नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 45,000 से ज्यादा होमबॉयर्स को जल्द राहत मिलने वाली है। क्योंकि उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-RERA) ने राज्य सरकार से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डेवलपर्स के खिलाफ अनपेड ड्यूज राशि और 45,000 से ज्यादा आवास इकाइयों के पंजीकरण की अनुमति देने के लिए पेनल्टी को हटाने की सिफारिश की है।
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प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-RERA) ने राज्य सरकार से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डेवलपर्स के खिलाफ अनपेड ड्यूज राशि और 45,000 से ज्यादा आवास इकाइयों के पंजीकरण की अनुमति देने के लिए पेनल्टी को हटाने की सिफारिश की है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अनुमान के मुताबिक डेवलपर्स के पास करीब 39,000 करोड़ रुपये का बकाया है। अथॉरिटीज ने पूरे हो चुके प्रोजेक्ट्स के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificates) जारी नहीं किया है, जब तक कि डेवलपर्स अपनी बकाया राशि का भुगतान नहीं करते।
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यूपी-रेरा के राज्य सरकार को RERA अधिनियम की धारा 32 के तहत सिफारिशें की हैं और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट से रजिस्ट्री को डीलिंक करने का सुझाव दिया है क्योंकि रियल एस्टेट डेवलपर्स को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। ये उन 1,65,000 होमबायर्स की समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है जो काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।”
गारंटी के रूप में डेवलपर्स की पर्सनल प्रॉपर्टीज को गिरवी रखने का सुझाव
RERA के मुताबिक राज्य सरकार को ये भी सुझाव दिया गया है कि अधिकारी गारंटी के रूप में डेवलपर्स की पर्सनल ऐसेट्स और प्रॉपर्टीज को गिरवी रख सकते हैं ताकि गतिरोध को हल किया जा सके और खरीदारों को उनके घर मिल सकें।”
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रधिकरणों के अनुमानों के अनुसार, डेवलपर्स के पास बकाया राशि में तकरीबन 39,000 करोड़ रुपए हैं। वहीं अधिकारियों ने पूरी योजनाओं के लिए NOC अभी तक जारी नहीं किया है। जबतक कि डेवलपर्स अपनी बकाया राशि का भुगतान नहीं कर देते हैं।