नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
आजकल अधिकतर लोग मोबाइल फोन का यूज करते हैं, चाहे बच्चे हों या बड़े। ऐसे में यदि आप भी स्मार्टफोन का यूज करते हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि आपकी आंखों की रोशनी न जाए। वहीं, डॉक्टरों का भी यही कहना है कि मोबाइल फोन या किसी भी तरह कि स्क्रीन को लगातार देखने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि बच्चों में ग्लूकोमा की बीमारी काफी तेजी से हो सकती है।
जानिए कैसे पड़ सकता है आंखों में असर
ज्यादा समय तक स्मार्टफोन को देखने से आंखों की रोशनी धीमी होने लगती है। इसके कारण ड्राई आइस की समस्या भी हो सकती है। ये आदतें ग्लूकोमा के खतरे को भी बढ़ा सकती है। इसकी वजह से आप अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं। स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी के कई तरह से आंखों की सेहत के उपर दुष्प्रभाव भी देखे जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: क्या आप भी नहीं कर रहे क्रेडिट कार्ड का यूज, जानें क्या हो सकता है इससे नुकसान
नहीं कर सकते हैं ध्यान केंद्रित
स्मार्टफोन की दुनिया हमें भ्रमित भी कर सकती है। अक्सर पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर इसका असर देखने को मिल सकता है। ये आपकी मनोस्थित को भी प्रभावित कर सकती है। जो बच्चे मोबाइल में ज्यादा समय बिताते हैं, उनके लिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना आसान काम नहीं होता है।
स्क्रीन टाइम को ऐसे करें कम
डॉक्टर का ये कहना है कि स्मार्टफोन या किसी अन्य तरह के स्क्रीन का इस्तेमाल सभी लोगों के लिए हानिकारक है। ज्यादा कोशिश करें कि इसपर कम समय व्यतीत करें। रात में सोने से पहले स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें।