Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक इकोविलेज-1 (Supertech Ecovillage-1) पर बड़ी एक्शन लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने सुपरटेक इकोविलेज-1 के एक सीवरेज पाइपलाइन को तोड़ दिया है। अन्य तीन पाइपलाइन को भी तोड़ा जाएगा। इन पाइपलाइन (Pipeline) के जरिये प्राधिकरण के बरसाती नाले में 24 घंटे सीवरेज का अशोधित पानी जाता है।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीवर विभाग (Sewer Department) ने विगत सोमवार को सेक्टर-1 स्थित सुपरटेक इकोविलेज-1 को नोटिस भेज सीवरेज का अशोधित पानी (Untreated Water) प्राधिकरण के नाले में डालने के लिए अवैध पाइपलाइन को हटाने के लिए तीन दिनों का समय दिया था। बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसी सोसाइटी के सीवरेज का अशोधित पानी 4-5 जगहों से पाइपलाइन डाल कर प्राधिकरण के बरसाती नाले में 24 घंटे जाता है। फिलहाल प्राधिकरण ने एक जगह का पाइपलाइन को तोड़ दिया है। अन्य पाइपलाइन भी ध्वस्त की जाएंगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीवर विभाग के प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि सोसाइटी से बहुत शिकायत मिल रहीं थी। मार्च 2022 में प्राधिकरण ने 1 करोड़ का जुर्माना लगाने के साथ एसटीपी बनाने और स्वचालित करने का आदेश दिया था लेकिन फिर भी बिल्डर ने कोई सुधार नहीं किया। निवासियों की शिकायत पर नवंबर महीने में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम से साथ जॉइंट इंस्पेक्शन भी कराया गया था। यूपीपीसीबी के जांच में सभी नमूने गलत साबित हुए थे जिसके वजह से यूपीपीसीबी ने भी काफी ज्यादा जुर्माना लगाया है। सीवरेज के अशोधित पानी को प्राधिकरण के नाले में गिरने से रोकने के लिए प्राधिकरण द्वारा एक्शन लिया जाता रहता है। उसी क्रम में सुपरटेक इकोविलेज-1 के पाइपलाइन को ध्वस्त करने की कार्यवाई की गई है।
अवैध पाइपलाइन के जरिये 24 घंटे फेंका जाता है दूषित पानी
ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर-1 स्थित सुपरटेक इकोविलेज-1 द्वारा गलत तरीके से सीवरेज का अशोधित पानी प्राधिकरण के बरसाती नाले में गिराया जाता है। बिल्डर ने अपने इस अवैध कार्य के लिए बाकायदा सड़क के नीचे से पाइपलाइन डाल रखा है। बिल्डर द्वारा इन पाइपलाइन के जरिये सोसाइटी का सीवरेज बिना शोधित किये 24 घंटे बरसाती नाले में फेंका जाता है।
एनजीटी के आदेशों के बाद हरकत में ग्रेनो प्राधिकरण
यमुना और हरनंदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी के हालिया निर्देशों के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सीवर विभाग चुस्त दुरुस्त होकर सोसाइटियों में स्थापित एसटीपी की जांच कर रहा। इसी क्रम में कुछ दिन पहले ही करीब तीन दर्जन से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस भेजा गया था। उसी क्रम में कई बिल्डरों और परियोजनाओं पर जुर्माना भी लगाया गया है।