Punjab News: जालंधर वेस्ट उपचुनाव के नतीजे पंजाब की राजनीति में बहुत मायने रखते हैं। जालंधर वेस्ट उपचुनाव (Jalandhar West by-election) में बड़े अंतर से जीत के साथ एक तरफ जहां सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Singh Mann) दिल्ली की टीम पर भारी पड़े हैं वहीं एक कद्दावर नेता बनकर सामने आए हैं। सीएम भगवंत सिंह मान ने साथ ही उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर (Dr. Gurpreet Kaur) और उनकी बहन मनप्रीत कौर (Manpreet Kaur) भी उपचुनाव के दौरान जालंधर में लोगों से मुलाकात कर आप को वोट करने की अपील कीं। उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर एक दमदार नेत्री के रूप में फील्ड में दिखाई दी हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर (Dr. Gurpreet Kaur) ने चुनाव में दमदार और जोरदार ढंग से आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार किया और गली-गली गईं और वोट मांगी।
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इसी चुनाव में सीएम ने जालंधर में कोठी किराए पर लेकर कहा था कि वह चुनाव के बाद भी इस घर को खाली नहीं करेंगे जिससे वे सप्ताह में तीन से चार दिन दोआबा और माझा के लोगों से मुलाकात कर सकें। सीएम भगवंत मान के इस फैसले का निश्चित रूप से असर विधानसभा चुनाव के नतीजों में दिखाई दिया है।
पंजाब में आप को जीत दिलाने में सीएम मान सफल
कुल मिलाकर चुनावों से आप को एक बार फिर से पंजाब में बढ़त दिलाने में सीएम मान सफल हुए हैं, लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव जीतना इसलिए भी जरूरी हो गया था कि यहां से बीजेपी के टिकट पर लड़े शीतल अंगुराल को 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने ही आम आदमी पार्टी का टिकट दिलाया था और अंगुराल चुनाव भी जीते थे, लेकिन शीतल अंगुराल कुछ महीने बीजेपी में शामिल हो गए थे। सीएम भगवंत मान के साथ ही आम आदमी पार्टी सरकार के तमाम मंत्रियों और जालंधर में आम आदमी पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
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पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने जालंधर वेस्ट की सीट जीतने के लिए काफी सोंची समझी राजनीतिकका इस्तेमाल किया। सीएम ने पंजाब में बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री चुन्नीलाल भगत के बेटे मोहिंदर भगत को टिकट दिया। मोहिंदर भगत इससे पहले जालंधर वेस्ट सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अच्छे वोट मिले थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में मोहिंदर भगत को जालंधर वेस्ट सीट का प्रभारी भी बनाया था।
सीएम मान की रणनीति सफल
जालंधर वेस्ट में सीएम का राजनीतिक और वोटों का गणित पूरी तरीके से सफल हुआ। भगत बिरादरी की 30 हजार वोट पर पूरा फोकस था, इसलिए बिरादरी के नेता मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा। वाल्मीकि समाज की 20 हजार वोट थे, जिसके लिए सीएम मान ने कई नेताओं को न केवल पार्टी जॉइन करवाई बल्कि वाल्मीकि संत समाज को भी आप की तरफ मिलाया और चुनाव प्रचार करवाया। वहीं, रविदासिया समाज की 40 हजार वोट थी, जिसको लेकर सीएम मान और उनकी टीम ने पूरी सूझबूझ से काम लिया और जहां रविदासिया समाज के 12 इलाकों को चिन्हित कर उनमें तीखा प्रचार किया गया और रविदासिया समाज का वोट कांग्रेस, बीजेपी और आप में बंट गया।
मात्र एक ही महीने में 66 हजार वोटों को आप की तरफ लाने से आप फिर से पंजाब में दमदार तरीके से उभरी है। 4 जून को लोकसभा चुनावों में वेस्ट में आप को 15 हजार 629 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस को 44 हजार 394 वोट मिले थे। आप ने केवल एक माह पहले पार्टी से खिसके 29 हजार मत को कवर किया बल्कि साथ ही 37 हजार 325 की लीड भी प्राप्त की। इस हिसाब के पार्टी ने एक माह में 66 हजार वोट कांग्रेस व बीजेपी से छीनकर अपनी तरफ किए हैं।