Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरपंचो को बड़ा तोहफा दिया है। आपको बता दें कि सीएम नायब सिंह सैनी (CM Naib Singh Saini) ने हरियाणा के सरपंचो (Sarpanch) का मानदेय बढ़ा दिया है। बता दें कि पंचकूला में राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन हुआ, जिसमें सीएम नायब सिंह सैनी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम सैनी (CM Saini) ने 2400 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की। साथ ही प्रदेश की 1861 ग्राम पंचायतों को एससी/बीसी चौपालों की मरम्मत या अधूरी पड़ी चौपालों को पूरा करने के लिए अनुदान के रूप में एक क्लिक से 118 करोड़ 47 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
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सरपंचों को सीएम की सौगात
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Naib Singh Saini) ने पंचायती राज प्रतिनिधियों की पेंशन में बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है। सीएम ने कहा कि सभी सरपंच अपने-अपने गांव के विकास के लिए काम करवाने के लिए रोड-मैप तैयार करें, पैसे की बिलकुल भी कमी नहीं होने दी जाएगी। सरपंच पंचायत में प्रस्ताव पास करके अपने क्षेत्र के विधायकों को भेज दें, बिना रोक-टोक काम करवाया जाएगा।
पंचायती राज प्रतिनिधियों का भी बढ़ा मानदेय
सीएम सैनी ने आगे कहा कि हमारी सरकार पहली सरकार है, जिसने पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में ना केवल बढ़ोतरी की है, बल्कि प्रतिनिधियों को पेंशन देगी। सीएम ने आगे घोषणा की कि जिला परिषद अध्यक्ष को दी जाने वाली पेंशन को दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया है। ऐसे ही उपाध्यक्ष की पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है।
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पंचायत समिति अध्यक्ष (Panchayat Samiti Chairman) की पेंशन को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये, उपाध्यक्ष की पेंशन को 750 रुपये से बढ़ाकर 1125 रुपये और सरपंच की पेंशन को एक हजार रुपये बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है। सीएम नायब सिंह सैनी ने इम मौक पर कहा कि सरपंचों की जो भी उचित मांगें होंगी, उन पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पंचायतें भारतीय लोकतंत्र का आधार-स्तम्भ हैं। जिनकी मजबूती में ही नए भारत की समृद्धि निहित है।
सीएम सैनी ने आगे कहा कि 4 जून 2019 से भूतपूर्व पंचायती राज के प्रतिनिधियों को पेंशन देने का फैसला किया। पहले यह पेंशन 1000 रुपए थी, आज मैं इस पेंशन को 1500 रुपए कर दिया हूं। साथ ही सरपंचों का मानदेय 2 हजार रुपए था, वह 5 हजार की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में एससी बीसी की धर्मशालाएं व चौपालों का रख रखाव और सुदृढ़ीकरण का काम होता है। ग्राम पंचायतों पर इनकी जिम्मेदारी होती है। इसलिए हरियाणा में गांवों की तरफ से जितनी भी धर्मशालाएं व चौपालों की लिस्ट आई, उनके लिए 118 करोड़ रुपए खर्च किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना
इस दौरान सीएम ने कहा कि 10 वर्ष पहले की सरकार अगर किसी गांवों के विकास के लिए एक बार 5 लाख रुपये की घोषणा कर देती थी, तो उसका 6 महीने तक केवल ढिंढोरा पीटती थी। वहीं काम भी नहीं होते थे, लेकिन हमारी सरकार ने तो 5-5 लाख रुपये अनगिनत बार गांव को दिए हैं। जिससे गांवों की तस्वीर बदल जा रही है। मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकारों के साथ वर्तमान सरकार की तुलना करते हुए कहा कि साल 2014 से पहले पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रुपये था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये अनुदान बढाकर 2968 करोड़ रुपये कर दिया है।