Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख स्वास्थ्य केंद्र (Bisrakh Health Center) को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिसरख में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य केन्द्र पर आरोप लगाया गया है कि एक महिला की लगभग 20 साल पहले मृत्यु हो चुकी थी। स्वास्थ्य केन्द्र (Health Center) की तरफ से 20 साल बाद लगभग तीन महीने पहले उस महिला की मृत्यु का प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी किया गया है। आरोप है कि इस फर्जी प्रमाण पत्र के का प्रयोग कोर्ट में चल रहे एक वाद में लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है। मामला सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय (District Courts) के वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश यादव ने जानकारी दी कि कोर्ट में एक वाद विचाराधीन है। इस मामले में एक पक्ष द्वारा वाद में लाभ लेने के लिए शंभु त्यागी की पत्नी कपूरी देवी निवासी छपरौला की मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया गया। यह प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार ( जन्म एवं मृत्यु) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसरख ने 25 जनवरी 2024 को जारी किया गया है। प्रमाण पत्र में महिला की मौत की डेट 28 दिसंबर 2023 दिखाई गई है। वकील का कहना है कि इस महिला की मृत्यु लगभग 20 साल पहले ही हो चुकी है। इस प्रमाण पत्र को बनाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया है।
सचिन्द्र मिश्रा , मेडिकल सुप्रिटेंडेंट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसरख ने कहा कि जब मामला सामने आया तो इसकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से पहले गांव के कई लोगों से इस बारे में पड़ताल की गई थी। एक एनजीओ से भी इस बारे में जानकारी ली गई थी। प्रमाण पत्र जारी करने से पहले एनएम, आंगनवाड़ी तथा कई लोगों ने महिला की मौत की सत्यतता की जानकारी की थी। इसके बावजूद यदि शिकायतकर्ता के पास इस बात के कोई सबूत हैं कि महिला की मौत 20 साल पूर्व हुई है या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाली तारीख से पूर्व हुई है तो वह इसके प्रमाण प्रस्तुत करे। यह मामले की जांच में सहयोग होगा।
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अधिवक्ता रजनीश यादव ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रार ( जन्म एवं मृत्यु) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसरख को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। साथ ही मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर षड़यंत्र रचकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द किया जाए। इस षड़यंत्र में शामिल लोगों और प्रमाण पत्र जारी करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। उक्त प्रकरण न्यायालय के संज्ञान में आना अति आवश्यक है जिससे इस फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कोई गलत आदेश जारी न हो सके।