Haryana Election: चंडीगढ़, 13 अगस्त – मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. एस एस संधू के साथ चंडीगढ़ में हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव तैयारियों की विस्तृत और व्यापक समीक्षा की। हरियाणा में राज्य विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त होने वाला है और राज्य में 90 विधानसभा क्षेत्रों (73 सामान्य; 17 एससी) के लिए चुनाव होने हैं। आयोग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), इंडियन नेशनल कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि आयोग से मिलने आए।
राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों में शामिल हैं:
1. सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना ।
2. संवेदनशील मतदान केंद्रों में पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती।
3. कुछ दलों ने पंचकूला में मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाने के साथ मतदाता सूची को अपडेट करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
4. मतदान केंद्रों के संबंध में, मतदान केंद्रों के बीच की दूरी को कम करने और बुजुर्ग और महिला मतदाताओं के लिए सुविधाओं में सुधार करने का अनुरोध किया गया।
5. कुछ दलों ने शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से पार्टियों के मतदान डेस्क के स्थान को 200 मीटर से बदलकर 50 मीटर करने का आग्रह किया ।
6. समय पर शिकायत निवारण के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की अनुपलब्धता के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई।
7. अन्य मांगों में नामांकन की समय सीमा के तुरंत बाद उम्मीदवारों के साथ मतदाता सूचियों को समय पर साझा करना शामिल था।
8. जब पोलिंग टीम मतदाताओं के घर मतदान के लिए जाती हैं तो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अग्रिम सूचना प्रदान की जाये ।
9. कुछ दलों ने विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा में वृद्धि का भी अनुरोध किया। आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों और चिंताओं का संज्ञान लिया गया है और भारत निर्वाचन आयोग राज्य में
स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनीतिक दलों को चुनाव से पहले मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए चल रही दूसरी विशेष सारांश संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
हरियाणा में राज्य विधानसभा चुनावों में पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत विकलांगता वाले दिव्यांगों को अपने घर बैठे ही मतदान करने का विकल्प दिया जाएगा। घर से मतदान की सुविधा वैकल्पिक है। यदि कोई दिव्यांग मतदाता मतदान करने के लिए मतदान केंद्र पर स्वयं जाने को तैयार है, तो मतदान केंद्र पर आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं से अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर बीएलओ द्वारा आवेदन पत्र 12 डी वितरित और एकत्र किया जाता है और इसे रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा किया जाता है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है और राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के प्रतिनिधि हमेशा घर से मतदान की पूरी प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
आयोग ने मंडल आयुक्तों/रेंज महानिरीक्षकों/ जिला निर्वाचन अधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव योजना और संचालन के प्रत्येक पहलू पर विस्तृत समीक्षा की, जिसमें मतदाता सूची, ईवीएम प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स, मतदान केंद्रों का युक्तिकरण और बुनियादी ढांचा, चुनाव कर्मचारियों का प्रशिक्षण, बरामदगी, कानून और व्यवस्था, मतदाता जागरूकता और आउटरीच गतिविधियां शामिल रही।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, लॉजिस्टिक, कानून व्यवस्था तथा चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत समीक्षा से पहले, मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरियाणा ने 1 जुलाई, 2024 को अर्हता तिथि के रूप में मानते हुए राज्य में मतदाता सूचियों के चल रहे दूसरे विशेष सारांश संशोधन सहित चुनाव प्रबंधन के सभी पहलुओं पर एक ओवरव्यू भी दिया।
अंतिम मतदाता सूची 27 अगस्त, 2024 को प्रकाशित की जाएगी, जिसकी एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त दलों को निःशुल्क प्रदान की जाएगी। आयोग ने समग्र चुनाव तैयारियों और कानून व्यवस्था के मामलों की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी बैठक की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने आयोग के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। विवरण नीचे संक्षेप में दिया गया है:
निर्वाचक हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य में चल रहे दूसरे एसएसआर के दौरान 2 अगस्त, 2024 को प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में कुल 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.06 करोड़ पुरुष और 95 लाख महिला मतदाता हैं। राज्य में 4.52 लाख से अधिक पहली बार मतदाता (18-19 वर्ष), 2.55 लाख 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं। 10,000 से अधिक मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। अंतिम सूची 27 अगस्त, 2024 को प्रकाशित की जाएगी।
मतदान केंद्र
समीक्षा के दौरान मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी देते हुए, सीईओ हरियाणा ने बताया कि विधानसभा चुनावों में कुल 20,629 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो कि 2019 के विधानसभा चुनावों से 817 अधिक है। इनमें से 13,497 ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे, जबकि 7,132 शहरी मतदान केंद्र होंगे, जिनमें प्रति मतदान केंद्र औसतन 977 मतदाता होंगे। महिलाओं और युवाओं के बीच मतदान को बढ़ावा देने के लिए 125 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा और 116 मतदान केंद्रों का प्रबंधन युवा कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर दिव्यांगों को भी तैनात किया जाएगा।
सीईओ हरियाणा ने बताया कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग के ईसीआई के निर्देशों से आगे बढ़ते हुए, जहां भी संभव हो, 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। सीईओ हरियाणा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए, हाई राइज सोसाइटीज/कवर्ड कैंपस और झुग्गी बस्तियों में मतदान केंद्रों की स्थापना के लिए स्थान का चयन किया गया है ताकि अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित होंगी न्यूनतम सुविधाएं
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि राज्य भर के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए रैंप, पेयजल, शौचालय, बिजली, शेड, कुर्सियां आदि जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
प्रौद्योगिकी
जिला चुनाव अधिकारियों ने बताया कि वे मतदाताओं और राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों की सुविधा के लिए आईटी अनुप्रयोगों के एक पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करेंगे।
VIGIL: यह ऐप नागरिकों को किसी भी चुनावी उल्लंघन और कदाचार की रिपोर्ट करने का अधिकार देता है। उपयोग में आसान इस ऐप के माध्यम से उठाई गई शिकायतों को संबोधित करने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं जो शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखता है और 100 मिनट के भीतर प्रतिक्रिया का आश्वासन देता है।
SUVIDHA : यह उम्मीदवारों के लिए एक सिंगल विंडो ऐप है, जिसके माध्यम से वे मीटिंग हॉल, राजनीतिक रैलियों के लिए मैदान की बुकिंग आदि की अनुमति के लिए अनुरोध कर सकते हैं। यह प्रौद्योगिकी एक समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है, क्योंकि अनुमति बिना किसी विवेकाधिकार के, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाती है।
KYC या Know Your Candidate App जागरूक मतदाता को बढ़ावा देने के लिए एक कदम है। इस ऐप में चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास, यदि कोई हो, और उनकी संपत्ति और देनदारियों, शैक्षिक विवरण शामिल हैं। Saksham App विशेष रूप से दिव्यांग मतदाताओं के लिए बनाया गया है, जिसमें कई तरह की एक्सेसिबिलिटी सुविधाएँ अंतर्निहित हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान अनुभव को आसान बनाने के लिए इस ऐप के माध्यम से मतदान केंद्र पर पिक-एन-ड्रॉप सुविधा, व्हीलचेयर सहायता या स्वयंसेवी सहायता के लिए अनुरोध किया जा सकता है।
समीक्षा बैठक के दौरान आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों को अनुपालन के लिए निम्नलिखित निर्देश दिए:
1. आदर्श आचार संहिता अवधि के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं के संबंध में आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, राज्य प्रशासन को पूरी निष्पक्षता के साथ कार्य करने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
2. जिला निर्वाचन अधिकारियों को विशेष रूप से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ रहने तथा उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए कहा गया, इसके अलावा वे समय-समय पर उनसे नियमित रूप से मिलते रहें।
3. जिला निर्वाचन अधिकारियों को सभी मतदान केंद्रों पर रैंप, व्हीलचेयर तथा बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्वयंसेवकों सहित न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी।
4. सभी मतदान केंद्र भूतल पर होंगे तथा मतदाताओं के निवास से 2 किलोमीटर के भीतर होंगे।
5. चुनाव अवधि के दौरान पर्यवेक्षक सभी दलों और मतदाताओं के लिए सुलभ होंगे तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा उनकी संपर्क जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
6. इसके अतिरिक्त, सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को फर्जी खबरों के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और आवश्यकता पड़ने पर उचित कानूनी कार्रवाई के साथ त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। दूसरे दिन (यानी 13 अगस्त, 2024) को डीआरआई, एनसीबी, राज्य और केंद्रीय जीएसटी, आरपीएफ, आरबीआई, राज्य पुलिस, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय आदि जैसी लगभग 20 केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान आयोग ने प्रलोभन मुक्त चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित किया। बिना किसी लाग-लपेट के आयोग ने चुनावों में धनबल के इस्तेमाल के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस व्यक्त की।
प्रवर्तन एजेंसियों को निम्नलिखित निर्देश दिए गए:
1. राज्य में अवैध शराब, नकदी और नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए सभी
प्रवर्तन एजेंसियों को समन्वित तरीके से कार्य करना होगा।
2. किसी भी तरह के प्रलोभन की आवाजाही, भंडारण और वितरण पर कड़ी निगरानी रखने के लिए रूट मैप की पहचान की जाये ।
3. राज्य में शराब और नशीली दवाओं के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
4. प्रवर्तन एजेंसियों को आपस में खुफिया जानकारी साझा करनी होगी और समन्वित तरीके से कार्य करना होगा।
5. अंतरराज्यीय सीमाओं पर महत्वपूर्ण चेक पोस्टों पर 24×7 सीसीटीवी निगरानी की जाये ।
6. राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति निर्धारित घंटों के दौरान केवल निर्दिष्ट वाहनों में नकदी हस्तांतरण सुनिश्चित करेगी।
7. संबंधित एजेंसियां माल की किसी भी आवाजाही के लिए राज्य में अनिर्धारित चार्टर्ड उड़ानों और हेलीपैड की निगरानी करेंगी।
8. वॉलेट के माध्यम से अवैध ऑनलाइन नकदी हस्तांतरण पर सख्त निगरानी रखी जाये। समीक्षा बैठकों के दौरान आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।