Hemkund Sahib: विश्व के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Sri Hemkund Sahib) के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं (Devotees) के लिए अच्छी खबर है। बता दें कि हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुल रहे हैं। यात्रा का पहला जत्था शुक्रवार को धाधरियां के लिए रवाना किया गया। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि श्री हेमकुंड साहिब (Sri Hemkund Sahib) के दर्शनों के लिए जत्थे में लगभग 3200 सिख श्रद्धालु शामिल रहे। यह पहली बार है, जब यात्रा से पहले ही दिन 3200 से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब में मौजूद रहेंगे। शनिवार को सुबह करीब 6.30 बजे धांधरियां से 5 प्यारों की अगुवाई में यात्रियों का दूसरा जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होगा। जहां ठीक 9.30 बजे कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब का इतिहास
उत्तराखंड के चमोली जिले में हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) स्थित है। हेमकुंड साहिब की खोज 1934 में हुई थी। यह हिमालय में स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। यहां पर सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह ने अपने पिछले जीवन में ध्यान साधना की थी और वर्तमान जीवन लिया था।
इस जगह को यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा बहुत ही असामान्य, पवित्र, विस्मय और श्रद्धा का स्थान माना जाता है। यहां पर स्थित झील और इसके आसपास के क्षेत्र को लोग एक नाम “लोकपाल” से भी जानते हैं। 15,200 फीट की ऊंचाई पर सात बर्फीले पहाड़ों से घिरी इस जगह पर एक बड़ा तालाब भी है, जिसे लोकपाल कहते हैं। यहां भगवान लक्ष्मण का एक मंदिर भी है।