उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में तैयार हो चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए बिल्डरों को बकाये में राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार के आदेशों के बाद नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण (Noida-Greno Authority) ऐसे बिल्डरों को बकाये में राहत दे सकते हैं। ऐसे फ्लैटों की संख्या करीब 5 हजार है। यह छूट उन परियोजनाओं के लिए नहीं होगी, जिनके बिल्डरों ने अपना काम ही नहीं किया है। यूपी शासन और प्राधिकरण की तरफ से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। प्राधिकरण (Authority) के सूत्रों का कहना है कि इस पर जल्द से जल्द फैसला हो सकता है। बकाये की बाधा खत्म होने के बाद त्रिपक्षीय लीज डीड हो सकेगी।
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हाल ही में यूपी शासन की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से ग्रुप हाउसिंग परियोजना के बाबत एक तय फॉर्मेट में जानकारी मांगी गई है। इस जानकारी के अनुसार पूरी हो चुकी परियोजनाओं के फ्लैटों की संख्या की जानकारी के साथ ही बिल्डर के बकाये की राशि शामिल है। एक खबर के मुताबिक कई अलग-अलग फॉर्मेट में जानकारी मांगी गई है। इसमें पूरी हो चुकी, अधूरी परियोजना, एनसीएलटी में जा चुकी परियोजना समेत बिल्डरों को जमीन का आवंटन, जमीन का साइज, बिल्डरों पर बकाया, यूनिटों की ओसी, कितनी जमीन पर निर्माण हुआ, कितने खरीदारों को फ्लैट पर कब्जे आदि की जानकारी प्राधिकरणों ने शासन को दी है।
1.5 लाख फ्लैट खरीदारों के मामले का करना होगा समाधान
प्राधिकरणों व यूपी सरकार का इस फैसले के पीछे का कारण 1.5 लाख फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री कराना है। फिलहाल पहले चरण में पूरी हो चुकी परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने का काम शुरू होगा। इसके बाद अगले चरण में दूसरी अन्य परियोजनाओं को आगे बढ़ाये जाने के संकेत मिल रहे हैं।
कुछ इस तरह की छूट मिलने की संभावना
अमिताभ कांत की रिपोर्ट को ध्यान में रखकर बिल्डरों को दिए जाने वाले प्रस्तावित जीरो पीरियड अवधि को लेकर अध्ययन किया जा रहा है। इसमें चार साल की अवधि, जिसमें अप्रैल 2020 से सितंबर 2021 तक कोविड -19 के काल के अलावा अगस्त 2013 से अगस्त 2015 तक एनजीटी की ओर से दिए गए निर्देश की अवधि में हुए काम बंदी के आधार पर छूट मिल सकती है। कमेटी ने जून 2020 से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) के आधार पर छूट देने का प्रस्ताव दिया है।
अब इस आधार पर प्राधिकरण ने दोबारा गिनती करके सरकार को रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट के आधार पर अगर सभी बिल्डरों को राहत दी जाती है तो प्राधिकरण को बकाये में करीब 3 हजार करोड़ की छूट देना होगा। हालांकि यह सरकार पर निर्भर कर रहा है कि वह कितना और कौन-कौन से परियोजनाओं के लिए छूट देगी।
कोडेवलपर पॉलिसी पर भी आ सकता है फैसला
कमेटी ने कोडेवलपर के माध्यम से अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने का प्रस्ताव दिया है। अब प्राधिकरण की ओर से इस मामले में भी लगातार कोशिश की जा रही है। हालांकि अंतिम फैसला शासन का होगा कि इस मामले में पॉलिसी का निर्धारण किया जा सके। वहीं, अधूरे प्रोजेक्टों के मामले में प्लॉट के आंशिक सरेंडर का भी प्रस्ताव है। इसके माध्यम से दूसरे डेवलपर्स को भी मौका मिलेगा। साथ ही प्राधिकरण के बकाये पैसे वापस आएंगे। इन सबके साथ ही प्राधिकरण को बिना बकाया दिए पांच साल के लिए परियोजना को समय विस्तार देने का भी प्रस्ताव है। खरीदारों पर किसी तरह के आर्थिक दंड, अतिरिक्त ब्याज आदि का दबाव नहीं डाला जाएगा।
औद्योगिक विकास मंत्री ने सीएम से मिलकर रखी है बात
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बीते 15 दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की बिल्डर-खरीदार समस्या पर अपनी बात रखी है। सीएम को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। अमिताभ कांत की रिपोर्ट की भी जानकारी दी गई है। अब इंतजार इस बात का है कि यूपी सरकार कब बड़े फैसले लेते हुए इस मामले का समाधान करे।