Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Election 2024) की वोटिंग को महज 10 दिन शेष बचे है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर तीखा हमला बोल रहे है। इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) ने कांग्रेस को 14 साल पुराने मुद्दे की याद दिलाई है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट x पर एक पोस्ट में लिखा, जिसके पैरों में सालों तक नाल ठोंकी गई हो, उनसे लोहे का स्वाद नहीं पूछते! हरियाणा के दलितों को ये बताने की जरूरत नहीं है कि कांग्रेस (Congress) और हुड्डा (Hooda) का शासन दलितों के लिए कितना खतरनाक और हिंसक था। जिसके डरावने सपने उन्हें आज भी आते हैं। दलित उत्पीड़न के सभी मामलों में हुड्डा सरकार की साफ मिलीभगत थी या मौन समर्थन था।’
सीएम नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने आगे लिखा, ‘महज एक कुत्ते के भौंकने पर मिर्चपुर (Mirchpur) में उस दलित बेटी को जिंदा जला दिया गया, जो ऑफिसर बनने वाली थी। वो खौफनाक मंजर चाहे गोहाना हो या मिर्चपुर या भगाना कैलेंडर में ये सारी काली तारीखें, हुड्डा के राज के समय की ही मिलेंगी।
दरअसल, कांग्रेस का आचरण ही दलित विरोधी है। इन्होंने बाबा साहब अंबेडकर (Baba Saheb Ambedkar) से लेकर, बाबू जगजीवन राम (Babu Jagjivan Ram), सीताराम केसरी (Sitaram Kesari), अशोक तंवर (Ashok Tanwar) और अब एक दलित महिला नेता तक सबको अपमानित और तिरस्कृत किया है।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विदेशी धरती से खुलेआम कहते हैं कि दलितों और वंचितों का आरक्षण खत्म करना है। दरअसल, ये उनकी पुरानी वंशानुगत मानसिकता है। इनका काम ही है, बहका कर वोट लो और बाद में खुलकर अत्याचार करो। दबंगई और दहशत ये कांग्रेस के हथियार हैं, जिनसे सबसे ज्यादा पीड़ित हमारा दलित समाज ही होता है।
बता दें कि 21 अप्रैल, 2010 को हिसार (Hisar) जिले के मिर्चपुर गांव (Mirchpur Village) में जाट समुदाय के लोगों ने कई घरों को आग लगा दी थी। भीड़ ने 70 वर्षीय बुजुर्ग और उनकी 17 वर्षीय दिव्यांग बेटी को भी जिंदा जला दिया था। इस गांव में ज्यादातर वाल्मीकि समाज के लोगों के घर थे। घटना के बाद दलितों ने गांव से पलायन कर दिया था। उस वक्त कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाली हुड्डा (Hooda) की प्रदेश में सरकार थी। दरअसल, दलित बस्ती से गुजर रहे एक दबंग समुदाय के परिवार के दामाद पर कुत्ते ने भौंक दिया था। इस बात पर झगड़ा इतना बढ़ा कि दबंगों ने दलित बस्ती में आग लगा दी। इस अग्निकांड में 70 वर्षीय बुजुर्ग ताराचंद और उनकी 17 वर्षीय दिव्यांग बेटी सुमन की मौत हो गई थी। करीब 52 अन्य लोग इस अंग्निकांड में झुलस गए थे।