Punjab News: चंडीगढ़ में पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) के बीच में बनने वाले अंडरपास (Underpass) को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि अंडरपास की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) को लगभग 4 साल बाद मंजूरी मिल गई है। कुछ मामूली बदलावों के साथ हैरिटेज कमेटी (Heritage Committee) ने इसको मंजूरी दे दी है। अब अंडरपास की ड्राइंग में संशोधन और उसके अनुसार एस्टीमेट बनाया जाएगा।
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यूटी प्रशासन (UT Administration) के इंजीनियरिंग विभाग का प्रयास है कि लोकसभा चुनाव से पहले अंडरपास का टेंडर जारी कर दिया जाए। साल 2018 में यूटी प्रशासन के अधिकारी और तत्कालीन निदेशक की मीटिंग हुई थी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से पूरे क्षेत्र का सर्वे किया गया और एक अंडरपास बनाने पर सहमति दी गई थी।
जानिए कब मिली थी मंजूरी
चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से इस अंडरपास का प्रस्ताव बनाकर चंडीगढ़ के तत्कालीन प्रशासक वीपी सिंह बदनोर को सौंपा गया था। उन्होंने इस प्रस्ताव को 4 नवंबर 2019 को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद काफी समय जगह तय करने और फिर करीब एक साल डिजाइन तैयार करने में चला गया। इसके बाद यह अंडरपास हैरिटेज कमेटी में फंस गया। हैरिटेज कमेटी से इसे मंजूरी नहीं मिली थी। अब हैरिटेज कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद उसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई है।
यूटी प्रशासन के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा ने जानकारी दी कि हाल में हुई बैठक में सीढ़ियां और रैंप से जुड़े कुछ मामूली बदलाव सुझाए गए थे। इसके बाद फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया है। अब सुझावों के मुताबिक अंडरपास के लिए ड्राइंग तैयार किए जाएंगे।
अंडरपास से मिलेगी मरीजों को राहत
यह अंडरपास पंजाब यूनिवर्सिटी के पास मौजूद बस स्टॉप और पीयू गेट के बीच में बनना है पीजीआई से जुड़ेगा। वर्तमान में पीजीआई और पीयू आने जाने वाले हजारों मरीजों को गाड़ियों की आवाजाही के बीच रोजाना सड़क पार करना पड़ता है। इससे उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। कई लोग तो हादसों का शिकार भी हो चुके हैं। जिसके चलते ही यहां अंडरपास बनाने की जरूरत पड़ी है।