Supertech के फ्लैट ख़रीदारों के लिए अच्छी और बड़ी खबर, जरूर पढ़िए
Greater Noida: सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। आपको बता दें कि 19 सितंबर को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में सुपरटेक कंपनी (Supertech Company) और एनबीसीसी (NBCC) की सुनवाई हुई थी, इस सुनवाई में एनबीसीसी ने सुपरटेक (Supertech) के प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रस्ताव पेश किया था। इसको लेकर स्टेकहोलडर मसलन बैंक, अथॉरिटी और होमबायर्स ने एनबीसीसी (NBCC) के प्रस्ताव का विरोध किया था। विरोध को देखते हुए एनसीएलएटी (NCLAT) ने सारे स्टेकहोल्डर को एनबीसीसी के प्रस्ताव के विरोध का लिखित में जवाब दायर करने को कहा था। आईआरपी इस मामले में सारे स्टेकहोल्डर का जबाव लेकर एनसीएलएटी (NCLAT) की अगली सुनवाई में पेश करेगी।
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दून स्क्वायर प्रोजेक्ट को मिली सहमति
आपको बता दें कि एनसीएलएटी (NCLAT) ने 25 सितंबर को सुपरटेक को दून स्क्वायर पूरा करने की अनुमति दे दी थी। दून सक्वायर प्रोजेक्ट (Doon Square Project) को बैंक ऑफ बड़ौदा और होमबायर्स की सहमति मिल गई थी जिसे एनसीएलएटी से स्वीकार कर लिया था। सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा के मुताबिक एनसीएलएटी का दून स्क्वायर को पूरा करने का आर्डर इस बात की तरफ इशारा करता है कि ज्यादातर होमबायर्स सुपरटेक के साथ हैं। उन्होंने आगे बताया कि आथॅरिटी, बैंक और ज्यादातर होमबायर्स ने एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध किया है जिसे आईआरपी लिखित रूप में ले रही है और उसे एनसीएलएटी में जमा करेगी।
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जानिए कितना लग जाएगा समय
चेयरमैन आरके अरोड़ा (RK Arora) ने बताया कि एनबीसीसी के प्रस्ताव को लेकर सारे स्टेकहोल्डर में शक की स्थिति होने के कई कारण हैं। एनबीसीसी के प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी … एनबीसीसी जो प्रस्ताव देगी उसे शुरू करने में लगभग 6 से एक साल का समय लगेगा क्योंकि एनबीसीसी सबसे पहले प्रोजेक्ट का डयू डीजिलेंस अपने स्तर पर करेगी, वहीं इस काम को कई नई कंपनीमसलन AECOM, EY, CBRE, Khaitan आदि संस्था कर चुकी है। इन संस्थाओं के रिपोर्ट के मुताबिक आईआरपी प्रोजेक्ट वाइस प्लान तैयार कर चुकी है।
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इन फेज वाले होमबायर्स का लंबा इंतजार करना पड़ेगा
एनबीसीसी सभी प्रोजेक्ट पर एक साथ काम शुरू नहीं कर पाएगी जिसकी वजह से फेज 2 और फेज 3 वाले होमबायर्स को काफी इतंजार करना पड़ेगा। एनबीसीसी ने लैंड अथारिटी और बैंक के बकाया राशि चुकाने का कोई टाइम पीरियड भी नहीं तय किया है। एनबीसीसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए किसी तरह की उत्तरदायित्व नहीं ले रही है। एनबीसीसी का यह प्रस्ताव उसी प्रकार है जो उसने आम्रपाली प्रोजेक्ट में दिया था जो सफल नहीं हुआ। आम्रपाली प्रोजेक्ट में भी लोगों को घर मिलने में देरी हो रही है, मेंटिनेंस की भी समस्या है, एनबीसीसी ओसी और सीसी को लेकर भी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।
एनबीसीसी के प्रस्ताव में कंस्ट्रशन कॉस्ट बहुत ज्यादा
एनबीसीसी के प्रस्ताव में कंस्ट्रशन कॉस्ट बहुत ज्यादा है। एक तरफ सुपरटेक ने पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अनुमानित राशि करीब 5192 करोड़ दी है वहीं दूसरी तरफ एनबीसीसी ने कंस्ट्रशन की अनुमानित राशि 9478 करोड़ दी है जो जीएसटी मिलाकर 10378 करोड़ होती है। यह राशि सुपरटेक प्रस्ताव के मुकाबले करीब दोगुनी है। इसका प्रभाव स्टेकहोल्डर पर भी पड़ेगा। एनबीसीसी के निर्माण क्वालिटी को लेकर भी संशय है।
12 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं सुपरटेक
चेयरमैन अरोड़ा ने बताया कि सुपरटेक के अभी जो प्रोजेक्ट बाकी हैं उसका मुख्य कारण पैसे की कमी है। एनबीसीसी ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि सुपरटेक तकनीकी कमियों की वजह से प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पा रहा है जो कि सरासर गलत है। सुपरटेक ने अभी तक 12 प्रोजेक्ट पूरा कर लिया है और 80000 हजार घर डिलीवर किए हैं जहां निर्माण संबंधी कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि बाकी प्रोजेक्ट को भी पूरा करेंगे।