाखों रुपये कमाने के बाद भी उन्होंने कैंटीन वाले काका के पैसे नहीं चुकाए।
13 अक्टूबर 1987 में किशोर दा ने दुनिया को अलविदा कह दिया था..लाखों दिलों पर राज करने वाले किशोर दा ने अपनी मधुर आवाज से इतिहास रचा..ये किशोर दा ही हैं जिनके गाए नगमे युवाओं के साथ बुजुर्गों के जहन में हर वक्त जिंदा रहते हैं।
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