उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
बड़ी ख़बर ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल(Sharda Hospital) से आ रही है। जहां एक महिला डॉक्टर साइबर क्राइम(Cyber Crime) का शिकार हो गई हैं। जालसाज़ों ने कस्टमर केयर का कर्मचारी बनकर एक महिला डॉक्टर से 10 लाख रुपये की ठगी कर ली। डॉक्टर की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की टीम ने अज्ञात जालसाज के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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क्या है पूरा मामला ?
ग्रेनो वेस्ट निवासी डॉ. मोनिका सक्सेना शारदा अस्पताल में डॉक्टर हैं। उनका एक निजी बैंक में सैलरी अकाउंट है। मोनिका हमेशा नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करती हैं। कुछ दिन पहले नेट बैंकिंग में तकनीकी दिक्कत आने पर उन्होंने कस्टमर केयर पर कॉल की। दो बार कॉल नहीं लगी। तीसरी बार जब महिला कॉल करने जा रही थी तभी उसके मोबाइल पर एक कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को कस्टमर केयर का कर्मचारी बताते हुए ब्रांच और बैंक संबंधी जानकारी देने के लिए कहा। महिला ने जब नेट बैंकिंग संबंधी परेशानी बताई तो कॉलर ने कुछ ही समय में परेशानी दूर हो जाने की बात कही।
जानकारी देते ही गायब हो गए रुपये
खाते की जानकारी बताते ही महिला को चार मैसेज अलर्ट मोबाइल पर मिले, जिसमें पांच लाख रुपये खाते से निकलने की जानकारी थी। इस पर जब महिला ने पूछा तो जालसाज ने महिला को बताया कि खाते से रकम निकली नहीं है ब्लकि हाइड हो गई है। कुछ समय के भीतर ही पांच लाख रुपये महिला के खाते में वापस आने की बात जालसाज ने कही। Employee आईडी, मोबाइल नंबर और ऑफिस का पता पूछने पर आरोपी ने बताया कि उसका दफ्तर सेक्टर-18 में है।
इसके बाद महिला के खाते से पांच लाख रुपये और निकल गए। जिसका न तो महिला के मोबाइल पर मैसेज आया और न ही रेफरेंस नंबर आया। हालांकि इसके बाद महिला चिकित्सक ने खुद की गलत पिन डालकर नेट बैंकिंग बंद कर दी और संबंधित बैंक में मामले की शिकायत की।
महिला ने कस्टमर केयर प्रबंधन और जालसाज की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पुलिस से ठगी की रकम को वापस दिलाने की मांग की है। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी सुश्री रीता यादव ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।