उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Greater Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लोग अपनी मेहनत की कमाई लगा कर अपना घर खरीदते हैं, लेकिन बिल्डर की लापरवाही की वजह से उनको न समय पर उनका घर मिलता है, न ही कोइ उनकी समस्या सुनता है। फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) अपना पैसा लगाकर ठगा हुआ महसूस करते हैं। कुछ ऐसा ही मामला हुआ है ग्रेटर नोएडा के बीटा दो सेक्टर में रहने वाले अरविंद श्रीवास्तव के साथ। अरविंद श्रीवास्तव के मुताबिक बिल्डर ने तीन साल में कब्जे का वादा किया था जबकि दस साल बाद भी उनको फ्लैट नहीं मिला। और अब फ्लैट पर कोइ और कब्जा कर लिया है। अरविंद ने अब इसकी शिकायत पुलिस थाने में की है जिसके बाद बिसरख कोतवाली पुलिस (Bisarkh Kotwali Police) रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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अरविंद श्रीवास्तव की तहरीर पर मैसर्स रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर (Radican Infrastructure) के दो निदेशक, बैंक प्रबंधक व अन्य के खिलाफ धोखाधाड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह केस कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है। रिपोर्ट में बीटा दो सेक्टर में रहने वाले अरविंद श्रीवास्तव ने कहा है कि उन्होंने 17 जनवरी 2013 को एचडीएफसी बैंक से लोन लेकर मैसर्स रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर की परियोजना में 44.68 लाख का फ्लैट बुक कराया था। फ्लैट (Flat) बुक कराने के समय कहा गया था कि तीन साल में फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा। मैसर्स रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर के दो निदेशक बैंक प्रबंधक व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जानिए पूरा मामला
अरविंद के द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में है कि उन्होंने 17 जनवरी 2013 को एचडीएफसी बैंक से लोन लेकर मैसर्स रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर की परियोजना में 44.68 लाख का फ्लैट बुक कराया था। फ्लैट बुक कराते दौरान कहा गया था कि तीन साल में फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा। आरोप है कि बिल्डर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से ओसी सर्टिफिकेट नहीं मिला। इस वजह से 2015 में निर्माण कार्य रूक गया। अरविंद ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण विवाद आयोग में अर्जी दाखिल की। सात अक्तूबर 2022 को आयोग ने बिल्डर को दो महीने के अंदर खरीदार को नौ फीसदी ब्याज समेत सारी रकम लौटाने के लिए कहा।
बिल्डर ने नहीं माना आयोग का आदेश
बिल्डर ने आयोग का निर्देश नहीं माना। 28 अगस्त 2023 को अरविंद कुमार श्रीवास्तव अपने फ्लैट पर गए तो उन्होंने देखा कि वहां कोई अन्य व्यक्ति गृहप्रवेश कर रहा है। अरविंद ने स्टे की जानकारी देते हुए गृह प्रवेश करने वाले से बात की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आरोप है कि बिल्डर ने बाउंसर को बुला लिया।
मामले में मैसर्स रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक आलोक कुमार, निदेशक अमित कुमार, अर्पित गौतम, आफिस इंचार्ज रंजना चौधरी, शेयर होल्डर राजीव वर्मा, अजीत सिंह, बैंक प्रबंधक मानस कुमार पाठक, नुपुर किशोर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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