Kerala के वायनाड में भूस्खलन, 50 से ज्यादा लोगों की मौत
Kerala Landslides: केरल के वानयनाड जिले से बड़ी और दर्दनाक खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि वायनाड (Wayanad) में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है। भारी बारिश के बीच मेप्पाडी (Meppadi) के पास पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने की वजह से 54 लोगों से भी ज्यादा मौतें हुई हैं और सैकड़ों लोगों के फंसे होने की भी खबर सामने आ रही है। बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और सेना सहित कई एजेंसियों को तैनात किया गया है।
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वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन (Landslide) से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि उन्होंने चिकित्सा टीमों सहित 225 कर्मियों को तैनात किया है। वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर, एक एमआई-17 और एक एएलएच (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) को भी सेवा में लगाया गया है।
केरल की मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि भारतीय नौसेना की एक टीम भी बचाव कार्यों में सहायता करेगी। जॉर्ज के मुताबिक मलप्पुरम में नीलांबुर क्षेत्र का एक पुल भी बह गया है। उन्होंने कहा कि करीब 70 लोग घायल भी हैं। हमने घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित किया है।
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पीएम ने की ये घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम पिनाराई विजयन से बात की और उन्हें संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव सहायाता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही इस हादसे में घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये मिलेंगे।
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चूरालमाला से मुंडक्कई तक का बह गया रास्ता
तेज बारिश के कारण से चूरालमाला का बाजार क्षेत्र मलबे से भर गया है और कई लोगों के वहां फंसे होने की संभावना है। बारिश के कारण बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी समस्या हो रही है। चूरालमाला से मुंडक्कई तक का रास्ता बह जाने से बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
बाढ़ ने चूरालमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाले पुल को बहा दिया, जिससे मुंडक्कई का संपर्क खत्म हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहला भूस्खलन मंगलवार सुबह 2 बजे हुआ और दूसरा भूस्खलन सुबह 4 बजे हुआ। मुंडक्कई में फंसे लोगों को बचाने के लिए NDRF की 20 सदस्यीय टीम भेज दी गई है।
जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर
प्राप्त सूचना के मुताबिक तेज बारिश के बाद वायनाड में भूस्खलन हुआ है। स्वास्थ्य विभाग- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आपातकालीन सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष खोला है और हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं। वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर Mi-17 और एक ALH सुबह 7.30 बजे सुलूर से रवाना हुए। बचाव कार्यों का समन्वय किया जा रहा है।
हादसे का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कई सड़कें बह गईं, पेड़ उखड़ गए और झोपड़ियां नष्ट हो गईं। बाढ़ के पानी में बह गए वाहनों को पेड़ों की टहनियों में फंसे देखा जा सकता है। लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है और बड़े-बड़े पत्थरों के कारण बचाव कर्मियों का रास्ता अवरुद्ध होने के कारण कुछ इलाके पहुंच से बाहर हैं।