Amrapali के हजारों फ्लैट बायर्स के लिए अच्छी और बड़ी ख़बर
Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली (Amrapali) से जुड़े हजारों फ्लैट बायर्स के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि आम्रपाली ग्रुप (Amrapali Group) के 7 प्रोजेक्ट्स में 10 हजार से भी ज्यादा नए फ्लैट बनाने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से इसके लिए मंजूरी मिल गई है। नए फ्लैट बनाए जाने के लिए 7 परियोजनाओं में अतिरिक्त एफएआर (Extra Far) उपलब्ध कराए जाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की मंजूरी मिल गई है। नए फ्लैट बनाकर बेचने से जो राशि मिलेगी, उसका प्रयोग आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में किया जाएगा। जिससे आम्रपाली के प्रोजेक्ट में फंसे बायर्स को उनके फ्लैट मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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आम्रपाली के रुके हुए को पूरा कर रही है एनबीसीसी
आपको बता दें कि आम्रपाली के रुके हुए कई ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट (Group Housing Project) को एनबीसीसी (NBCC) पूरा कर लोगों को फ्लैट उपलब्ध करा रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले से जहां आम्रपाली के बायर्स को बड़ी राहत मिलेगी तो वहीं नए फ्लैट बनाए जाने से एनसीआर में घर लेने वालों को भी नया विकल्प मिलेगा।
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सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी
आम्रपाली की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) खरीदने को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में खाली जमीन पर 10 हजार से भी ज्यादा नए प्लैट तैयार किए जाएंगे। सालों से रुकी हुई आम्रपाली ग्रुप की ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में लगी एनबीसीसी अतिरिक्त फ्लैट बनाने की कवायद कर रही थी। ऐसा इसलिए किया जा रहा था, जिससे रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पैसों की समस्या को खत्म किया जा सके।
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प्राधिकरणों को मिलेगी इतनी धनराशि
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से अतिरिक्त एफएआर के बदले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 604.64 करोड़ रुपये और नोएडा प्राधिकरण को 258.4 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस धनराशि में 18 प्रतिशत जीएसटी भी शामिल है। आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए नियुक्त किए गए रिसीवर भारत के अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 604.64 करोड़ में से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 115 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
कोर्ट रिसीवर के कार्यालय में हुई थी बैठक
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को वेंकटरमणि, परियोजना का काम पूरा कर रही एनबीसीसी के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे, दोनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मौजूदा फ्लैट बायर्स की तरफ से पेश हो रहे वकील को बैठक करने और एफएआर का मसला हल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अटार्नी जनरल वेंकटरमणि के कार्यालय में 26 अगस्त को बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि अतिरिक्त एफएआर के बदले में दोनों प्राधिकरणों को कैसे भुगतान किया जाए।