Haryana News: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देशभर में सियासत जोरों शोरों पर चल रही है। हरियाणा में नई सरकार बनने के बाद से ही सियासी पारा हाई है। पूरे देश की नजर इस बार करनाल लोकसभा (Karnal Lok Sabha seat) और विधानसभा सीट पर टिकी हुई है। करनाल सीट राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी (BJP) के दस साल के शासन की परीक्षा बन गई है। हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं सीएम नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) करनाल सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर के विधायक पद से इस्तीफा दिए जाने के कारण करनाल सीट खाली हो गई थी।
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पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है लेकिन 54 साल के नायब सिंह सैनी पूरे राज्य में घूम-घूमकर बीजेपी के प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं और रैलियां कर रहे हैं। हाल ही में करनाल विधानसभा क्षेत्र (Karnal Assembly Constituency) में प्रचार करते हुए सैनी ने बीजेपी की डबल इंजन सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बात की। सीएम सैनी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर के लगभग एक दशक लंबे शासन ने कांग्रेस के राज में शुरू हुई पर्ची-खर्ची प्रणाली को खत्म कर दिया, जिसमें नौकरियां पक्षपात और भ्रष्टाचार के आधार पर दी जाती थीं।
सीएम सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने आगे अपनी सभी रैलियों में कांग्रेस पर निशाना साधा और पार्टी पर बुजुर्गों के कल्याण के लिए काम न करने और केवल शक्ति के लिए सत्ता हासिल करने का आरोप भी लगाया। बीजेपी नेता अपनी पार्टी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे कानून बनाने और तीन तलाक प्रथा को समाप्त करने की भी चर्चा करते हैं।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी दावा किया कि राज्य में बीजेपी सरकार (BJP Government) ने सभी वर्गों का समान रूप से विकास किया और पारदर्शी प्रशासन दिया। सीएम नायब सिंह सैनी ने 2019 में पहली बार कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इससे पहले वह नारायणगढ़ विधायक के तौर पर पहली खट्टर सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
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सैनी ने अपनी चुनावी रैलियों में दावा किए कि राज्य की सभी 11 सीट (10 लोकसभा और करनाल विधानसभा सीट) पर कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) खिलेगा। बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीट पर जीत दर्ज की थी। पूर्व सीएम खट्टर ने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 69 वर्षीय तरलोचन सिंह को हराकर करनाल सीट बरकरार रखी थी।
करनाल विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में सैनी का मुकाबला कांग्रेस तरलोचन सिंह से है। वह हरियाणा अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख भी रह चुके हैं। तरलोचन सिंह 1982 में युवा कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा है कि मैंने 2019 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ा था और अब मैं वर्तमान मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनावी मैदान में हूं। जब सिंह से राज्य में विकास के बीजेपी के दावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सत्ता में 10 साल तक रहने के बाद भी खट्टर के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।
कांग्रेस उम्मीदवार ने आगे कहा कि 10 साल की सरकार के बाद जब जनता ने खट्टर से हिसाब मांगा तो उनकी पार्टी ने उन्हें हटा दिया। जब खट्टर मुख्यमंत्री थे तो करनाल को सीएम सिटी कहा जाता था, लेकिन जब यहीं के किसानों, कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सरपंचों ने आवाज उठाई तो उन पर लाठियां बरसाई गई। उन्होंने दावा कि कि बीजेपी की सरकार में हरियाणा में केवल बेरोजगारी, अपराध और घोटालों में वृद्धि हुई है।
दूसरी ओर सैनी सक्रिय रूप से खट्टर के लिए चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं जो करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य बीजेपी प्रमुख और कुरूक्षेत्र सीट से निवर्तमान सांसद सैनी ने 12 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मनोहर लाल खट्टर ने 13 मार्च को करनाल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया और उसी दिन बीजेपी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया।
सीएम नायब सिंह सैनी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं और उन्हें खट्टर का विश्वासपात्र माना जाता है। करनाल विधानसभा उपचुनाव में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं। हरियाणा की दस लोकसभा सीट के लिए चुनाव के साथ ही 25 मई को करनाल विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होगा।