haryali teej at panchsheel hynish

Panchsheel Hynish में हरियाली तीज की धूम

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR
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Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी पंचशील हाइनिस (Panchsheel Hynish) में हरियाली तीज धूमधाम से मनाई गई। जिसमें सोसायटी की दर्जनों महिलाओं ने हिस्सा लिया और इस त्योहार को अच्छी तरीके से इंजॉय किया।

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हरियाली तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है?

सावन के महीने में आने वाले हरियाली तीज के त्योहार का बहुत महत्व माना जाता है. भारत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में यह त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हरियाली तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है, इसका वर्णन कुछ पौराणिक कथाओं में किया गया है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था.

पौराणिक कथा के अनुसार

माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया. इसलिए इस दिन को माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि तभी से ही हरियाली तीज का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है.

माता पार्वती ने रखा था सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत

कहा जाता है कि सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत हिमालय की पुत्री माता पार्वती ने ही किया था. इस व्रत के प्रभाव से ही भगवान शंकर उन्हें पति के रूप में प्राप्त हुए थे. इसी कारण हरियाली तीज के दिन कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए व्रत रखती हैं.

हरियाली तीज पर क्यों किया जाता है श्रृंगार?

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस दिन श्रृंगार करने का काफी महत्व माना जाता है. मान्यता है कि, इस दिन श्रृंगार करने से मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इसलिए माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सुहागिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और अपने अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं.